ETV Bharat / state

स्पेशल: ऐसा शिवालय जिसकी स्थापना से हुई थी भगवान कृष्ण की विजय - news keshavaraipatan

शिवरात्रि के पावन अवसर पर प्राचीन शिवालयों में ओम नमः शिवाय के स्वर गूंजते रहे. शिवालयों में सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. भक्ति आनंद और प्रकृति के आकर्षण से भाव-विभोर होकर शिवरात्रि में शिव भक्ति की ओर खींचे चले आ रहे थे भक्तगण. वहीं प्राकृतिक सौंदर्य से भरे यह स्थान बरबस लोगों को लुभा रहा था.

bundi news  news keshavaraipatan  antieke tempel van bilkeshwar mahadev
शिवालय जिसकी स्थापना से हुई थी भगवान कृष्ण की विजय
author img

By

Published : Feb 21, 2020, 8:17 PM IST

केशवरायपाटन (बूंदी). जिला मुख्यालय से महज 26 किलोमीटर दूर रामगढ़ विषधारी अभ्यारण की सीमा में नैनवां स्टेट हाइवे पर मेज नदी किनारे तिलकेश्वर महादेव के सामने वाली पहाड़ी पर स्थित बिल्केश्वर महादेव का अति प्राचीन मंदिर स्थित है. मन्दिर के पुजारी राकेश गोस्वामी ने बताया कि द्वापर युग मे स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बिला के गुर से इस शिवलिंग की स्थापना की गई थी. तब से लोग इस स्थान को बिलकेश्वर महादेव के नाम से जानने लगे.

शिवालय जिसकी स्थापना से हुई थी भगवान कृष्ण की विजय

सालों से मन्दिर में दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालु जगदीश शर्मा ने बताया कि भगवान कृष्ण ने महादेव की स्थापना से पूर्व दैत्य दाता सुर नामक अशुर से युद्ध किया. तब श्री कृष्ण को भी तीन बार पराजय होना पड़ा था. फिर भगवान ने शिव की स्थापना की. स्थापना के बाद चौथी बार हुए युद्ध मे कृष्ण ने दाता शुर को पराजित कर दिया. तब से यहां भगवान शिव के साथ दाता शुर को भी पूजा जाने लगा है.

यह भी पढ़ेंः राजसमंद में बन रही विश्व की सबसे ऊंची 351 फीट की शिव प्रतिमा, 90 फीसदी काम पूरा

वहीं श्रद्धालु नीलेश जैन ने बताया कि अज्ञात वास के दौरान पांडव धुंधलेश्वर महादेव खटकड़ की गुफा से होते हुए गुजरे तो नदी पार करते हुए पास ही कि तलहटी पर भगवान कृष्ण ने पांडवों के साथ मिलकर बिले के गुर से बिलकेश्वर महादेव की स्थापना की थी. सावन के महीने में यहां रोज सैकड़ों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. शिवरात्रि पर विशेष मेला लगता है. सावन में रोज शिवजी का अभिषेक कर विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

लंबे समय से कर रहे श्रद्धालु रोप वे की मांग...

तिलकेश्वर महादेव के सामने वाली पहाड़ी पर स्थित बिल्केश्वर महादेव मंदिर पर रोप वे (झूला) लगाने की मांग श्रद्धालुओं द्वारा लम्बे समय से की जा रही है. 26 जुलाई 2016 को भी ग्रामीणों ने रोप वे के लिए तत्कालीन कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल को ज्ञापन दिया था.

केशवरायपाटन (बूंदी). जिला मुख्यालय से महज 26 किलोमीटर दूर रामगढ़ विषधारी अभ्यारण की सीमा में नैनवां स्टेट हाइवे पर मेज नदी किनारे तिलकेश्वर महादेव के सामने वाली पहाड़ी पर स्थित बिल्केश्वर महादेव का अति प्राचीन मंदिर स्थित है. मन्दिर के पुजारी राकेश गोस्वामी ने बताया कि द्वापर युग मे स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बिला के गुर से इस शिवलिंग की स्थापना की गई थी. तब से लोग इस स्थान को बिलकेश्वर महादेव के नाम से जानने लगे.

शिवालय जिसकी स्थापना से हुई थी भगवान कृष्ण की विजय

सालों से मन्दिर में दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालु जगदीश शर्मा ने बताया कि भगवान कृष्ण ने महादेव की स्थापना से पूर्व दैत्य दाता सुर नामक अशुर से युद्ध किया. तब श्री कृष्ण को भी तीन बार पराजय होना पड़ा था. फिर भगवान ने शिव की स्थापना की. स्थापना के बाद चौथी बार हुए युद्ध मे कृष्ण ने दाता शुर को पराजित कर दिया. तब से यहां भगवान शिव के साथ दाता शुर को भी पूजा जाने लगा है.

यह भी पढ़ेंः राजसमंद में बन रही विश्व की सबसे ऊंची 351 फीट की शिव प्रतिमा, 90 फीसदी काम पूरा

वहीं श्रद्धालु नीलेश जैन ने बताया कि अज्ञात वास के दौरान पांडव धुंधलेश्वर महादेव खटकड़ की गुफा से होते हुए गुजरे तो नदी पार करते हुए पास ही कि तलहटी पर भगवान कृष्ण ने पांडवों के साथ मिलकर बिले के गुर से बिलकेश्वर महादेव की स्थापना की थी. सावन के महीने में यहां रोज सैकड़ों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. शिवरात्रि पर विशेष मेला लगता है. सावन में रोज शिवजी का अभिषेक कर विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

लंबे समय से कर रहे श्रद्धालु रोप वे की मांग...

तिलकेश्वर महादेव के सामने वाली पहाड़ी पर स्थित बिल्केश्वर महादेव मंदिर पर रोप वे (झूला) लगाने की मांग श्रद्धालुओं द्वारा लम्बे समय से की जा रही है. 26 जुलाई 2016 को भी ग्रामीणों ने रोप वे के लिए तत्कालीन कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल को ज्ञापन दिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.