बूंदी. देश में लगातार कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. ऐसे में देश की चुनिंदा जगहों पर ही कोविड-19 की जांच की जा रही है. इनमें से कुछ ही ऐसे प्रमुख मेडिकल कॉलेज हैं जहां इनका उपचार संभव हो पा रहा है. वहीं, जब तक कोरोना वायरस की वैक्सीन सामने नहीं आ जाती तब तक कोरोना वायरस की बीमारी का तोड़ नहीं निकाला जा सकता. ऐसे में सावधानी ही उपचार है ऐसा दवा स्वास्थ्य विभाग कर रहा है.
बूंदी की बात की जाए तो कोरोना वायरस का लगातार संक्रमण बढ़ता जा रहा है. बुधवार 5 अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार बूंदी कोरोना के एक्टिव केस 160 हैं. जिनमें से अधिकतर लोगों का बूंदी में ही उपचार चल रहा है और अधिक संक्रमण वाले लोगों को कोटा मेडिकल भेजा गया है.
किसान भवन हो रहा कोविड सेंटर में तब्दील
कोरोना वायरस की बूंदी में एंट्री होने के साथ ही प्रशासन ने धान मंडी रोड स्थित किसान भवन को कोविड-19 केयर सेंटर का रूप देना शुरू कर दिया था और सारी सुविधाएं कोविड-19 सेंटर पर स्थापित कर दी गई थी. ऐसे में जब बूंदी में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा तो वहां पर प्रशासन ने मरीजों को शिफ्ट करना शुरू कर दिया था.
धान मंडी कोविड केयर सेंटर हुआ फुल
बूंदी के कोविड-19 सेंटर में 45 बेड हैं जहां कई मरीजों का उपचार जारी है. यानी यह धान मंडी वाला कोविड केयर सेंटर पूरी तरह से मरीजों से भर गया है. इसी तरह प्रशासन ने शहर के नैनवा रोड स्थित जगजीवन राम छात्रावास को भी नया कोविड-19 केयर सेंटर बनाया है. यहां पर भी प्रशासन ने कोविड-19 की सभी सुविधा को स्थापित कर दिया है. जल्द ही या यूं कहें एक या 2 दिन में इसका संचालन करना शुरू हो जाएगा तो नए मरीजों को भी यहां पर भर्ती किया जाएगा. जिससे उन्हें कोटा नहीं जाना पड़ेगा.
पढ़ेंः स्पेशल: लॉकडाउन में हुए थे बेरोजगार, पुश्तैनी धंधे को शुरू कर बन गए 'आत्मनिर्भर'
बूंदी में नहीं है ICU की व्यवस्था
बूंदी में कोरोना से संक्रमित मरीजों का केवल सामान्य उपचार ही हो रहा है. यहां कोई आइसीयू की व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण मरीजों को कोटा मेडिकल कॉलेज भेजा रहा है. कोविड केयर सेंटर में सभी मरीजों का प्रशासन की निगरानी में इलाज किया जा रहा है.
शुरुआत में नहीं था कोविड केयर सेंटर
बूंदी में कोरोना वायरस की बात की जाए तो जब से कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं तब से बूंदी में प्रशासन सर्तक है और उनको समय-समय पर उपचार के लिए निगरानी रखता रहा है. शुरुआती दौर में बूंदी में कोविड-19 केयर सेंटर नहीं होने के चलते प्रशासन ने सभी मरीजों को कोटा मेडिकल कॉलेज ही भेजा था. करीब 6 मरीज ऐसे हैं जिनका अभी भी कोटा के मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा है.
बूंदी में अब तक 32 मरीजों की हुई रिकवरी
वर्तमान समय में बूंदी में धान मंडी रोड स्थित कोविड 19 केयर सेंटर में ही सभी कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है जो प्रशासन की निगरानी में है. वहां पर समय पर उनको सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है. साथ में उनके खान-पान की व्यवस्था भी उसी सेंटर में की जा रही है. शहर के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के एक भी मरीज को प्रशासन की ओर से भर्ती होने नहीं दिया गया है ना ही कोई खुद ही मरीज वहां पर भर्ती होने जैसी स्थिति अभी तक सामने आई है. अब तक बूंदी में 69 मरीजों की रिकवरी की जा चुकी है.
कोविड केयर सेंटर में केवल 45 बेड
बूंदी की एकमात्र कोविड-19 केयर सेंटर में पूरे 45 बेड हैं. जहां कई मरीज भर्ती हैं. ये वो मरीज हैं जिनमें कोरोना के 1 फीसदी भी लक्षण नहीं है जिन्हें चिकित्सीय भाषा में एसिम्टोमैटिक कहा जाता है. जबकि अन्य मरीजों को प्रशासन ने कोटा शिफ्ट किया है जिनमें कोरोना के संपूर्ण लक्षण है जिनका उपचार कोटा में ही चल रहा है. बाकी कुछ ऐसे मरीज भी हैं जिन्हें प्रशासन ने जो कोविड-19 गाइड लाइंस के तहत घर में होम आइसोलेट किया गया है. यानी बूंदी में एक कोविड केयर सेंटर होने के कारण यह कोविड-19 सेंटर पूरी तरह से मरीजों से भर गया है. इसके साथ ही अब जो भी मरीज आ रहा है उनको कोटा ही भेजा जा रहा है.
पढ़ेंः SPECIAL: लॉकडाउन में बूंदी पुलिस की सख्ती, 4 महीने में बनाए 20 हजार वाहनों के चालान
नैनवा रोड पर बन रहा नया कोविड सेंटर
वहीं, इसी बीच प्रशासन की ओर से नैनवा रोड पर एक नया कोविड 19 केयर सेंटर बनाया गया है जिस को शुरू होने में 1 से 2 दिन लग सकते हैं. दूसरा नया कोविड-19 सेंटर बनने के साथ ही यहां पर मरीजों को शिफ्ट किया जाने लगेगा. इसमें कोविड-19 केयर सेंटर की करीब 50 बेड की क्षमता है.
इसी तरह बूंदी में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर बूंदी स्वास्थ्य विभाग ने लैब स्थापित किए जाने का प्रस्ताव बनाया है जिसको कोटा मेडिकल कॉलेज ने मंजूर कर लिया है. जल्दी यहां किसी सरकारी दफ्तर में कोविड-19 लैब स्थापित कर लिया जाएगा जिससे बूंदी चिकित्सा विभाग को काफी फायदा होगा. क्योंकि वर्तमान में बूंदी की सभी जांच कोटा मेडिकल कॉलेज जाती है और वहां पर एक से डेढ़ दिन कोविड-19 की जांच रिपोर्ट में लगता है. ऐसे में बूंदी में लैब स्थापित होने के साथ ही यहां पर ही जल्द से जल्द मरीजों की रिपोर्ट के परिणाम आने से प्रशासन सर्तक तक हो जाएगा.
प्रशासन की गाइडलाइन की हो रही पालना
बूंदी में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना वायरस को लेकर सभी एहतियात बरती जा रही है और सरकार द्वारा जो गाइडलाइंस तय की गई है उसको पूरी करने में विभाग के अधिकारी जुटे हुए हैं. बूंदी में कहीं पर भी अनाधिकृत रूप से कोविड-19 उपचार नहीं हो रहा है ना ही कोई निजी अस्पताल में उपचार के लिए कोई मरीज भर्ती है. वहीं, कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जिले के अधिकतर अस्पताल बंद हैं. बूंदी में जो भी मरीज सामने आ रहे हैं उनका सरकारी कोविड-19 सेंटर में ही उपचार किया जा रहा है.