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महिला अपराधों में कमी लाने के लिए जागरूकता जरूरी : राजीव स्वरूप

अलवर के थानागाजी इलाके में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर काफी किरकिरी झेल चुका गृह विभाग अब अपनी छवि सुधारने में लग गया है. यही वजह है कि मंगलवार को पुलिस की कार्यशैली और महिला अपराध की संख्या किस तरह से कम हो, इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक हुई.

Additional Chief Secretary said awareness needed to reduce female crimes
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Published : May 28, 2019, 11:00 PM IST

जयपुर. अलवर के थानागाजी इलाके में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले को लेकर किरकिरी झेल चुका गृह विभाग अब अपनी छवि सुधारने में लग गया है. यही वजह है कि मंगलवार को पुलिस की कार्यशैली और महिला अपराध की संख्या किस तरह से कम हो, इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक हुई. जिसमें महिला उत्पीड़न और अपराध की घटनाओं की समीक्षा की गई.

महिला अपराधों में कमी लाने के लिए जागरुकता जरूरी- राजीव स्वरूप

वहीं, बैठक में महिला सुरक्षा से संबंधित कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक से अधिक सशक्त बनाने और महिला अपराधों की रोकथाम के संबंध में विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश के साथ सुझाव भी दिए गए. बैठक के बाद गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि महिलाओं के अपराध में कमी तभी लाई जा सकती है जब महिलाओं, बालक-बालिकाएं इससे जुड़े कानूनी प्रावधानों को लेकर जागरूक हों.

स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों को काउंसलिंग के माध्यम से इस संबंध में संवेदनशील किया जाना चाहिए. महिलाएं अब भी अपने साथ होने वाले अपराधों और उत्पीड़न के बारे में किसी को बताने से झिझक नहीं रखें. उन्होंने कहा कि महिलाएं पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाने से कतराती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से इन महिलाओं को जागरूक किया जाना चाहिए. महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे हेल्पलाइन नंबर 1090 के बारे में भी जन-जन तक जागरुकता पहुंचाई जानी चाहिए. जागरुकता फैलाने का काम एक अभियान की तरह किया जाना चाहिए.

राजीव स्वरूप ने कहा कि ग्राम सभाओं के माध्यम से गांव-गांव में लोगों को महिला अपराध से जुड़ी कानूनी प्रावधानों के बारे में जागरुक किया जाना चाहिए. जब महिलाएं बच्चियां और समाज को जब हम अपराध के बारे में कानूनी जानकारी देंगे तब जाकर महिला अपराध की संख्या में कमी आएगी. बैठक में पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने बताया कि लोगों को इन अपराधों के परिणाम के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए.

जिससे अपराध पर अंकुश लग सके. बैठक में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह, सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग गायत्री राठौड़ , सूचना जनसंपर्क आयुक्त एनएल मीणा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बीएल सोनी, पंचायत राज, सामाजिक न्याय अधिकारिता, महिला बाल विकास, कॉलेज स्कूल शिक्षा आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

जयपुर. अलवर के थानागाजी इलाके में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले को लेकर किरकिरी झेल चुका गृह विभाग अब अपनी छवि सुधारने में लग गया है. यही वजह है कि मंगलवार को पुलिस की कार्यशैली और महिला अपराध की संख्या किस तरह से कम हो, इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक हुई. जिसमें महिला उत्पीड़न और अपराध की घटनाओं की समीक्षा की गई.

महिला अपराधों में कमी लाने के लिए जागरुकता जरूरी- राजीव स्वरूप

वहीं, बैठक में महिला सुरक्षा से संबंधित कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक से अधिक सशक्त बनाने और महिला अपराधों की रोकथाम के संबंध में विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश के साथ सुझाव भी दिए गए. बैठक के बाद गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि महिलाओं के अपराध में कमी तभी लाई जा सकती है जब महिलाओं, बालक-बालिकाएं इससे जुड़े कानूनी प्रावधानों को लेकर जागरूक हों.

स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों को काउंसलिंग के माध्यम से इस संबंध में संवेदनशील किया जाना चाहिए. महिलाएं अब भी अपने साथ होने वाले अपराधों और उत्पीड़न के बारे में किसी को बताने से झिझक नहीं रखें. उन्होंने कहा कि महिलाएं पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाने से कतराती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से इन महिलाओं को जागरूक किया जाना चाहिए. महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे हेल्पलाइन नंबर 1090 के बारे में भी जन-जन तक जागरुकता पहुंचाई जानी चाहिए. जागरुकता फैलाने का काम एक अभियान की तरह किया जाना चाहिए.

राजीव स्वरूप ने कहा कि ग्राम सभाओं के माध्यम से गांव-गांव में लोगों को महिला अपराध से जुड़ी कानूनी प्रावधानों के बारे में जागरुक किया जाना चाहिए. जब महिलाएं बच्चियां और समाज को जब हम अपराध के बारे में कानूनी जानकारी देंगे तब जाकर महिला अपराध की संख्या में कमी आएगी. बैठक में पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने बताया कि लोगों को इन अपराधों के परिणाम के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए.

जिससे अपराध पर अंकुश लग सके. बैठक में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह, सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग गायत्री राठौड़ , सूचना जनसंपर्क आयुक्त एनएल मीणा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बीएल सोनी, पंचायत राज, सामाजिक न्याय अधिकारिता, महिला बाल विकास, कॉलेज स्कूल शिक्षा आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

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जयपुर-

महिला अपराधों में कमी के लिए जागरूकता जरूरी - एसीएस होम

एंकर:- अलवर के थानागाजी इलाके में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले को लेकर काफी किरकिरी झेल चुके गृह विभाग अब अपनी छवि सुधारने में लग गया है , यही वजह क्या आज पुलिस की कार्यशैली और महिलाओं पर अपराध की संख्या किस तरह से कम हो इसको लेकर गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप के अध्यक्षता में सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई , बैठक में महिला उत्पीड़न और अपराध की घटनाओं की समीक्षा की गई साथ ही महिला सुरक्षा से संबंधित कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक से अधिक सशक्त बनाने और महिला अपराधों की रोकथाम के संबंध में विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश के साथ सुझाव भी दिए गए , बैठक के बाद गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि महिलाओं के अपराध में कमी तभी लाई जा सकती है जब महिलाओं , बालक , बालिकाएं इससे जुड़े कानूनी प्रावधानों को लेकर जागरूक हों , स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों को काउंसलिंग के माध्यम से इस संबंध में संवेदनशील किया जाना चाहिए , महिलाएं अब भी अपने साथ होने वाले अपराधों और उत्पीड़न के बारे में किसी को बताने जिजक नही रखे , वो पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाने से कतराती है ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से इन महिलाओं को जागरूक किया जाना चाहिए , महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे हेल्पलाइन नंबर 1090 के बारे में भी जन-जन तक जागरूकता पहुंचाई जानी चाहिए , जागरूकता फैलाने का काम एक अभियान की तरह किया जाना चाहिए , राजीव स्वरूप ने कहा कि ग्राम सभाओं के माध्यम से गांव-गांव में लोगों को महिला अपराध से जुड़ी कानूनी प्रावधानों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए , जब महिलाएं बच्चियां और समाज को जब हम अपराध के बारे में कानूनी जानकारी देंगे तब जाकर महिला अपराध की संख्या में कमी आएगी , बैठक में पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने बताया कि लोगों को इन अपराधों के परिणाम के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए ताकि अपराध पर अंकुश लग सके , बैठक में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह , सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग गायत्री राठौड़ , सूचना जनसंपर्क आयुक्त एनएल मीणा , अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बीएल सोनी , पंचायत राज , पुलिस सामाजिक न्याय अधिकारिता , महिला बाल विकास , कॉलेज स्कूल शिक्षा आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे ।

बाइट:- राजीव स्वरूप - अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग


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