बूंदी. आज यानि 4 नवंबर (बुधवार) से कार्तिक महीने की शुरुआत होने के साथ ही करवाचौथ का पर्व भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसा कहा जाता है कि यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. शास्त्रों के अनुसार इस व्रत में चौथ माता की पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद लिया जाता है. चौथ माता हिंदू धर्म की प्रमुख देवी मानी जाती हैं, जो स्वयं माता पार्वती का ही रूप हैं. करवाचौथ के अवसर पर बूंदी में स्थित चौथ माता मंदिर की कहानी से रू-ब-रू करवाएंगे.
बूंदी शहर से 6 किलोमीटर दूर स्थित बाणगंगा रोड स्थित चोटी पर चौथ माता का मंदिर है. यह बहुत ही प्राचीन वास्तुकला का प्रतीक है. बता दें कि इस मंदिर की स्थापना बूंदी के राजा द्वारा की गई थी और विशाल मंदिर यहां बनवाया गया था. उसी के साथ ही जब भी कोई बड़ा पर्व होता है तो यहां पर श्रद्धालुओं का तांता देखने को मिलता है. जब करवा चौथ का दिन होता है तो चौथ माता के मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ के दिन माता के दर्शन और पूजा करने से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. साथ ही दांपत्य जीवन में भी सुख बढ़ता है.
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बता दें कि कई साल पहले सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा से चौथ माता का एक प्रतिरूप बूंदी के राजा लेकर आए थे. बाणगंगा की पहाड़ी पर माता का मंदिर बनवाकर बूंदी के शासकों ने कुल देवी माना था. तभी से ही कई चमत्कार चौथ माता के यहां पर देखे जा रहे हैं और हर साल माता का जब भी मेला लगता है तो हजारों की तादाद में श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंच जाते हैं.
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लोगों का कहना है कि कोई भी शुभ कार्य करने से पहले चौथ माता को निमंत्रण दिया जाता है. ऐसा करने से वह कार्य जल्दी ही पूरा हो जाता है. बूंदी के राज घराने में चौथ माता को कुल देवी के रूप में पूजा जाता है. मंदिर में पति की लंबी उम्र, संतान प्राप्ति और सुख-समृद्धि की कामना को लेकर भक्तजन दर्शन करने आते हैं. बता दें कि मंदिर में सैकड़ों साल से एक अखंड ज्योति भी जल रही है. वैसे तो यहां पर हर दिन भक्त जनों की भीड़ रहती है. लेकिन करवा चौथ पर अलग ही नजारा यहां देखने को मिलता है.
चौथ माता के दरबार में दर्शन करने पहुंचे भक्तजन
कोरोना वायरस के चलते पूरे बूंदी जिले में सभी धार्मिक प्रतिष्ठान बूंदी प्रशासन द्वारा बंद किए हुए हैं. यहां पर कोई भी आयोजन नहीं हो रहा है. इस बीच कोरोना वायरस के इस दौर में भी लोग माता के दर्शन करने से नहीं चूक रहे हैं. हालांकि भगवान के पट बंद हैं, लेकिन आस्था इतनी बड़ी है कि भगवान के दर्शन भक्तजन दूर से ही कर रहे हैं और अपनी मनोकामना लेकर वहां पहुंच रहे हैं. इसको लेकर मंदिर समिति द्वारा कोरोना एडवाइजरी की पालना को लेकर विशेष सख्ती बरती गई है.
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मंदिर के प्रमुख पटों को बंद कर दिया गया है. केवल एक दरवाजे को यहां पर खोला गया है और वहां पर लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है. लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. ताकि कोरोना का संक्रमण न फैले. माता के दर्शन करने आए दर्शनार्थियों ने बताया कि चौथ माता मंदिर में दर्शन करने के साथ ही करवा चौथ पर पति की लंबी उम्र की कामना हमने की है. माता हर साल हमारी मनोकामना पूरी करती है और सुख-समृद्धि हमें परिवार में प्रदान करती है.