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चूरू में 1 जुलाई से प्रसूताओं और उनकी बच्चियों को नहीं मिल रहा जेएसवाई और राजश्री योजना का लाभ - Caesarean delivery

राजस्थान में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए पिछली सरकार ने जेएसवाई और राजश्री योजना को योग्य निजी अस्पतालों से जोड़ा था, लेकिन नई सरकार की ढिलाई के कारण इस साल अब तक अस्पतालों से नया अनुबंध नहीं किया गया है. जिसके कारण अस्पतालों में 1 जुलाई से प्रसव होने पर प्रसूताओं और उनकी बच्चियों को जेएसवाई और राजश्री योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

1500 की जगह अब 20 हजार रुपए देकर करवाने पड़ रहे हैं सिजेरियन प्रसव
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Published : Jul 8, 2019, 2:09 PM IST

चूरू . प्रदेश के अस्पतालों में 1 जुलाई से प्रसव होने पर प्रसूताओं और उनकी बच्चियों को जेएसवाई और राजश्री योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. बता दें कि इन योजनाओं के तहत अनुबंध के दौरान जो सामान्य प्रसव 500 और सिजेरियन प्रसव 1500 रुपए में हो जाते थे, वह अब 3 से 5 हजार और सिजेरियन प्रसव 15 से 25 हजार रुपए में किए जा रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक मार्च में इस योजना का अनुबंध खत्म हो गया था, लेकिन चुनावों को देखते हुए सरकार ने एक बार 3 माह के लिए इससे जुड़े सभी अस्पतालों का अनुबंध बढ़ा दिया था, जो 30 जून को खत्म हो गया. लेकिन सरकार ने मई में आचार संहिता हटने के बाद भी अब तक इसका अनुबंध न तो बढ़ाया है और ना ही नया अनुबंध किया है. इसके कारण अब इन अस्पतालों में जेएसवाई का लाभ नहीं मिल रहा और राजश्री के लाभ को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

1500 की जगह अब 20 हजार रुपए देकर करवाने पड़ रहे हैं सिजेरियन प्रसव

मरीजों को यह था फायदा

निजी अस्पतालों से अनुबंध होने पर प्रसूताओं और उनके परिजनों को सस्ती दर पर बेहतर उपचार मिल जाता था. इसके कारण सामान्य प्रसव के 500 और सिजेरियन के 1500 रुपए लिए जाते थे. इसके साथ ही प्रसूताओं को जेएसवाई की प्रोत्साहन राशि भी मिल जाती थी और बेटियां के जन्म होने पर राजश्री योजना का लाभ मिलता था और कुल 50 हजार रुपए मिलते थे.

चूरू में यह अस्पताल थे अनुबंधित

बता दें कि जिले में कुल 6 अस्पतालों को इससे जोड़ा गया था. जिसमें चूरू का चौधरी अस्पताल, रविंद्र हॉस्पिटल, सुजानगढ़ में जांगिड़ अस्पताल और भारत हॉस्पिटल, तारानगर में संजीवनी अस्पताल, रतनगढ़ में गंगाराम अस्पताल को इस योजना से जोड़ा गया था. यहां साल में तीन हजार या इससे अधिक प्रसव हो जाते थे.

चूरू . प्रदेश के अस्पतालों में 1 जुलाई से प्रसव होने पर प्रसूताओं और उनकी बच्चियों को जेएसवाई और राजश्री योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. बता दें कि इन योजनाओं के तहत अनुबंध के दौरान जो सामान्य प्रसव 500 और सिजेरियन प्रसव 1500 रुपए में हो जाते थे, वह अब 3 से 5 हजार और सिजेरियन प्रसव 15 से 25 हजार रुपए में किए जा रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक मार्च में इस योजना का अनुबंध खत्म हो गया था, लेकिन चुनावों को देखते हुए सरकार ने एक बार 3 माह के लिए इससे जुड़े सभी अस्पतालों का अनुबंध बढ़ा दिया था, जो 30 जून को खत्म हो गया. लेकिन सरकार ने मई में आचार संहिता हटने के बाद भी अब तक इसका अनुबंध न तो बढ़ाया है और ना ही नया अनुबंध किया है. इसके कारण अब इन अस्पतालों में जेएसवाई का लाभ नहीं मिल रहा और राजश्री के लाभ को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

1500 की जगह अब 20 हजार रुपए देकर करवाने पड़ रहे हैं सिजेरियन प्रसव

मरीजों को यह था फायदा

निजी अस्पतालों से अनुबंध होने पर प्रसूताओं और उनके परिजनों को सस्ती दर पर बेहतर उपचार मिल जाता था. इसके कारण सामान्य प्रसव के 500 और सिजेरियन के 1500 रुपए लिए जाते थे. इसके साथ ही प्रसूताओं को जेएसवाई की प्रोत्साहन राशि भी मिल जाती थी और बेटियां के जन्म होने पर राजश्री योजना का लाभ मिलता था और कुल 50 हजार रुपए मिलते थे.

चूरू में यह अस्पताल थे अनुबंधित

बता दें कि जिले में कुल 6 अस्पतालों को इससे जोड़ा गया था. जिसमें चूरू का चौधरी अस्पताल, रविंद्र हॉस्पिटल, सुजानगढ़ में जांगिड़ अस्पताल और भारत हॉस्पिटल, तारानगर में संजीवनी अस्पताल, रतनगढ़ में गंगाराम अस्पताल को इस योजना से जोड़ा गया था. यहां साल में तीन हजार या इससे अधिक प्रसव हो जाते थे.

Intro:चूरू_संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए पिछली सरकार ने जेएसवाई व राजश्री योजना को योग्य निजी अस्पतालों से जोड़ा था लेकिन नई सरकार की ढिलाई के कारण इस साल अब तक अस्पतालों से नया अनुबंध नहीं किया गया इसके कारण अस्पतालों में 1 जुलाई से प्रसव होने पर प्रसूताओं को व उनकी बच्चियों को जेएसवाई वह राजश्री योजना का लाभ नहीं मिल रहा।



Body:ज्ञातव्य हो की अनुबंध के दौरान जो सामान्य प्रसव 500 व सिजेरियन प्रसव 15 सो रुपए में हो जाते थे वह अब 3 से 5 हजार व सिजेरियन प्रसव 15 से 25 हजार रुपए में किए जा रहे हैं जानकारी के मुताबिक मार्च में इस योजना का अनुबंध खत्म हो गया था लेकिन चुनावों को देखते हुए सरकार ने एक बार 3 माह के लिए इससे जुड़े सभी अस्पतालों का अनुबंध बढ़ा दिया था जो 30 जून को खत्म हो गया लेकिन सरकार ने मई में आचार संहिता हटने के बाद भी अब तक इसका अनुबंध न तो बढ़ाया है और ना ही नया अनुबंध किया है इसके कारण अब इन अस्पतालों में जेएसवाई का लाभ नहीं मिल रहा व राजश्री के लाभ को लेकर भी
असमंजस की स्थिति बनी हुई है।


Conclusion:मरीजों को यह था फायदा

निजी अस्पतालों से अनुबंध होने पर प्रसूताओं व उनके परिजनों को सस्ती दर पर बेहतर उपचार मिल जाता था इसके कारण सामान्य प्रसव के 500 और सिजेरियन के 15 सो रुपए लिए जाते थे इसके साथ ही प्रसूताओं को जेएसवाई की प्रोत्साहन राशि 1000 से 14 रुपए मिल जाती थी तथा बेटियां के जन्म होने पर राजश्री योजना का लाभ मिलता था कुल 50 हजार रुपए।

चूरू में यह अस्पताल थे अनुबंधित

जानकारी के मुताबिक जिले में कुल 6 अस्पतालों को इससे जोड़ा गया था जिसमें चूरू का चौधरी अस्पताल, रविंद्र हॉस्पिटल, सुजानगढ़ में जांगिड़ अस्पताल वह भारत हॉस्पिटल, तारानगर में संजीवनी अस्पताल, रतनगढ़ में गंगाराम अस्पताल को इस योजना से जोड़ा गया था यहां साल में तीन हजार या इससे अधिक प्रसव हो जाते थे

बाईट_डॉक्टर बीके चौधरी,निजी अस्पताल निदेशक चूरू

बाईट_डॉक्टर भंवरलाल सर्वा, सीएमएचओ चूरू
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