बूंदी. जिले में ग्रीन जोन के तहत बाजारों को राहत देने के बाद शहर में लोगों ने व्यवस्थाओं को ताक पर रख दिया है. शहर की सड़कों पर धड़ल्ले से वाहन दौड़ रहे हैं और लोग बिना काम बाजारों में घूम रहे हैं. मानो कि कोरोना वायरस खत्म हो गया हो और लॉकडाउन का अंत हो गया हो. इसी बीच इस लॉकडाउन का उल्लंघन होते हुए देख शहर के सेवानिवृत्त कर्मचारी अशोक जैन ने लोगों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है. वे हाथों में माइक लेकर शहर के बाजारों में लोगों से लॉकडाउन की पालना करने को कहा है.
राजस्थान में कोरोना वायरस का लगातार संक्रमण बढ़ता जा रहा है और मौतों के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है. इसी बीच लॉकडाउन 3.0 का मंगलवार को दूसरा दिन है. बूंदी जिला ग्रीन जोन घोषित हुआ है. इस वजह से काफी छूट के कारण लोगों को राहत मिली है. शहर के पूरे बाजार खुल गए हैं और बाजारों में रौनक लौट आई है. सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक बाजारों में लोगों की आवाजाही रही लेकिन 44 दिनों बाद खुले इन बाजारों में लोग सोशल डिस्टेंसिंग रखना भूल गए और भारी-भरकम वाहनों के साथ बाजारों में दौड़ पड़े. लोग यह भूल गए कि अभी कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है और अभी लड़ाई और आगे जारी रखी जानी है.
संक्रमण के डर से छूट का विरोध
फिर भी शहर की दुकानों पर और बाजारों में लोगों की भीड़ देखी जा रही है. ऐसे में कुछ लोगों ने इस लॉकडाउन में दी गई छूट का विरोध भी शुरू किया है. लोगों का कहना है कि बूंदी जिले के आसपास के जिले में संक्रमण फैला है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं की गई तो बूंदी भी कोरोना वायरस को आमंत्रण देने लग जाएगा.
'मुझे बूंदी की फिक्र, आपको भी होगी करनी'
इसी बीच शहर के सेवानिवृत्त कर्मचारी अशोक जैन ने लोगों को जागरूक करने के लिए कमर कसी है. सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ती धज्जियां और लोगों में कोरोना वायरस का भय नहीं रहा तो हाथों में माइक लेकर शहर के बाजारों में अशोक जैन खुद मुनादी करने के लिए पहुंच रहे हैं. जैन माइक से अनाउंस कहते दिख रहे हैं कि 'मैं आपके बीच का आदमी हूं, बूंदी का रहने वाला हूं. मुझे बूंदी की फिक्र है. आप लोगों को भी बूंदी की फिक्र करनी होगी और कोरोना वायरस जो बीमारी है उसे लड़ना होगा तो इसके लिए आप लोग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें मास्क लगाएं और भीड़भाड़ नहीं करें. अशोक जैन लगातार माइक पर अनाउंस कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
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वहीं अशोक जैन का कहना है कि उनका मन आहत हुआ है. वह इस भीड़ को देख परेशान है. जब लॉकडाउन के दौरान कोई छूट नहीं थी तो शहर पूरी तरह से शांत था. अब छूट दी गई तो लोगों ने इसका मखौल उड़ा कर रख दिया है, जो कि बहुत ही भयानक है. ऐसे में लोगों को जागरूक कर रहा हूं और लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखने की पालना करवा रहा हूं. वहीं जैन कहते हैं उनकी ये पहल से लोगों में असर देखने को मिल रहा है.