चूरू . प्रदेश के अस्पतालों में 1 जुलाई से प्रसव होने पर प्रसूताओं और उनकी बच्चियों को जेएसवाई और राजश्री योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. बता दें कि इन योजनाओं के तहत अनुबंध के दौरान जो सामान्य प्रसव 500 और सिजेरियन प्रसव 1500 रुपए में हो जाते थे, वह अब 3 से 5 हजार और सिजेरियन प्रसव 15 से 25 हजार रुपए में किए जा रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक मार्च में इस योजना का अनुबंध खत्म हो गया था, लेकिन चुनावों को देखते हुए सरकार ने एक बार 3 माह के लिए इससे जुड़े सभी अस्पतालों का अनुबंध बढ़ा दिया था, जो 30 जून को खत्म हो गया. लेकिन सरकार ने मई में आचार संहिता हटने के बाद भी अब तक इसका अनुबंध न तो बढ़ाया है और ना ही नया अनुबंध किया है. इसके कारण अब इन अस्पतालों में जेएसवाई का लाभ नहीं मिल रहा और राजश्री के लाभ को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
मरीजों को यह था फायदा
निजी अस्पतालों से अनुबंध होने पर प्रसूताओं और उनके परिजनों को सस्ती दर पर बेहतर उपचार मिल जाता था. इसके कारण सामान्य प्रसव के 500 और सिजेरियन के 1500 रुपए लिए जाते थे. इसके साथ ही प्रसूताओं को जेएसवाई की प्रोत्साहन राशि भी मिल जाती थी और बेटियां के जन्म होने पर राजश्री योजना का लाभ मिलता था और कुल 50 हजार रुपए मिलते थे.
चूरू में यह अस्पताल थे अनुबंधित
बता दें कि जिले में कुल 6 अस्पतालों को इससे जोड़ा गया था. जिसमें चूरू का चौधरी अस्पताल, रविंद्र हॉस्पिटल, सुजानगढ़ में जांगिड़ अस्पताल और भारत हॉस्पिटल, तारानगर में संजीवनी अस्पताल, रतनगढ़ में गंगाराम अस्पताल को इस योजना से जोड़ा गया था. यहां साल में तीन हजार या इससे अधिक प्रसव हो जाते थे.