बूंदी. सिलोर गांव के निकट गेहूं की डंठल से भूसा बनाते समय ट्रैक्टर में आग लगने का मामला सामने आया है. यहां दोपहर के समय किसान सत्यनारायण गुर्जर और अन्य किसान ट्रैक्टर के सहारे भूसा बना रहे थे, तभी अचानक से खेत में आग लग गई और देखते ही देखते आग पूरे खेत में विकराल रूप धारण करती हुई चली गई. आसपास के कई बीघा डंठल सहित 50 बीघा खड़े गेहूं जलकर राख हो गए.
आग की सूचना पर सदर थाना पुलिस और दमकल मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने की कोशिश की गई. ग्रामीणों ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. लेकिन तब तक किसान का ट्रैक्टर पूरी तरह से आग के हवाले हो चुका था. मौके पर आग लगने के साथ ही किसानों की ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई. वहीं आग का विकराल रूप इस कदर था कि दूर-दूर तक आग की लपटें आसमान में धुएं के साथ दिखाई दे रही थी और किसानों की चिल्लाहट सुनाई दे रही थी. लगातार आग लगने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में किसानों ने आग लगने के साथ ही हुए नुकसान की भरपाई करने की भी मांग की है.
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उधर, बूंदी के खटकड़, केशवरायपाटन, नैनवां और डाबी इलाके में भी किसानों के खेतों में इसी तरह आग लगने के मामले सामने आए हैं. वहीं किसानों की नाराजगी समय पर दमकलों के नहीं पहुंचने पर भी देखी जा रही है. हालांकि, केशोरायपाटन और दोईखेड़ा जहां सबसे ज्यादा आग लगती है. वहां पर प्रशासन ने एक-एक दमकल की व्यवस्था करवाई है. ताकि आग लगने के तुरंत बाद आग पर काबू पाने की कोशिश की जा सके. लेकिन अन्य जगहों पर दमकल की कोई व्यवस्था नहीं होने के चलते किसानों की फसलें ही जलकर राख हो रही हैं.