बूंदी. पूरे प्रदेश में जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अलग से डैक्स बनाई गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गृह विभाग को आदेश दिए थे, कि कोई भी पीड़ित थाने आने पर उनका मामला दर्ज करें और एफआईआर दर्ज करें. लेकिन बूंदी पुलिस सीएम के आदेशों को ठेंगा दिखा रही है.
शहर के विकास नगर में ईस्ट वेस्ट नाम की ट्रांसपोर्ट कंपनी संचालित होती है. जिसने 9 फरवरी को अडानी विल पावर फैक्ट्री से एक ट्रक रवाना करवाया था. जिस ट्रक को बूंदी से जोधपुर जाना था. यहां पर 9 फरवरी को ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा ट्रक में 1100 पीपों को रवाना करवाया था, जो करीब 17 लाख का माल था.
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9 फरवरी को रवाना हुए इस ट्रक को 12 फरवरी तक जोधपुर पहुंचना था, लेकिन जोधपुर यह ट्रक नहीं पहुंचा. साथ ही ट्रांसपोर्ट कंपनी के बूंदी मैनेजर नारायण ठाकुर के पास पूरा मामला आया तो ट्रक चालक, ट्रक के मालिक से संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका. ट्रांसपोर्ट मैनेजर समझ गया, कि जरूर माल को चुकता कर लिया गया है. जिसकी रिपोर्ट लेकर मैनेजर बूंदी के सदर थाना में पहुंचा.
सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज करने के नाम पर मैनेजर को वहां बैठा रखा, बाद में जांच पड़ताल में सामने आया, कि जिस ट्रक को बूंदी से रवाना करवाया था. वह ट्रक जोधपुर के पचपदरा थाने में पकड़ लिया गया है और वहां पर ना तो ट्रक में तेल के पीपे हैं ना ट्रक चालक है. ऐसे में बूंदी की सदर थाना पुलिस ने मामले को दर्ज करने से मना कर दिया और कहा, कि यह मामला पचपदरा थाने का है. ऐसे में बूंदी की सदर थाना पुलिस मामले को दर्ज नहीं कर सकती और वापस मैनेजर नारायण ठाकुर को लौटा दिया गया.
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सदर थाना पुलिस ने 2 दिनों तक ट्रांसपोर्ट कंपनी के अधिकारियों को इधर-उधर दौड़ाया और मामला दर्ज नहीं किया. ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक बूंदी पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा के पास पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी पीड़ा बताई और पुलिस द्वारा उनके साथ किया गया बर्ताव भी बताया. इस पर मनोज शर्मा ने मामला दर्ज करने के लिए सदर थाना प्रभारी को आदेशित किया है. वहीं पुलिस मामले की जांच कर रही है.