बूंदी. राजस्थान के डूंगरपुर में हुए आदिवासी अभ्यार्थियों के आंदोलन के मामले में बूंदी में भी आदिवासी समाज से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने ज्ञापन में पांच सूत्रीय मांग का जिक्र करते हुए कहा है कि आदिवासी अभ्यार्थियों को 1,167 रिक्त पदों पर भर्ती की मांग को तुरंत प्रभाव से पूर्ण किया जाए और इस भर्ती प्रक्रिया में जो भी संवैधानिक और कानूनी संकट है उसको पूरा किया जाए.
उन्होंने ज्ञापन में लिखा है कि टीएसपी क्षेत्र में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था की जाए. दूसरा आदिवासी आंदोलनकारियों पर हुए गोलीकांड की एक रिटायर्ड जज के नेतृत्व में न्यायिक आयोग बनाकर जांच की जाए, जिसमें आदिवासी प्रतिनिधि भी शामिल हो.
इसके साथ ही उन्होंने ज्ञापन में मांग की है कि आदिवासी आंदोलनकारी पुलिस गोलीबारी में शहीद हुए हैं. उनको मुआवजा राशि के तौर पर एक करोड़ देने के साथ सरकारी नौकरी भी दी जाए. आंदोलनकारियों ने ज्ञापन में आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस ने आंदोलनकारियों पर गोलीबारी कर उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे लगाए हैं निर्दोष लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
आदिवासी समाज के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि पुलिस इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं करती है तो और सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षक 2018 की गाइडलाइंस के अनुसार पालना नहीं करती है तो आदिवासी समाज और उग्र आंदोलन करेगा. ये आंदोलन डूंगरपुर में नहीं पूरे राजस्थान में करने की चेतावनी समाज की ओर से दी गई है.
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बता दें कि डूंगरपुर जिले के खेरवाड़ा तहसील के कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के 1,167 अभ्यार्थी तृतीय श्रेणी शिक्षक 2018 में अनु पालना कराने को लेकर आंदोलन कर रहे थे. तभी आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया और इसमें 2 लोगों की मौत भी हो गई. वहीं पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ इस मामले में प्रकरण भी दर्ज किया है.
3 हजार से ज्यादा उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज, 34 हिरासत में
चार दिनों से जिले में चल रहे उपद्रव को लेकर डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा और सदर थाने में करीब 9 मामले दर्ज किए गए है. इस मामले में पुलिस ने करीब 200 लोगो को नामजद किया है. वहीं करीब 3 हजार लोगों के खिलाफ उपद्रव फैलाने, पथराव, आगजनी, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है.