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मापदंड में फंसी सरसों-चना की खरीद...तीन दिन में एक भी सैंपल पास नहीं तो MSP केंद्र पड़ा सूना - बूंदी

बूंदी में मापदंड में सरसों और चने की खरीद फंसी हुई. तीन दिन में भी एक भी सैंपल पास नहीं हुआ है. जिससे किसान अब एमएसपी सेंटर्स छोड़ मंडियों का रूख कर रहे है.

बूंदी में MSP केंद्र में सरसों-चना के सैंपल फेल
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Published : Mar 19, 2019, 9:15 AM IST

बूंदी. प्रदेश की सरकार ने 15 मार्च से सरसों, चने की समर्थन मूल्यों पर खरीद शुरू की थी. जो अब बौनी साबित होती हुई दिखाइ दे रही है. समर्थन मूल्य केंद्रों पर किसानों की सरसों के सैंपल फेल हो रहे हैं और अभी तक एक भी जींस खरीदी नहीं जा सकी है.

किसान पहले दिन जींस में मंडी पहुंचा तो सेम्पल फेल हुआ. दूसरे दिन भी सिलसिला जारी रहा. आज तीसरे दिन तो केंद्र ही सूना पड़ा हुआ दिखाई दिया. किसान केंद्र पर नहीं आ रहा है और सीधा मंडियों में 800 रूपये के नुकसान झेल व्यापारियों को बेच रहा है.

सैंपल पास नहीं तो किसान परेशान
पहले जिले में मौसम में बार-बार बदलाव के डर से किसान अपनी खेतों से फसलों को सूखने से पहले ही काट कर बाजार में बेचने के लिए ला रहे थे. उन्हें पता था की मौसम खराब हुआ तो सरसों और चना का दाना लाल-पीला निकलेगा तो उन्होंने ने पहले ही अपनी जींस बेचना शुरू कर दिया. जबकि अन्य किसान समर्थन मूल्य खरीद का इंतजार कर रहे थे और खरीद की बारी आयी तो अब फसल मापदंड और गुणवत्ता में पीस रहे है.

बूंदी में MSP केंद्र में सरसों-चना के सैंपल फेल

सहकारी विभाग के आकड़ों के अनुसार जिले में सरसों-चना खरीद के रजिस्ट्रेशन करीब 2100 किसानों ने किये थे, लेकिन एक भी किसान का सैम्पल पास नहीं हुआ है. जिससे किसान परेशान हो गए है. जिले के सभी सरसों के 6 और चना के 7 केन्द्रों का यही हाल हो रहा है.

समर्थन मूल्य केंद्र प्रभारी का क्या कहना है...जानिए
केंद्र प्रभारी उमेश वैष्णव के अनुसार किसान सरसों की कटाई कर सीधा निकालकर केंद्र पर लेकर आ रहे. जिससे सरसों में लाल दाने की मात्रा 4 प्रतिशत से अधिक आ रही है. दूसरा कटाई के बाद किसान फसलों को खेत में सूखने भी पूरा नहीं दे रहे है. उसका दाना निकलवाने से सरसों के दानों में नमी 12 प्रतिशत तक आ रही है. सरकार की ओर से तय मानक के अनुसार 8 प्रतिशत से अधिक नमी वाली सरसों का सैंपल रिजेक्ट हो जाता है. दूसरी तरफ केंद्र प्रभारी ने किसानों की पीड़ा उच्च अधिकारियों को बताई और अधिकारियों के आदेश के इंतजार में है.

फसल बेच रहे किसानों का क्या है... जानिए
दूसरी तरफ किसानों ने बताया की सरसों का टोकन का नंबर पहले दिन आ गया था. जब दोपहर ट्रॉली भरकर सरसों लेकर केंद्र पहुंचे. जींस में 4 प्रतिशत से अधिक लाल दाना बताया. नमी अधिक होने की बात कहकर केंद्र प्रभारी ने माल रिजेक्ट कर दिया. माल घर ले जाना पड़ा. किसानों ने समर्थन केंद्रों खरीद के निर्धारित मापदंडों में संशोधन करने की मांग की. उन्होंने ने कहा है की 4200 सरसों की राशि सरकार ने जारी की हुई है, लेकिन सर्मथन मूल्यों में खरीद नहीं होने से मंडी में हमें करीब 3200 में बेचनी पड़ रही है और सीधा 800 रूपये का नुकसान हो रहा है.

बूंदी. प्रदेश की सरकार ने 15 मार्च से सरसों, चने की समर्थन मूल्यों पर खरीद शुरू की थी. जो अब बौनी साबित होती हुई दिखाइ दे रही है. समर्थन मूल्य केंद्रों पर किसानों की सरसों के सैंपल फेल हो रहे हैं और अभी तक एक भी जींस खरीदी नहीं जा सकी है.

किसान पहले दिन जींस में मंडी पहुंचा तो सेम्पल फेल हुआ. दूसरे दिन भी सिलसिला जारी रहा. आज तीसरे दिन तो केंद्र ही सूना पड़ा हुआ दिखाई दिया. किसान केंद्र पर नहीं आ रहा है और सीधा मंडियों में 800 रूपये के नुकसान झेल व्यापारियों को बेच रहा है.

सैंपल पास नहीं तो किसान परेशान
पहले जिले में मौसम में बार-बार बदलाव के डर से किसान अपनी खेतों से फसलों को सूखने से पहले ही काट कर बाजार में बेचने के लिए ला रहे थे. उन्हें पता था की मौसम खराब हुआ तो सरसों और चना का दाना लाल-पीला निकलेगा तो उन्होंने ने पहले ही अपनी जींस बेचना शुरू कर दिया. जबकि अन्य किसान समर्थन मूल्य खरीद का इंतजार कर रहे थे और खरीद की बारी आयी तो अब फसल मापदंड और गुणवत्ता में पीस रहे है.

बूंदी में MSP केंद्र में सरसों-चना के सैंपल फेल

सहकारी विभाग के आकड़ों के अनुसार जिले में सरसों-चना खरीद के रजिस्ट्रेशन करीब 2100 किसानों ने किये थे, लेकिन एक भी किसान का सैम्पल पास नहीं हुआ है. जिससे किसान परेशान हो गए है. जिले के सभी सरसों के 6 और चना के 7 केन्द्रों का यही हाल हो रहा है.

समर्थन मूल्य केंद्र प्रभारी का क्या कहना है...जानिए
केंद्र प्रभारी उमेश वैष्णव के अनुसार किसान सरसों की कटाई कर सीधा निकालकर केंद्र पर लेकर आ रहे. जिससे सरसों में लाल दाने की मात्रा 4 प्रतिशत से अधिक आ रही है. दूसरा कटाई के बाद किसान फसलों को खेत में सूखने भी पूरा नहीं दे रहे है. उसका दाना निकलवाने से सरसों के दानों में नमी 12 प्रतिशत तक आ रही है. सरकार की ओर से तय मानक के अनुसार 8 प्रतिशत से अधिक नमी वाली सरसों का सैंपल रिजेक्ट हो जाता है. दूसरी तरफ केंद्र प्रभारी ने किसानों की पीड़ा उच्च अधिकारियों को बताई और अधिकारियों के आदेश के इंतजार में है.

फसल बेच रहे किसानों का क्या है... जानिए
दूसरी तरफ किसानों ने बताया की सरसों का टोकन का नंबर पहले दिन आ गया था. जब दोपहर ट्रॉली भरकर सरसों लेकर केंद्र पहुंचे. जींस में 4 प्रतिशत से अधिक लाल दाना बताया. नमी अधिक होने की बात कहकर केंद्र प्रभारी ने माल रिजेक्ट कर दिया. माल घर ले जाना पड़ा. किसानों ने समर्थन केंद्रों खरीद के निर्धारित मापदंडों में संशोधन करने की मांग की. उन्होंने ने कहा है की 4200 सरसों की राशि सरकार ने जारी की हुई है, लेकिन सर्मथन मूल्यों में खरीद नहीं होने से मंडी में हमें करीब 3200 में बेचनी पड़ रही है और सीधा 800 रूपये का नुकसान हो रहा है.

Intro:सूबे की सरकार ने 15 मार्च को प्रदेश में सरसो ,चना की समर्थन मूल्यों पर खरीद शुरू की थी जो अब बोनी साबित होती हुई दिखाइ दे रही है। समर्थन मूल्य केंद्रों पर किसानों की सरसों के सैंपल फेल हो रहे हैं और अभी तक एक भी जींस खरीदी नहीं जा सकी है। किसान पहले दिन जोस में मंडी पंहुचा तो सेम्पल फ़ैल हुआ दूसरे दिन भी सिलसिला जारी रहा आज तीसरे दिन तो केंद्र ही सुना पड़ा हुआ दिखाई दिया। किसान केंद्र पर नहीं आ रहा है और सीधा मंडियों में 800 रूपये के नुकसान झेल व्यापारियों को बेच रहा है। 


Body: पहले जिले में मौसम मेें बार-बार बदलाव के डर से किसान अपनी खेतों से फसलों को सूखने से पहले ही काट कर बाजार में बेचने के लिए ला रहे थे उन्हें पता था की मौसम ख़राब हुआ तो सरसो एवं चना का दाना लाल एवं पीला निकलेगा तो उन्होंने ने पहले ही अपनी जींस बेचना शुरू कर दिया जबकि अन्य किसान समर्थन मूल्य खरीद का इंतजार कर रहे थे और खरीद की बारी आयी तो अब फसल मापदंड एवं गुणवत्ता में फ़ीस रही है। सहकारी विभाग के आकड़ो के अनुसार जिले में सरसो चना खरीद के रजिस्ट्रेशन करीब 2100 किसानों ने किये थे लेकिन एक भी किसान का सेम्पल पास नहीं हुआ है। जिससे किसान परेशान हो गए है जिले के सभी सरसो के 6 एवं चना के 7 केन्द्रो का यही हाल हो चला है। 


Conclusion: केंद्र प्रभारी उमेश वैष्णव के अनुसार किसान सरसों की कटाई कर सीधा निकालकर केंद्र पर लेकर आ रहे, जिससेे सरसों में लाल दाने की मात्रा 4 प्रतिशत से अधिक आ रही है। दूसरा कटाई के बाद किसान फसलों को खेत में सूखने भी पूरा नहीं दे रहे है। उसका दाना निकलवानेे से सरसों के दानों में नमी 12 प्रतिशत तक आ रही है। सरकार की ओर से तय मानक के अनुसार 8 प्रतिशत से अधिक नमी वाली सरसों का सैैंपल रिजेक्ट हो जाता है। आज भी कई किसान सरसों के सैंपल लेकर पुरानी धानमंडी केंद्र पर आए। सभी किसानों के सैंपल 4 प्रतिशत से अधिक लाल दाना होने से फेल हुए। प्रभारी उमेश वैष्णव ने किसानों की पीड़ा उच्च अधिकारियों को बताई और अधिकारीयों के आदेश के इंतजार में है केंद्र प्रभारी।  बाईट :- उमेश वैष्णव , प्रभारी  किसानों ने बताया की सरसों का टोकन का नंबर पहले दिन आ गया था जब दोपहर ट्राॅली भरकर सरसों लेकर केंद्र पहुंचे। जिंस में 4 प्रतिशत से अधिक लाल दाना बताया। नमी अधिक हाेने की बात कहकर केंद्र प्रभारी ने माल रिजेक्ट कर दिया। माल घर ले जाना पड़ा। किसानों ने समर्थन केंद्रों खरीद के निर्धारित मापदंडों में संशोधन करने की मांग की। उन्होंने ने कहा है की 4200 सरसो की राशि सरकार ने जारी की हुई है लेकिन सर्मथन मूल्यों में खरीद नहीं होने से मंडी में हमे करीब 3200 में बेचनी पड़ रही है और सीधा 800 रूपये का नुकसान हो रहा है। किसानों ने कहा की सरसो का दाना ख़राब हुआ तो हमारी क्या गलती है वह तो कुदरत का खेल है  बाईट :- राजाराम ,किसान बाईट :- रमेशचंद , किसान बाईट :- भेरूलाल , किसान
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