ETV Bharat / state

Man cheated collector Bundi : फर्जी सांसद बनकर कलेक्टर रेणु जयपाल से निकलवाए काम, SP से मिलने पहुंचा तो हुआ खुलासा

बूंदी कलेक्टर रेणु जयपाल धोखाधड़ी का शिकार (Man cheated collector Bundi) हो गई. फर्जी सांसद राज्यसभा सांसद बनकर कलेक्टर के अपने कई काम करवा लिए. पुलिस ने आरोपी (Bundi Police Arrested fake MP) को हिरासत में ले लिया है.

Bundi Police Arrested fake MP
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
author img

By

Published : Dec 11, 2021, 1:38 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 6:37 PM IST

बूंदी. बूंदी कलेक्टर रेणु जयपाल धोखाधड़ी की शिकार (Man cheated collector Bundi) हो गई. फर्जी राज्यसभा सांसद बनकर आरोपी ने कलेक्टर से अपने कई काम करवा लिए. कलेक्टर के निर्देश पर तहलीसदार से लेकर उच्च अधिकारियों ने फर्जी सांसद की खूब आवगत की और तुरंत की काम भी कर दिए. दरअसल, जगजीत सिंह नाम के व्यक्ति ने कलेक्टर रेणु जयपाल को खुद को राज्यसभा सांसद और पंजाब निवासी नरेंद्र सिंह गिल होना बताया. जब यह व्यक्ति एसपी से मिलने तो पहुंचा तो फर्जी सांसद का भंडाफोड़ हो गया. पुलिस ने आरोपी (Bundi Police Arrested fake MP) को हिरासत में ले लिया है.

दरअसल, कोटा के संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा बूंदी के दौरे पर शुक्रवार को आए हुए थे. इसी दौरान फर्जी राज्यसभा सांसद बनकर जगजीत सिंह नाम का व्यक्ति संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा और बूंदी कलेक्टर रेणु जयपाल से मिलने पहुंचा. इसके साथ ही उसने हिंडौली इलाके में अपना जमीन से संबंधित कोई कार्य होना बताया.

पढ़ें- बूंदीः धोखाधड़ी करने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार, फर्जी आईएएस बनकर विधायक से ठगे थे 9 लाख

संभागीय आयुक्त मीणा ने कलेक्टर रेणु जयपाल (Bundi Collector Renu Jaipal news) को उसकी समस्या दूर करने के निर्देश दिए. इस पर कलक्टर पीए ने हिंडौली के तहसीलदार को फोन भी कर दिया. इसके बाद फर्जी सांसद नरेंद्र सिंह गिल हिंडौली तहसीलदार से भी मिला. इस दौरान हिंडौली के तहसीलदार ने कलेक्टर कार्यालय से फोन आने के बाद उसकी काफी आवभगत की. दोनों लोग बीते बूंदी जिले के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से मिल रहे थे. जिसमें एक व्यक्ति अपने आपको राज्यसभा सांसद और पंजाब निवासी नरेंद्र सिंह गिल बता रहा था.उसने बाकायदा इसके लिए विजिटिंग कार्ड भी बनाया हुआ था. जिसमें भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह भी है. बूंदी पुलिस ने फर्जी राज्यसभा सांसद बनकर घूम रहे व्य़क्ति के साथ बूंदी के ही एक स्थानीय व्यक्ति को भी पकड़ा है.

कलेक्टर से तहसीलदार को करवाया फोन

आरोपी ने पुलिस कमिश्नर और कलेक्टर के फोन करवाए और अपना काम निकलवाया. हालांकि, जब यह पुलिस के आला अधिकारियों से मिला तो उन्हें शक हो गया. इसके बाद उन्होंने पुलिस को इसके पीछे लगा दिया. पुलिस ने जब पड़ताल की तो यह व्यक्ति ढाबे पर सोता हुआ मिला. जहां से उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस के अनुसार आरोपी हिमाचल प्रदेश के कालाअंब निवासी जगजीत सिंह (55) है. उसके पास एक बूंदी नंबर की कार भी पुलिस ने बरामद की है. यह व्यक्ति सर्किट हाउस भी अपने आप को राज्यसभा सांसद बताते हुए पहुंचा था. जहां पर रुकने के लिए वह कमरा चाह रहा था लेकिन उसके पास डॉक्यूमेंट नहीं थे. ऐसे में उसे कमरा नहीं मिला, लेकिन वह सर्किट हाउस में चाय नाश्ता करके रवाना हो गया.

SP को शक हुआ तो शुरू हुई निगरानी

बूंदी के एसपी जय यादव से जब यह फर्जी सांसद मिलने पहुंचा तो उन्हें शक हुआ कि इस तरह का व्यक्ति राज्यसभा सांसद नहीं हो सकता है. क्योंकि उसमें जो विजिटिंग कार्ड दिया था. उस पर अशोक के स्तंभ भी नहीं था. एसपी ने पुलिस को इस व्यक्ति की निगरानी के निर्देश दिए. पुलिस इसके पीछे लगी रही और इसे बूंदी बाईपास स्थित एक ढाबे पर सोते हुए ही दबोच लिया. यह व्यक्ति ढाबे पर बने हुए कमरों में ही सोया हुआ था. पुलिस आरोपी को कोतवाली लेकर आई है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.

बूंदी. बूंदी कलेक्टर रेणु जयपाल धोखाधड़ी की शिकार (Man cheated collector Bundi) हो गई. फर्जी राज्यसभा सांसद बनकर आरोपी ने कलेक्टर से अपने कई काम करवा लिए. कलेक्टर के निर्देश पर तहलीसदार से लेकर उच्च अधिकारियों ने फर्जी सांसद की खूब आवगत की और तुरंत की काम भी कर दिए. दरअसल, जगजीत सिंह नाम के व्यक्ति ने कलेक्टर रेणु जयपाल को खुद को राज्यसभा सांसद और पंजाब निवासी नरेंद्र सिंह गिल होना बताया. जब यह व्यक्ति एसपी से मिलने तो पहुंचा तो फर्जी सांसद का भंडाफोड़ हो गया. पुलिस ने आरोपी (Bundi Police Arrested fake MP) को हिरासत में ले लिया है.

दरअसल, कोटा के संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा बूंदी के दौरे पर शुक्रवार को आए हुए थे. इसी दौरान फर्जी राज्यसभा सांसद बनकर जगजीत सिंह नाम का व्यक्ति संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा और बूंदी कलेक्टर रेणु जयपाल से मिलने पहुंचा. इसके साथ ही उसने हिंडौली इलाके में अपना जमीन से संबंधित कोई कार्य होना बताया.

पढ़ें- बूंदीः धोखाधड़ी करने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार, फर्जी आईएएस बनकर विधायक से ठगे थे 9 लाख

संभागीय आयुक्त मीणा ने कलेक्टर रेणु जयपाल (Bundi Collector Renu Jaipal news) को उसकी समस्या दूर करने के निर्देश दिए. इस पर कलक्टर पीए ने हिंडौली के तहसीलदार को फोन भी कर दिया. इसके बाद फर्जी सांसद नरेंद्र सिंह गिल हिंडौली तहसीलदार से भी मिला. इस दौरान हिंडौली के तहसीलदार ने कलेक्टर कार्यालय से फोन आने के बाद उसकी काफी आवभगत की. दोनों लोग बीते बूंदी जिले के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से मिल रहे थे. जिसमें एक व्यक्ति अपने आपको राज्यसभा सांसद और पंजाब निवासी नरेंद्र सिंह गिल बता रहा था.उसने बाकायदा इसके लिए विजिटिंग कार्ड भी बनाया हुआ था. जिसमें भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह भी है. बूंदी पुलिस ने फर्जी राज्यसभा सांसद बनकर घूम रहे व्य़क्ति के साथ बूंदी के ही एक स्थानीय व्यक्ति को भी पकड़ा है.

कलेक्टर से तहसीलदार को करवाया फोन

आरोपी ने पुलिस कमिश्नर और कलेक्टर के फोन करवाए और अपना काम निकलवाया. हालांकि, जब यह पुलिस के आला अधिकारियों से मिला तो उन्हें शक हो गया. इसके बाद उन्होंने पुलिस को इसके पीछे लगा दिया. पुलिस ने जब पड़ताल की तो यह व्यक्ति ढाबे पर सोता हुआ मिला. जहां से उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस के अनुसार आरोपी हिमाचल प्रदेश के कालाअंब निवासी जगजीत सिंह (55) है. उसके पास एक बूंदी नंबर की कार भी पुलिस ने बरामद की है. यह व्यक्ति सर्किट हाउस भी अपने आप को राज्यसभा सांसद बताते हुए पहुंचा था. जहां पर रुकने के लिए वह कमरा चाह रहा था लेकिन उसके पास डॉक्यूमेंट नहीं थे. ऐसे में उसे कमरा नहीं मिला, लेकिन वह सर्किट हाउस में चाय नाश्ता करके रवाना हो गया.

SP को शक हुआ तो शुरू हुई निगरानी

बूंदी के एसपी जय यादव से जब यह फर्जी सांसद मिलने पहुंचा तो उन्हें शक हुआ कि इस तरह का व्यक्ति राज्यसभा सांसद नहीं हो सकता है. क्योंकि उसमें जो विजिटिंग कार्ड दिया था. उस पर अशोक के स्तंभ भी नहीं था. एसपी ने पुलिस को इस व्यक्ति की निगरानी के निर्देश दिए. पुलिस इसके पीछे लगी रही और इसे बूंदी बाईपास स्थित एक ढाबे पर सोते हुए ही दबोच लिया. यह व्यक्ति ढाबे पर बने हुए कमरों में ही सोया हुआ था. पुलिस आरोपी को कोतवाली लेकर आई है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.

Last Updated : Dec 11, 2021, 6:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.