बूंदी. जिले में समर्थन मूल्य पर चना और गेहूं की खरीद को लेकर राजफैड, तिलम संघ के माध्यम से टोकन वितरण का कार्य किया गया. यहां बूंदी में समर्थन मूल्य पर तीन खरीद केंद्रों को लेकर दिनभर किसान गिरदावरी जमा कराने के साथ ही टोकन लेते हुए नजर आए. वहीं पुलिस भी किसानों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने को लेकर जागरुक करती हुई दिखी.
बूंदी में समर्थन मूल्य के लिए राजफेड और तिलम संघ के टोकन तहसील कार्यालय में बूंदी में टोकन दिए जा रहे है. इसको लेकर बूंदी तहसील कार्यालय की ओर से विभिन्न व्यवस्था की गई है. यहां पर कोरोना एडवाइजरी की पालना करने के साथ ही किसानों को सोशल डिस्टेंसिंग में गिरदावरी ली जा रही है. सीधा गिरदावरी दस्तावेज हाथ में आना लेकर एक बॉक्स में किसान उस गिरदावरी के दस्तावेजों को डाल रहे हैं. जिससे संक्रमण का खतरा नहीं फैले. सुबह से लेकर दोपहर तक चले गिरदावरी जमाबंदी के बाद अधिकारियों ने गिरदावरी दस्तावेजों की जांच की उसके बाद किसानों को टोकन जारी करने का काम किया गया.
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बूंदी तहसीलदार लक्ष्मी नारायण प्रजापत ने बताया कि बूंदी में समर्थन मूल्य के लिए राजफैड, तिलम संघ के करीब छह खरीद केंद्र है. जिसमें हमें तीन खरीद केंद्र के लिए स्वीकृति मिली है. खरीद केंद्र खड़कड, अजेता, गुड़ा नाथावतन शामिल हैं. यहां सभी जगह के किसानों को हमने पंचायत के माध्यम से सूचित करवा दिया था और गिरदावरी जमा कराने के लिए तहसील में कहा था. उसी के साथ किसान सुबह से ही दस्तावेज को जमा करा रहे हैं. इधर दस्तावेज जमा कराने के साथ हमने किसानों को तय समय में टोकन जारी किए हैं. जिससे किसान अपनी फसल को बेच सके. एक किसान से प्रति 500 क्विंटल ही खरीद की जाएगी और अभी क्वांटिटी निर्धारित की है. वहीं किसानों से बूंदी तहसीलदार ने धैर्य बनाने और समय-समय पर सरकार के आदेशों की पालना करने की अपील की है.
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बता दें कि कोटा-बूंदी क्षेत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद में अव्यवस्थाओं को लेकर विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने लोकसभा अध्यक्ष बिरला को जानकारी दी थी. इसके बाद बिरला ने कोटा और बूंदी के जिला कलेक्टर और एफसीआई और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में बिरला ने कहा कि गेहूं खरीद प्रक्रिया के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
उन्होंने 120 क्विंटल की सीलिंग को समाप्त करने के कड़े निर्देश दते हुए कहा कि एफसीआई, राजफेड और अन्य एजेसियां किसानों से शत-प्रतिशत गेहूं की खरीद करेंगी. बिरला ने कहा कि एफसीआई और राजफेड अपनी खरीद क्षमता को बढ़ाएंगे तथा प्रतिदिन खरीद की सीलिंग को भी समाप्त करेंगे.