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मुकुंदरा से बड़ा होगा राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व रामगढ़ अभयारण्य, 1050 स्क्वायर किमी एरिया प्रस्तावित

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Published : Jun 23, 2021, 8:15 AM IST

Updated : Jun 23, 2021, 10:18 AM IST

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NCTA) ने बूंदी रामगढ़ विषधारी वाइल्डलाइफ सेंचुरी (Vishdhari Wildlife Sanctuary) को राजस्थान प्रदेश के चौथे टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) के तौर पर मंजूरी दे दी है. यह अभयारण्य देश का 52वां टाइगर रिजर्व होगा. ये टाइगर रिजर्व मुकुंदरा से भी बड़ा होगा. इसके लिए 1050 स्क्वायर किमी का एरिया प्रस्तावित किया गया है.

Ramgarh Vishdhari Wildlife Sanctuary, Tiger Reserve in Bundi
देश का 52वां और राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व बना बूंदी का रामगढ़ अभ्यारण्य

बूंदी. जिले की रामगढ़ विषधारी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को राजस्थान प्रदेश के चौथे टाइगर रिजर्व के तौर पर एनटीसीए ने मंजूरी दे दी है. यह अभयारण्य देश का 52वां टाइगर रिजर्व होगा.

देश का 52वां और राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व बना बूंदी का रामगढ़ अभ्यारण्य

वन विभाग ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के मुताबिक टाइगर रिजर्व के लिए प्रस्ताव तैयार करवाए थे. इसके बाद बूंदी में प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व घोषित करने को लेकर सरकारी तौर पर कवायद तेज हुई थी. इसको लेकर राजस्थान सरकार ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को पत्र लिखा था, जिसमें बूंदी की रामगढ़ सेंचुरी व इसके आसपास के एरिया को वन्यजीव संरक्षण एक्ट 1972 के तहत इसे टाइगर रिजर्व घोषित करने काे कहा था.

पत्र में लिखा था कि यह एरिया 2 टाइगर रिजर्व के बीच में आता है. इसके उत्तर-पूर्व में रणथंभौर टाइगर रिजर्व व दक्षिण में मुकंदरा टाइगर रिजर्व है. दोनों टाइगर रिजर्व के बीच के एरिया को टाइगर आने-जाने में काम लेते हैं. यह रणथंभौर का बफर जोन भी है. टाइगर रिजर्व की घोषणा से जिले भर के लोगों को खुशी मिली. रामगढ़ अभयारण्य के जंगलों में सांभर, चीतल, जंगली सूअरों, शाकाहारी वन्य जीव की तादाद अच्छी खासी है. टाइगर की सुरक्षा के इंतजाम भी स्थानीय स्तर पर पुख्ता हैं.

पढ़ें- बूंदी में वन्यजीवों की गणना पूरी, रामगढ़ अभयारण्य में दिखे पैंथर और भालू

एनटीसीए की तकनीकी कमेटी के साथ हुई बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई. अब नोटिफिकेशन के बाद ट्रांसलोकेशन की तैयारी पूरी कर टाइगर रिजर्व में बाघ छोड़े जा सकेंगे. राजस्थान में अभी रणथंभौर, सरिस्का और मुकंदरा टाइगर रिजर्व हैं. रामगढ़ सेंचुरी में टाइगर टी-115 मौजूद है.

बता दें कि 2 साल पहले बजट सत्र में सीएम अशोक गहलोत ने बूंदी में चाैथा टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा की थी. टाइगर रिजर्व के लिए 1050 स्क्वायर किमी का एरिया प्रस्तावित किया गया है. टाइगर रिजर्व बूंदी जिले के लिए बहुत बड़ी सौगात है. इसके लिए प्रपोजल सरकार के पास मार्च में भिजवाए गए थे.

बाघों के प्रजनन के लिए खूबसूरत ग्रास लैंड

जानकारी के अनुसार 1982 में बूंदी का रामगढ़ अभयारण के नाम से जाने जाने लगा. कुल अभयारण्य 800 वर्ग किमी में फैला हुआ है. एक तरफ रणथंभौर है, तो दूसरी तरफ मुकुंदरा टाइगर रिजर्व है. बूंदी रामगढ़ अभयारण में नीलगाय, सियार, हिरण, भालू, हाईना, जंगली कुत्ते, चीतल, सांभर, जंगली बिल्लियां, तेंदुए, लंगूर, सांप, मगरमच्छ सहित 500 प्रकार के वन्य जीव मौजूद हैं. रणथंभौर से ज्यादा खूबसूरत बाघों के प्रजनन के लिए ग्रास लैंड है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी के रामगढ़ में दो दशक बाद सुनाई देगी बाघों की दहाड़...

वन्यजीव प्रेमी बिट्टल कुमार सनाढ्य ने बताया कि बूंदी का रामगढ़ अभयारण्य सदियों से बाघों के लिए मैटरनिटी होम (जच्चा घर) के रूप में प्रसिद्ध रहा है. रामगढ़ का उत्तम प्राकृतिक वातावरण व इसके बीच में बहने वाली मेज नदी की खूबसूरत वादियों में बाघों की दहाड़ ने ही इसे भारत का एक प्रमुख अभयारण्य होने का गौरव प्रदान किया है. रणथंभौर से टी 62 व टी 91 बाघों के यहां आने के बाद अभयारण्य का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है. टी 91 को मुकंदरा शिफ्ट किया गया था और टी-62 वापस लौट गया था. वर्तमान में रणथंभौर से निकला टी-115 यहां सेंचुरी में घूम रहा है, जिसे आए हुए 9-10 माह हो चुके हैं.

मुकुंदरा से बड़ा होगा बूंदी का टाइगर रिजर्व

प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में इंद्रगढ़ से जैतपुर तक का रणथंभौर टाइगर बफर जोन, रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य, देवझर से भीमलत महादेव तक का कालदां का सघन वन क्षेत्र, गरड़दा व भीलवाड़ा जिले में बांका-भोपतपुरा के जंगल शामिल किए गए हैं. बूंदी में प्रस्तावित टाइगर रिजर्व क्षेत्रफल की दृष्टि से मुकंदरा नेशनल पार्क से बड़ा होगा. प्रस्तावित सम्पूर्ण इलाका आरक्षित वनों की श्रेणी में आता है तथा अधिकांश क्षेत्र आबादी विहीन सघन वनों से आच्छादित है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: प्रदेश के चौथे टाइगर रिजर्व रामगढ़ अभयारण्य को बाघों का इंतजार

बूंदी रामगढ़ अभ्यारण्य के रेंजर रामप्रसाद बोयत ने बताया कि टाइगर रिजर्व की मंजूरी के बाद राज्य सरकार कंजर्वेशन प्लान तैयार कर भारत सरकार काे भेजेगी. इसके बाद राज्य सरकार के शासन सचिव की ओर से टाइगर रिजर्व का नाेटिफिकेशन जारी हाेगा. इसमें रिजर्व का बफर और काेर एरिया घाेषित हाेगा. भारत सरकार की ओर से यह प्लान अप्रूवल हाेने के बाद इसी के अनुसार आगे के वर्क हाेंगे. इसके बाद यहां राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग कार्य के लिए बजट मिल सकेगा. यहां एनक्लाेजर के अलावा सुरक्षा दीवार और फेंसिंग भी हाेगी. प्रे-बेस ट्रांसलाेकेट की प्राेसेस हाेगी. घना से 150 चीतल लाए जाएंगे. यहां स्टाफ की भर्ती भी हाेगी. साथ ही बाॅर्डर हाेम गार्ड सुरक्षा के लिए लगेंगे. रिजर्व के कर्मचारियाें काे टाइगर अलाउंस और मैश भत्ता भी मिल सकेगा. यहां टूरिस्ट के लिए अलग-अलग जाेन से एंट्री हाेगी. इस प्राेसेस में करीब 5 साल में सभी प्राेसेस हाे सकेगी.

बूंदी. जिले की रामगढ़ विषधारी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को राजस्थान प्रदेश के चौथे टाइगर रिजर्व के तौर पर एनटीसीए ने मंजूरी दे दी है. यह अभयारण्य देश का 52वां टाइगर रिजर्व होगा.

देश का 52वां और राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व बना बूंदी का रामगढ़ अभ्यारण्य

वन विभाग ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के मुताबिक टाइगर रिजर्व के लिए प्रस्ताव तैयार करवाए थे. इसके बाद बूंदी में प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व घोषित करने को लेकर सरकारी तौर पर कवायद तेज हुई थी. इसको लेकर राजस्थान सरकार ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को पत्र लिखा था, जिसमें बूंदी की रामगढ़ सेंचुरी व इसके आसपास के एरिया को वन्यजीव संरक्षण एक्ट 1972 के तहत इसे टाइगर रिजर्व घोषित करने काे कहा था.

पत्र में लिखा था कि यह एरिया 2 टाइगर रिजर्व के बीच में आता है. इसके उत्तर-पूर्व में रणथंभौर टाइगर रिजर्व व दक्षिण में मुकंदरा टाइगर रिजर्व है. दोनों टाइगर रिजर्व के बीच के एरिया को टाइगर आने-जाने में काम लेते हैं. यह रणथंभौर का बफर जोन भी है. टाइगर रिजर्व की घोषणा से जिले भर के लोगों को खुशी मिली. रामगढ़ अभयारण्य के जंगलों में सांभर, चीतल, जंगली सूअरों, शाकाहारी वन्य जीव की तादाद अच्छी खासी है. टाइगर की सुरक्षा के इंतजाम भी स्थानीय स्तर पर पुख्ता हैं.

पढ़ें- बूंदी में वन्यजीवों की गणना पूरी, रामगढ़ अभयारण्य में दिखे पैंथर और भालू

एनटीसीए की तकनीकी कमेटी के साथ हुई बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई. अब नोटिफिकेशन के बाद ट्रांसलोकेशन की तैयारी पूरी कर टाइगर रिजर्व में बाघ छोड़े जा सकेंगे. राजस्थान में अभी रणथंभौर, सरिस्का और मुकंदरा टाइगर रिजर्व हैं. रामगढ़ सेंचुरी में टाइगर टी-115 मौजूद है.

बता दें कि 2 साल पहले बजट सत्र में सीएम अशोक गहलोत ने बूंदी में चाैथा टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा की थी. टाइगर रिजर्व के लिए 1050 स्क्वायर किमी का एरिया प्रस्तावित किया गया है. टाइगर रिजर्व बूंदी जिले के लिए बहुत बड़ी सौगात है. इसके लिए प्रपोजल सरकार के पास मार्च में भिजवाए गए थे.

बाघों के प्रजनन के लिए खूबसूरत ग्रास लैंड

जानकारी के अनुसार 1982 में बूंदी का रामगढ़ अभयारण के नाम से जाने जाने लगा. कुल अभयारण्य 800 वर्ग किमी में फैला हुआ है. एक तरफ रणथंभौर है, तो दूसरी तरफ मुकुंदरा टाइगर रिजर्व है. बूंदी रामगढ़ अभयारण में नीलगाय, सियार, हिरण, भालू, हाईना, जंगली कुत्ते, चीतल, सांभर, जंगली बिल्लियां, तेंदुए, लंगूर, सांप, मगरमच्छ सहित 500 प्रकार के वन्य जीव मौजूद हैं. रणथंभौर से ज्यादा खूबसूरत बाघों के प्रजनन के लिए ग्रास लैंड है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी के रामगढ़ में दो दशक बाद सुनाई देगी बाघों की दहाड़...

वन्यजीव प्रेमी बिट्टल कुमार सनाढ्य ने बताया कि बूंदी का रामगढ़ अभयारण्य सदियों से बाघों के लिए मैटरनिटी होम (जच्चा घर) के रूप में प्रसिद्ध रहा है. रामगढ़ का उत्तम प्राकृतिक वातावरण व इसके बीच में बहने वाली मेज नदी की खूबसूरत वादियों में बाघों की दहाड़ ने ही इसे भारत का एक प्रमुख अभयारण्य होने का गौरव प्रदान किया है. रणथंभौर से टी 62 व टी 91 बाघों के यहां आने के बाद अभयारण्य का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है. टी 91 को मुकंदरा शिफ्ट किया गया था और टी-62 वापस लौट गया था. वर्तमान में रणथंभौर से निकला टी-115 यहां सेंचुरी में घूम रहा है, जिसे आए हुए 9-10 माह हो चुके हैं.

मुकुंदरा से बड़ा होगा बूंदी का टाइगर रिजर्व

प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में इंद्रगढ़ से जैतपुर तक का रणथंभौर टाइगर बफर जोन, रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य, देवझर से भीमलत महादेव तक का कालदां का सघन वन क्षेत्र, गरड़दा व भीलवाड़ा जिले में बांका-भोपतपुरा के जंगल शामिल किए गए हैं. बूंदी में प्रस्तावित टाइगर रिजर्व क्षेत्रफल की दृष्टि से मुकंदरा नेशनल पार्क से बड़ा होगा. प्रस्तावित सम्पूर्ण इलाका आरक्षित वनों की श्रेणी में आता है तथा अधिकांश क्षेत्र आबादी विहीन सघन वनों से आच्छादित है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: प्रदेश के चौथे टाइगर रिजर्व रामगढ़ अभयारण्य को बाघों का इंतजार

बूंदी रामगढ़ अभ्यारण्य के रेंजर रामप्रसाद बोयत ने बताया कि टाइगर रिजर्व की मंजूरी के बाद राज्य सरकार कंजर्वेशन प्लान तैयार कर भारत सरकार काे भेजेगी. इसके बाद राज्य सरकार के शासन सचिव की ओर से टाइगर रिजर्व का नाेटिफिकेशन जारी हाेगा. इसमें रिजर्व का बफर और काेर एरिया घाेषित हाेगा. भारत सरकार की ओर से यह प्लान अप्रूवल हाेने के बाद इसी के अनुसार आगे के वर्क हाेंगे. इसके बाद यहां राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग कार्य के लिए बजट मिल सकेगा. यहां एनक्लाेजर के अलावा सुरक्षा दीवार और फेंसिंग भी हाेगी. प्रे-बेस ट्रांसलाेकेट की प्राेसेस हाेगी. घना से 150 चीतल लाए जाएंगे. यहां स्टाफ की भर्ती भी हाेगी. साथ ही बाॅर्डर हाेम गार्ड सुरक्षा के लिए लगेंगे. रिजर्व के कर्मचारियाें काे टाइगर अलाउंस और मैश भत्ता भी मिल सकेगा. यहां टूरिस्ट के लिए अलग-अलग जाेन से एंट्री हाेगी. इस प्राेसेस में करीब 5 साल में सभी प्राेसेस हाे सकेगी.

Last Updated : Jun 23, 2021, 10:18 AM IST
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