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बूंदी: गरीबों के हक में डाका डाल रहे 66 कर्मचारियों को रसद विभाग ने पकड़ा

बूंदी में खाद्य सुरक्षा योजना का गलत तरीके से लाभ प्राप्त कर रहे 66 कर्मचारियों की सूची का खुलासा हुआ है, जो गरीबों के हक में डाका डाल रहे थे और गरीबों की लिस्ट में नाम जुड़वा कर उनका राशन ले रहे थे. इसकी सूचना पर प्रशासन ने सभी कर्मचारियों को नोटिस भेजा. जिनमें से 21 कर्मचारियों से ₹2 लाख 85 हजार 255 रुपए की वसूली की गई. बाकी अन्य कर्मचारियों को भी नोटिस भेजा गया है.

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रसद विभाग ने गरीबों को हक ले रहे 66 कर्मचारियों को पकड़ा
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Published : May 30, 2020, 6:04 PM IST

बूंदी. देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन जारी है और इस लॉकडाउन के बीच सबसे ज्यादा परेशानी मजदूर वर्ग को उठानी पड़ रही है. उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ पड़ा है. राजस्थान सरकार ने मजदूरों और बाहर से आए हुए लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा के तहत उन्हें राशन देने के आदेश जारी किए थे. राशन की दुकानों पर इस दौरान भीड़ भी देखने को मिली थी और कई जगह तो राशन खत्म होने की बात भी सामने आई थी.

रसद विभाग ने गरीबों को हक ले रहे 66 कर्मचारियों को पकड़ा

इसी बीच बूंदी से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां पर गरीबों के हक में डाका डालने वाले 66 कर्मचारियों की सूची को प्रशासन ने तैयार किया है और उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभ उठाते हुए पाया गया है. जिन पर प्रशासनिक कार्रवाई के लिए जांच की जा रही है.

इसके साथ ही 66 कर्मचारियों को प्रशासन ने नोटिस दिया तो 21 कर्मचारियों ने ₹27 प्रति किलोग्राम की दर से ₹2 लाख 85 हजार 255 राजकोष में जमा करवाए. बाकी अन्य कर्मचारियों को भी रसद विभाग ने ₹27 प्रति किलो गेहूं के हिसाब से पैसे जमा कराने को कहा है और उन्हें नोटिस दिया है. अगर वो राजकोष में पैसा जमा नहीं कराते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए भी आदेश जारी किए हैं. जिला रसद अधिकारी सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को अपने-अपने विभाग में कार्यरत समस्त कार्यालय में जांच कर खाद्य सुरक्षा में सीमित कर्मचारियों से संबंधित सूचना भिजवाई जाने के लिए लिखा गया था.

पढ़ें- बूंदीः 50 से 46 डिग्री पर पहुंचा तापमान, 4 डिग्री की गिरावट

उन्होंने बताया कि ऐसे परिवार जिनकी ओर से मृत व्यक्तियों की राशन सामग्री प्राप्त की जा रही है उनकी जांच करवाई जाए. जिले में अब तक 1 हजार 185 मृतक व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड से हटाए गए हैं. शेष की कार्रवाई जारी है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी विकास अधिकारी, आयुक्त नगर परिषद बूंदी और अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को पत्र लिखा गया है.

उन्होंने बताया कि जिले में दोहरे राशन कार्डों की जांच की गई है जिनमें से 760 दोहरे राशन कार्ड को निरस्त करने का काम किया गया है. राशन कार्ड की जांच की जा रही है. हालांकि राजस्थान सरकार की ओर से इसको लेकर सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को पात्र व्यक्ति को ही लाभ मिले ऐसे आदेश जारी किए गए थे. उसी के अंतर्गत बूंदी में भी ये कार्रवाई की गई जिनमें से 60 कर्मचारी अभी तक जांच में गलत तरीके से लाभ उठाते हुए पाए गए हैं.

बूंदी प्रशासन का कहना है कि इस मामले में अधिकारियों की ओर से जांच की जा रही है और जल्द ही सूची सामने रखी जाएगी. प्रशासन का कहना है कि इन लोगों की ओर से जो राशन गलत तरीके से लिया गया है उनका यूज बंद कर दिया जाएगा. अब अन्य लोगों को इनकी ओर से जो खपत होती थी उनका लाभ मिलेगा.

बूंदी. देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन जारी है और इस लॉकडाउन के बीच सबसे ज्यादा परेशानी मजदूर वर्ग को उठानी पड़ रही है. उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ पड़ा है. राजस्थान सरकार ने मजदूरों और बाहर से आए हुए लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा के तहत उन्हें राशन देने के आदेश जारी किए थे. राशन की दुकानों पर इस दौरान भीड़ भी देखने को मिली थी और कई जगह तो राशन खत्म होने की बात भी सामने आई थी.

रसद विभाग ने गरीबों को हक ले रहे 66 कर्मचारियों को पकड़ा

इसी बीच बूंदी से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां पर गरीबों के हक में डाका डालने वाले 66 कर्मचारियों की सूची को प्रशासन ने तैयार किया है और उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभ उठाते हुए पाया गया है. जिन पर प्रशासनिक कार्रवाई के लिए जांच की जा रही है.

इसके साथ ही 66 कर्मचारियों को प्रशासन ने नोटिस दिया तो 21 कर्मचारियों ने ₹27 प्रति किलोग्राम की दर से ₹2 लाख 85 हजार 255 राजकोष में जमा करवाए. बाकी अन्य कर्मचारियों को भी रसद विभाग ने ₹27 प्रति किलो गेहूं के हिसाब से पैसे जमा कराने को कहा है और उन्हें नोटिस दिया है. अगर वो राजकोष में पैसा जमा नहीं कराते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए भी आदेश जारी किए हैं. जिला रसद अधिकारी सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को अपने-अपने विभाग में कार्यरत समस्त कार्यालय में जांच कर खाद्य सुरक्षा में सीमित कर्मचारियों से संबंधित सूचना भिजवाई जाने के लिए लिखा गया था.

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उन्होंने बताया कि ऐसे परिवार जिनकी ओर से मृत व्यक्तियों की राशन सामग्री प्राप्त की जा रही है उनकी जांच करवाई जाए. जिले में अब तक 1 हजार 185 मृतक व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड से हटाए गए हैं. शेष की कार्रवाई जारी है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी विकास अधिकारी, आयुक्त नगर परिषद बूंदी और अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को पत्र लिखा गया है.

उन्होंने बताया कि जिले में दोहरे राशन कार्डों की जांच की गई है जिनमें से 760 दोहरे राशन कार्ड को निरस्त करने का काम किया गया है. राशन कार्ड की जांच की जा रही है. हालांकि राजस्थान सरकार की ओर से इसको लेकर सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को पात्र व्यक्ति को ही लाभ मिले ऐसे आदेश जारी किए गए थे. उसी के अंतर्गत बूंदी में भी ये कार्रवाई की गई जिनमें से 60 कर्मचारी अभी तक जांच में गलत तरीके से लाभ उठाते हुए पाए गए हैं.

बूंदी प्रशासन का कहना है कि इस मामले में अधिकारियों की ओर से जांच की जा रही है और जल्द ही सूची सामने रखी जाएगी. प्रशासन का कहना है कि इन लोगों की ओर से जो राशन गलत तरीके से लिया गया है उनका यूज बंद कर दिया जाएगा. अब अन्य लोगों को इनकी ओर से जो खपत होती थी उनका लाभ मिलेगा.

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