बूंदी. देश में जब से कोरोना वायरस की एंट्री हुई है. तब से मास्क और सैनिटाइजर की किल्लत चल रही है. राजस्थान में भी मास्क की कमी सामने आई है. ऐसे में बूंदी में भी मास्क आमजन को आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहा है. अब बूंदी जेल प्रशासन ने मास्क की किल्लत को देखते हुए कैदियों से मास्क बनाना शुरू करवा दिया है. यहां पर महिला-पुरुष कैदी मास्क तैयार करते हैं.
हर दिन 200-300 मास्क होते हैं तैयार
रोज यह कैदी 200-300, तो कभी 500 से ज्यादा मास्क भी बना लेते हैं. पिछले 5 दिनों से बूंदी जेल में यह कैदी मास्क बनाने का काम कर रहे हैं. इन्होंने अब तक 2000 से अधिक मास्क बना लिए हैं.
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दक्ष सामाजिक संस्था ने की मदद
बूंदी जेल प्रशासन को सामाजिक संस्था दक्ष के माध्यम से सिलाई मशीन उपलब्ध हुई थी. कुछ मशीनें बूंदी जेल में पहले से ही मौजूद थी. ऐसे में बूंदी जेल प्रशासन ने कैदियों को चुना और उन कैदियों से मास्क बनाना शुरू करवाया गया. कैदी अपने हिसाब से आते हैं और सामाजिक दूरी बनाकर इन मास्क को तैयार करते हैं.
मास्क बनाने के लिए सूती कपड़े का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि यह लंबे समय तक चल सके. कुछ सामाजिक संस्थाओं ने इन कैदियों को मास्क बनाने की भी ट्रेनिंग दी थी. उसी के साथ ही कैदियों ने मास्क बनाना शुरू कर दिया था. तब से यह कारवां आगे बढ़ता जा रहा है.
बढ़ती डिमांड को कर रहे पूरा
जेल प्रभारी लोकाज्जवल बताते हैं कि लगातार मास्क की किल्लत बढ़ती जा रही थी, तो हमने हमारे मुख्यालय से प्रेरणा लेते हुए बूंदी में भी सामाजिक संस्थाओं से अपील की और उन्होंने हमें सिलाई मशीन और कपड़ा उपलब्ध करवाया. जिसके माध्यम से हमने बूंदी जेल में मास्क बनवाने का सिलसिला शुरू किया. रोज कैदी अपने हिसाब से मास्क बनाते हैं. मास्क बड़ी संख्या में तैयार होने के बाद हम सामाजिक संस्थाओं को सुपुर्द कर देते हैं. वह सामाजिक संस्थाएं आमजन और सरकारी दफ्तरों में घूम-घूमकर सभी को मास्क निशुल्क उपलब्ध करवा रही हैं.
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अब तक 2000 से अधिक मास्क ये कैदी बना चुके हैं. जेल प्रशासन द्वारा मास्क बनाने का अनूठा निर्णय लिया गया है. यही नहीं इन कैदियों के साथ-साथ जेल का पूरा स्टाफ भी मास्क बनाने में इन कैदियों की सहायता करता है. जेल प्रशासन का मानना है कि इस मास्क की किल्लत को दूर करने में बूंदी जेल परिवार भी देश हित में मदद करेगा.