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World Heritage Day : संस्कृति और विरासत की ऐतिहासिक और दुर्लभ वस्तुओं का खास नमूना...जानें 150 साल पुरानी धरोहरों को

वर्ल्ड हैरिटेज डे के अवसर पर हम आपको अजमेर के बीएल सामरा के बारे में बताएंगे जो इतिहास से जुड़ी दुर्लभ वस्तुओं को आज तक संभाले हुए हैं. सामरा बताते हैं कि ये उनका जुनून है. वो यह काम करीब 8 वर्ष उम्र से कर रहे हैं. बता दें कि अभी उनकी उम्र 50 वर्ष है.

अजमेर के बी एल सामरा के पास संस्कृति और विरासत की ऐतिहासिक और दुर्लभ वस्तुओं का खास नमूना
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Published : Apr 18, 2019, 9:11 AM IST

Updated : Apr 18, 2019, 9:24 AM IST

अजमेर. जिले की फाई सागर रोड स्थित गीता कॉलोनी में रहने वाले बीएल सामरा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की . जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पास मुगल काल के सिक्के मौजूद हैं. इसके साथ ही कई तरह के पुराने तालों और इत्र की शीशी भी मौजूद हैं, जो लगभग 100 से 150 साल पुरानी है. इसके साथ ही 125 देशों के डाक टिकट और कोटा महाराज द्वारा काशी महाराज को लिखा गया दुर्लभ पत्र भी मौजूद है.

सामरा ने बताया कि उन्हें ये प्रेरणा अपने दादा जी से मिली है. उनके दादा जी कहते थे कि कौड़ी भी कभी करोड़ों की हो सकती है. उस बात से प्रेरित होकर सामरा हर कोड़ी को अमूल्य मान कर अपने पास रखने लगे. जिसमें उनके पास मेवाड़ महाराणा का निमंत्रण पत्र भी है. जिसे डेकोरेट करने के लिए सोने की स्याही का इस्तेमाल किया गया है.

अजमेर के बी एल सामरा के पास संस्कृति और विरासत की ऐतिहासिक और दुर्लभ वस्तुओं का खास नमूना

फारसी में लिखी अद्भुत गीता
सामरा के पास फारसी में लिखी हुई अद्भुत गीता भी है जो करीब 100 साल पुरानी है. बता दें कि उस समय फारसी व उर्दू में ही पत्र व्यवहार किया जाता था. यही नहीं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पिता ग्वालियर महाराज जीवाजी राव सिंधिया के खजाने का हिसाब-किताब का पत्र व्यवहार भी सामरा के पास आज भी मौजूद हैं.

इसके साथ ही सामरा के पास कई ऐसी दुर्लभ वस्तुएं मौजूद है. जिनमें गायत्री मंत्र जिस कागज पर बना है उसके चारों और हिंदुओं के इष्टदेव भगवान भैरवनाथ और उनकी सवारी के चिन्ह अंकित हैं. सामरा का उद्देश्य बस प्राकृतिक और पारंपरिक चीजों को संजोए रखना है.

बता दें कि इसी मकसद से भारतीय जीवन बीमा निगम से सेवानिर्वत बीएल सामरा के घर के दो कमरे म्यूजियम की तरह पुरानी ऐतिहासिक यादों को समेटे हुए हैं. यही नहीं सामरा के इस काम में उनका परिवार भरपूर सहयोग दे रहा है. बीएल सामरा कई ऐतिहासिक प्रदर्शनियों में इन दुर्लभ वस्तुओ को प्रदर्शित कर चुके है.

अजमेर. जिले की फाई सागर रोड स्थित गीता कॉलोनी में रहने वाले बीएल सामरा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की . जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पास मुगल काल के सिक्के मौजूद हैं. इसके साथ ही कई तरह के पुराने तालों और इत्र की शीशी भी मौजूद हैं, जो लगभग 100 से 150 साल पुरानी है. इसके साथ ही 125 देशों के डाक टिकट और कोटा महाराज द्वारा काशी महाराज को लिखा गया दुर्लभ पत्र भी मौजूद है.

सामरा ने बताया कि उन्हें ये प्रेरणा अपने दादा जी से मिली है. उनके दादा जी कहते थे कि कौड़ी भी कभी करोड़ों की हो सकती है. उस बात से प्रेरित होकर सामरा हर कोड़ी को अमूल्य मान कर अपने पास रखने लगे. जिसमें उनके पास मेवाड़ महाराणा का निमंत्रण पत्र भी है. जिसे डेकोरेट करने के लिए सोने की स्याही का इस्तेमाल किया गया है.

अजमेर के बी एल सामरा के पास संस्कृति और विरासत की ऐतिहासिक और दुर्लभ वस्तुओं का खास नमूना

फारसी में लिखी अद्भुत गीता
सामरा के पास फारसी में लिखी हुई अद्भुत गीता भी है जो करीब 100 साल पुरानी है. बता दें कि उस समय फारसी व उर्दू में ही पत्र व्यवहार किया जाता था. यही नहीं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पिता ग्वालियर महाराज जीवाजी राव सिंधिया के खजाने का हिसाब-किताब का पत्र व्यवहार भी सामरा के पास आज भी मौजूद हैं.

इसके साथ ही सामरा के पास कई ऐसी दुर्लभ वस्तुएं मौजूद है. जिनमें गायत्री मंत्र जिस कागज पर बना है उसके चारों और हिंदुओं के इष्टदेव भगवान भैरवनाथ और उनकी सवारी के चिन्ह अंकित हैं. सामरा का उद्देश्य बस प्राकृतिक और पारंपरिक चीजों को संजोए रखना है.

बता दें कि इसी मकसद से भारतीय जीवन बीमा निगम से सेवानिर्वत बीएल सामरा के घर के दो कमरे म्यूजियम की तरह पुरानी ऐतिहासिक यादों को समेटे हुए हैं. यही नहीं सामरा के इस काम में उनका परिवार भरपूर सहयोग दे रहा है. बीएल सामरा कई ऐतिहासिक प्रदर्शनियों में इन दुर्लभ वस्तुओ को प्रदर्शित कर चुके है.

Intro:संस्कृति और विरासत की ऐतिहासिक और दुर्लभ वस्तुओं का खास नमूना है अजमेर के बी एल सामरा के पास

अजमेर के फाई सागर रोड स्थित गीता कॉलोनी में रहने वाले बीएल सामरा को अलग ही जुनून है जो वह इतिहास से जुड़ी उन दुर्लभ वस्तुओं को आज तक संभाले है यह जुनून सामरा को करीब 8 वर्ष के थे जब से इसी प्रकार से उनकी 50 वर्ष की उम्र तक कामयाब है


Body:सामरा अपने दादाजी द्वारा दिए गए एक अनमोल सिक्के और अपने दादा जी की कही बात को अपने जीवन में उतार ली दादा जी ने कहा था कि कौड़ी भी कभी करोड़ों की हो सकती है उस बात से प्रेरित होकर सामरा हर कोड़ी को अमूल्य मान कर अपने पास रखने लगे


सामरा ने ETV BHARAT से खास बातचीत में जानकारी देते हुए बताया कि उनके पास मुगल काल के सिक्के मौजूद हैं इसके साथ ही कई तरह के पुराने तालो व इत्र की शीशी मौजूद है जो लगभग 100 से 150 साल पुरानी है इसके साथ ही 125 देशों के डाक टिकट वह कोटा महाराज द्वारा काशी महाराज को लिखा गया दुर्लभ पत्र भी मौजूद है मेवाड़ महाराणा का निमंत्रण पत्र जिसे डेकोरेशन करने के लिए सोने की स्याही का इस्तेमाल किया गया है


फारसी में लिखी अद्भुत गीता जो करीब 100 साल पुरानी है उस समय के काल में फारसी में उर्दू में ही पत्र व्यवहार किया जाता था राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पिता ग्वालियर महाराज जीवाजी राव सिंधिया के खजाने का हिसाब- किताब का पत्र व्यवहार भी सामरा के पास आज भी मौजूद है


Conclusion:इसके साथ ही सामरा के पास कई दुर्लभ वस्तुएं मौजूद है जिनमें गायत्री मंत्र जिस कागज पर बना है उसके चारों और हिंदुओं के इष्टदेव भगवान भैरवनाथ और उनकी सवारी के चिन्ह अंकित है

सामरा का उद्देश्य बस एक ही है कि प्राकृतिक और पारंपरिक चीजों की यादें संजोए रखना इसी मकसद से भारतीय जीवन बीमा निगम से सेवानिर्वत बी .एल सामरा के घर के दो कमरे म्यूजियम की तरह पुरानी ऐतिहासिक यादों को समेटे हुए हैं


बी एल सामरा के इस काम में उनका परिवार भरपूर सहयोग उन्हें समय-समय पर मिलता रहता है उनका परिवार उनके इस कार्य में उनका साथ निभाता है बी एल सामरा कई ऐतिहासिक प्रदर्शनियों ने इन दुर्लभ वस्तुओ को प्रदर्शित कर चुके है


बाईट- बी एल सामरा
Last Updated : Apr 18, 2019, 9:24 AM IST
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