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परदेस में बंधक बने मजदूर...राष्ट्रपति भवन, पीएमओ और विदेश मंत्रालय तक लगाई गुहार

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Published : Apr 11, 2021, 8:01 PM IST

राजस्थान के बूंदी व भरतपुर जिले के रहने वाले दो भारतीय नागरिक सऊदी अरब से अपने परिवार के पास वापस लौटने के लिए दिन-रात आंसू बहा रहे हैं. जिस कंपनी में वे काम करते हैं वहां उन्हें जबरन बंधक बना लिया गया है. ऐसे में अब उनकी वतन वापसी कराने के लिए परिजन और कांग्रेसी नेता चर्मेश शर्मा ने दिल्ली तक गुहार लगाई है.

राष्ट्रपति भवन, पीएमओ और विदेश मंत्रालय से गुहार, Bundi and Bharatpur men hostage in Saudi
बूंदी व भरतपुर के व्यक्ति सऊदी में बंधक

बूंदी. राजस्थान के बूंदी व भरतपुर जिले के रहने वाले दो भारतीय नागरिक सऊदी अरब से अपने परिवार के पास वापस लौटने के लिए दिन-रात आंसू बहा रहे हैं. राजस्थान के बूंदी जिले के निवासी गफ्फार मोहम्मद व भरतपुर के विश्राम जाटव रोजगार के लिए सऊदी अरब गए थे. दोनों की रिहाई को लेकर अब परिजन राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय पहुंच गए हैं जहां पीड़ित की वतन वापसी कराने की गुहार लगा रहे हैं.

बूंदी व भरतपुर के व्यक्ति सऊदी में बंधक

सउदी अरब के यंबू में चार माह से बंधक राजस्थान निवासी भारतीय मजदूरों का मामला दिल्ली तक पहुंच गया है. परिजनों ने राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय व विदेश मंत्रालय पहुंचकर कर गुहार लगाई है. इनमें भरतपुर जिले के विश्राम जाटव की तबीयत ज्यादा बिगड़ने और सउदी अरब की कम्पनी द्वारा इलाज नहीं करवाने से मामला गम्भीर हो गया है. बीमार भारतीय मजदूर का जीवन बचाने के लिये विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिये कार्य करने वाले कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय में लिखित ज्ञापन देकर मदद की मांग की है.

पढ़ें: शंभू पुजारी मौत प्रकरण पर सरकार से बनी सहमति, 3 घंटे सचिवालय में चली वार्ता के बाद मानी गईं मांगें

सउदी से विश्राम जाटव की गम्भीर स्थिति की जानकारी मिलने व दूसरे मजदूरों द्वारा यंबू अस्पताल से बीमार मजदूर के फोटो भेजने के बाद चर्मेश शर्मा बुधवार रात ही नई दिल्ली के लिये रवाना हो गए. उन्होंने गुरुवार को भी विदेश मंत्रालय जाकर इस मामले में भारत सरकार से दखल देने की मांग रखी. इधर, भरतपुर राजस्थान में बीमार मजदूर का परिवार भी विश्राम जाटव की सकुशलता को लेकर चिंतित है. विश्राम जाटव के पुत्र हरीशचन्द्र जाटव ने भी भारत सरकार से वीडियो के माध्यम से अपने पिता के इलाज के लिये अपील की है.

पढ़ें: भीलवाड़ा : ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किये गंगाबाई मंदिर के दर्शन...कहा-राजस्थान से पुराना रिश्ता

चार वर्ष पूर्व बून्दी जिले के निवासी गफ्फार व भरतपुर के विश्राम जाटव अपने परिवार के पालन पोषण के लिये रोजगार के संबंध में सउदी अरब गये थे. नवम्बर 2020 में वर्क एग्रीमेंट पूरा होने पर दोनों भारतीय मजदूरों ने परिवार के पास भारत भेजने की मांग की तो कम्पनी ने उन्हें यंबू में ही बंधक बना लिया. इनका वेतन भी नहीं दिया और भोजन देना तक बंद कर दिया. तभी से दोनों भारतीय मजदूर कंपनी के दूसरे कर्मचारियों को मिलने वाले खाने में से बचा कुचा खाकर जीवन गुजार रहे हैं. चार माह से दोनों भारतीय नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. विगत 18 मार्च को बंधक मजदूरों ने विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिये कार्य करने वाले राजस्थान के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा को किसी तरह सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो भेजकर मदद मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली तक यह प्रकरण पहुंचाया.

बूंदी. राजस्थान के बूंदी व भरतपुर जिले के रहने वाले दो भारतीय नागरिक सऊदी अरब से अपने परिवार के पास वापस लौटने के लिए दिन-रात आंसू बहा रहे हैं. राजस्थान के बूंदी जिले के निवासी गफ्फार मोहम्मद व भरतपुर के विश्राम जाटव रोजगार के लिए सऊदी अरब गए थे. दोनों की रिहाई को लेकर अब परिजन राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय पहुंच गए हैं जहां पीड़ित की वतन वापसी कराने की गुहार लगा रहे हैं.

बूंदी व भरतपुर के व्यक्ति सऊदी में बंधक

सउदी अरब के यंबू में चार माह से बंधक राजस्थान निवासी भारतीय मजदूरों का मामला दिल्ली तक पहुंच गया है. परिजनों ने राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय व विदेश मंत्रालय पहुंचकर कर गुहार लगाई है. इनमें भरतपुर जिले के विश्राम जाटव की तबीयत ज्यादा बिगड़ने और सउदी अरब की कम्पनी द्वारा इलाज नहीं करवाने से मामला गम्भीर हो गया है. बीमार भारतीय मजदूर का जीवन बचाने के लिये विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिये कार्य करने वाले कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय में लिखित ज्ञापन देकर मदद की मांग की है.

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सउदी से विश्राम जाटव की गम्भीर स्थिति की जानकारी मिलने व दूसरे मजदूरों द्वारा यंबू अस्पताल से बीमार मजदूर के फोटो भेजने के बाद चर्मेश शर्मा बुधवार रात ही नई दिल्ली के लिये रवाना हो गए. उन्होंने गुरुवार को भी विदेश मंत्रालय जाकर इस मामले में भारत सरकार से दखल देने की मांग रखी. इधर, भरतपुर राजस्थान में बीमार मजदूर का परिवार भी विश्राम जाटव की सकुशलता को लेकर चिंतित है. विश्राम जाटव के पुत्र हरीशचन्द्र जाटव ने भी भारत सरकार से वीडियो के माध्यम से अपने पिता के इलाज के लिये अपील की है.

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चार वर्ष पूर्व बून्दी जिले के निवासी गफ्फार व भरतपुर के विश्राम जाटव अपने परिवार के पालन पोषण के लिये रोजगार के संबंध में सउदी अरब गये थे. नवम्बर 2020 में वर्क एग्रीमेंट पूरा होने पर दोनों भारतीय मजदूरों ने परिवार के पास भारत भेजने की मांग की तो कम्पनी ने उन्हें यंबू में ही बंधक बना लिया. इनका वेतन भी नहीं दिया और भोजन देना तक बंद कर दिया. तभी से दोनों भारतीय मजदूर कंपनी के दूसरे कर्मचारियों को मिलने वाले खाने में से बचा कुचा खाकर जीवन गुजार रहे हैं. चार माह से दोनों भारतीय नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. विगत 18 मार्च को बंधक मजदूरों ने विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिये कार्य करने वाले राजस्थान के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा को किसी तरह सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो भेजकर मदद मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली तक यह प्रकरण पहुंचाया.

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