बूंदी. जिले के बाजारों में धनतेरस पर खरीदारी को लेकर दिनभर बाजारों में भीड़ रही. धनतेरस को लेकर बूंदी के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों पर आकर्षक साज-सज्जा की है. ग्राहकों की पसंद को देखते हुए हर वेरायटी के आइटम बूंदी के बाजारों में व्यापारी ने मंगाए है. गौरतलब है कि लॉकडाउन के वजह से नुकसान झेल चुके व्यापारियों को दिवाली के अवसर पर काफी ब्रिकी की उम्मीद थी. बाजारों में भी भीड़ रही. लेकिन, जो बड़े व्यवसाय थे, उनकी दुकानों पर गहमागहमी कम देखी गई. व्यापारिक प्रतिष्ठानों से जुड़े सूत्रों की मानें तो करीब 8-10 करोड़ का व्यापार बूंदी में हुआ है. धनतेरस की खरीददारी ने व्यापारियों को आर्थिक तंगी को उबार दिया है.
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बूंदी के सर्राफा व्यापारियों के खरीदारी की बात की जाए तो प्रवक्ता चिंतन कुमार ने बताया कि धनतेरस के दिन बूंदी में सर्राफा बाजार में डेढ़ से दो करोड़ रुपये की खरीदारी हुई है, जबकि हमारा अनुमान 5 से 6 करोड़ रुपए तक का खरीदारी का था. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बाजारों में लोगों की डिमांड बढ़ी थी, वैसा धनतेरस पर दिखाई नहीं दिया. चिंतन कुमार ने कहा कि आने वाले 15 दिनों बाद आखातीज है. ऐसे में कुछ लोगों ने आभूषणों के दाम के चलते इस बार खरीदारी नहीं की है. लोगों का कहना है कि आने वाले समय पर अगर आभूषणों के दाम कम हुए तो खरीदारी करेंगे. इस वजह से अभी दिवाली पर खरीदारी नहीं की गई है.
चिंतन कुमार का एक तरफ ये भी कहना है कि पिछले वर्ष जितने सोने के सिक्के बिका करते थे, वो इस बार कम बिके है. वहीं, मोबाइल विक्रेताओं, ऑटोमोबाइल विक्रेताओं, कपड़ा व्यापारियों, बर्तन व्यापारियों और इलेक्ट्रॉनिक समानों के विक्रेताओं ने धनतेरस के दिन जमकर बिक्री की है. उनके प्रतिष्ठानों पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ी और लोगों ने खरीदारी की. साथ ही छोटी दुकानों पर भी खरीदारी हुई है.
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कहा जा सकता है कि धनतेरस के दिन बूंदी के बाजारों में उम्मीद के बराबर धन बरसा. व्यापारियों को कोरोना वायरस के दौरान जो आर्थिक नुकसान हुआ था, वो करीब-करीब धनतेरस के दिन पूरा होता हुआ नजर आ रहा है. हालाकिं, जो व्यापारी इस बार अपने मन मुताबिक खरीदारी का आंकलन कर रखे थे, वो नहीं हुआ.
वहीं, कोरोना महामारी के चलते बाहर की चीजों को खरीदने को लेकर जो संशय बना हुआ था, वो भी धनतेरस के दिन टूटता हुआ नजर आया है और बूंदी के मिष्ठान भंडारों से लोगों ने जमकर मिठाइयां खरीदी हैं. इस दौरान शहर में यातायात का दबाव भी देखा गया. बूंदी पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था माकूल रखी. बैरिकेड लगाकर चौपहिया वाहनों को बाजारों में प्रवेश नहीं दिया गया. वहीं, दुपहिया वाहन चालकों को मास्क लगाने पर ही बाजारों में प्रवेश दिया गया.