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खबर का असर: फसल खराब से किसान नहीं रोएंगे खून के आंसू, सर्वे के आदेश

बूंदी जिले में भारी बारिश की वजह से किसानों की फसलें चौफट हो चुकी हैं. धरतीपुत्र निराश और परेशान थे. ETV भारत ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद अब प्रशासन ने सर्वे के आदेश दिए है.

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Published : Aug 21, 2019, 8:47 PM IST

crop breakdown IN BUNDI, फसल खराबे का सर्वे होगा

बूंदी. जिले के खटकड़, सथूर, सिलोर, नमाना, बड़ानया गांव, अलोद, चेता, हनोतिया, अजेता, रायथल, हिंडोली गांव सहित जिले का आधा हिस्सा भारी वर्षा के कारण किसानों की फसल जलमग्न हो गयी. बारिश के कारण जान-माल का नुकसान होने के साथ-साथ ग्रामीणों को तिली, मक्का, उड़द की करीब 60 हजार बीघा फसल नष्ट हो गयी है. खरीफ की फसल का बूंदी जिले में दो लाख से अधिक रकबा कृषि विभाग ने रखा है.

खबर का असर: फसल खराबे से किसान नहीं रोएंगे खून के आंसू, सर्वे के आदेश

वर्तमान में खेत लाल एवं काले होने के चलते फसल खेत पर नजर नहीं आ रही है. इस बारिश में बर्बाद हुई फसलों से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. खेतों में 90% मक्का, तिली, उड़द की फसल तैयार हो चुकी थी लेकिन इस बारिश ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया, और लाखों बीघा फसल पानी-पानी हो गई.

बूंदी जिले में इस भारी वर्षा के साथ आमजन और किसानों को भी नुकसान हुआ है. जिले का आधा हिस्सा कृषि प्रदान हिस्सा है ऐसा में कृषि क्षेत्र से ही अर्थव्यवस्था चलती है. ऐसे में आधा हिस्सा पूरा बर्बाद जाए तो बड़ा नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है.

ईटीवी भारत ने प्रमुखता से मुद्दे को उठाया था:

परेशान और हताश किसानों के बीच ईटीवी भारत पहुंचा और खबर को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद जिला क्लेक्टर रुकमणी रियार ने बूंदी जिले में विभिन्न तहसीलों में वर्षा से प्रभावित क्षेत्र की पात्रता संयुक्त रूप से सर्वे करने का आदेश जारी किया है. सर्वे की 21- 22 अगस्त तक पूरे प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सर्वे कार्य संबंधित उपखंड अधिकारी अपने-अपने सुपर विजन में तथा सर्वे के नोडल अधिकारी कृषि उपनिदेशक निर्धारित समय अवधि पूर्ण करने के लिए सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं. जिला कलेक्टर ने उस कार्य को प्राथमिकता से लेते हुए पूर्ण सूची के साथ संबंध में स्थापित करवाने के निर्देश जारी किए हैं. विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि बूंदी जिले में करीब 60 हजारों बीघा फसल प्रभावित हुई है और उन्होंने कहा है कि जो बाढ़ रहित क्षेत्र नदी नाले जहां पर खेत स्थित थे वहां पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है वहां पर पूरी फसल नष्ट हो गई है.

ये भी पढ़ें: डिजिटल इंडिया राजीव गांधी की देनः मंत्री टीकाराम जूली

जिले के अन्य इलाकों से बारिश में बहकर आई मिट्टी खेतों में जम जाने से बड़ा नुकसान किसानों को हुआ है. ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारी अपने-अपने इलाके में सर्वे कर रहे हैं. कलेक्टर द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार कार्य कर बीमा कंपनी के साथ किसानों को नुकसान का मुआवजा किसानों को दिया जाएगा.

बूंदी. जिले के खटकड़, सथूर, सिलोर, नमाना, बड़ानया गांव, अलोद, चेता, हनोतिया, अजेता, रायथल, हिंडोली गांव सहित जिले का आधा हिस्सा भारी वर्षा के कारण किसानों की फसल जलमग्न हो गयी. बारिश के कारण जान-माल का नुकसान होने के साथ-साथ ग्रामीणों को तिली, मक्का, उड़द की करीब 60 हजार बीघा फसल नष्ट हो गयी है. खरीफ की फसल का बूंदी जिले में दो लाख से अधिक रकबा कृषि विभाग ने रखा है.

खबर का असर: फसल खराबे से किसान नहीं रोएंगे खून के आंसू, सर्वे के आदेश

वर्तमान में खेत लाल एवं काले होने के चलते फसल खेत पर नजर नहीं आ रही है. इस बारिश में बर्बाद हुई फसलों से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. खेतों में 90% मक्का, तिली, उड़द की फसल तैयार हो चुकी थी लेकिन इस बारिश ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया, और लाखों बीघा फसल पानी-पानी हो गई.

बूंदी जिले में इस भारी वर्षा के साथ आमजन और किसानों को भी नुकसान हुआ है. जिले का आधा हिस्सा कृषि प्रदान हिस्सा है ऐसा में कृषि क्षेत्र से ही अर्थव्यवस्था चलती है. ऐसे में आधा हिस्सा पूरा बर्बाद जाए तो बड़ा नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है.

ईटीवी भारत ने प्रमुखता से मुद्दे को उठाया था:

परेशान और हताश किसानों के बीच ईटीवी भारत पहुंचा और खबर को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद जिला क्लेक्टर रुकमणी रियार ने बूंदी जिले में विभिन्न तहसीलों में वर्षा से प्रभावित क्षेत्र की पात्रता संयुक्त रूप से सर्वे करने का आदेश जारी किया है. सर्वे की 21- 22 अगस्त तक पूरे प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सर्वे कार्य संबंधित उपखंड अधिकारी अपने-अपने सुपर विजन में तथा सर्वे के नोडल अधिकारी कृषि उपनिदेशक निर्धारित समय अवधि पूर्ण करने के लिए सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं. जिला कलेक्टर ने उस कार्य को प्राथमिकता से लेते हुए पूर्ण सूची के साथ संबंध में स्थापित करवाने के निर्देश जारी किए हैं. विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि बूंदी जिले में करीब 60 हजारों बीघा फसल प्रभावित हुई है और उन्होंने कहा है कि जो बाढ़ रहित क्षेत्र नदी नाले जहां पर खेत स्थित थे वहां पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है वहां पर पूरी फसल नष्ट हो गई है.

ये भी पढ़ें: डिजिटल इंडिया राजीव गांधी की देनः मंत्री टीकाराम जूली

जिले के अन्य इलाकों से बारिश में बहकर आई मिट्टी खेतों में जम जाने से बड़ा नुकसान किसानों को हुआ है. ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारी अपने-अपने इलाके में सर्वे कर रहे हैं. कलेक्टर द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार कार्य कर बीमा कंपनी के साथ किसानों को नुकसान का मुआवजा किसानों को दिया जाएगा.

Intro:बूंदी में ईटीवी भारत राजस्थान की खबर का बड़ा असर हुआ है यहां पर ईटीवी भारत ने जिले में बाढ़ से किस तरीके से किसानों की फसलें चौपट हो गई । इस खबर को प्रसारित किया था और खबर में यह दिखाया था कि किस तरीके से किसानों के अरमानों पर पानी पड़ा हुआ है और ईटीवी भारत के माध्यम से किसान फिर से मुआवजा व सर्वे करवाकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं इस पर ईटीवी भारत ने खबर को प्रमुखता से उठाया ।ऐसे में जिला कलेक्टर ने जिले में सभी तहसीलों में 2 दिनों के अंदर खराबी का सर्वे कर उन्हें मुआवजा देने की आदेश जारी किए हैं ।


Body:बूंदी । जिले के खटकड़ ,सथूर , सिलोर , नमाना , बड़ानया गावँ , अलोद , चेता , हनोतिया , अजेता , रायथल , हिंडोली गांव सहित जिले का आधा हिस्सा भारी वर्षा के कारण किसानों की सभी फ़सल जलमग्न हो गयी । बारिश के कारण जान माल का नुकसान होंने के साथ साथ ग्रामीणों को सबसे तिल्ली ,मक्का , उड़द की करीब 60 हजार बीघा फसल नष्ट हो गयी है खरीफ की फसल का बूंदी जिले में 2 लाख से अधिक रकबा कृषि विभाग ने रखा है । वर्तमान में खेत लाल एवं काले होने के चलते फसल खेत पर नजर नही आ रही है । इस बारिश में बर्बाद हुई फसलो से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। खेतों में 90% मक्का , तिल्ली , उड़द की फसल तैयार हो चुकी थी लेकिन इस बारिश ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया और लाखों बीघा फसलें पानी-पानी हो गई ।

बूंदी जिले में इस भारी वर्षा के साथ आमजन और किसानों को भी नुकसान हुआ है । जिले का आधा हिस्सा कृषि प्रदान हिस्सा है ऐसा में कृषि क्षेत्र से ही अर्थव्यवस्था चलती है। ऐसे में आधा हिस्सा पूरा बर्बाद जाए तो बड़ा नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है ।




Conclusion:ऐसे में ईटीवी भारत राजस्थान की खबर प्रसारित होने के बाद जिला क्लेक्टरर रुकमणी रियार ने बूंदी जिले में विभिन्न तहसीलों में वर्षा से प्रभावित क्षेत्र की पत्रता संयुक्त रूप से सर्वे करने का आदेश जारी किया है । साथ ही सर्वे की 21- 22 अगस्त तक पूरे प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं । उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सर्वे कार्य संबंधित उपखंड अधिकारी अपने-अपने सुपर विजन में तथा सर्वे के नोडल अधिकारी कृषि उपनिदेशक निर्धारित समय अवधि पूर्ण करने के लिए सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं । जिला कलेक्टर ने उस कार्य को प्राथमिकता से लेते हुए पूर्ण सूची के साथ संबंध में स्थापित करवाने के निर्देश जारी किए हैं । विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि बूंदी जिले में करीब 60 हजारों बीघा फसल प्रभावित हुई है और उन्होंने कहा है कि जो बाढ़ रहित क्षेत्र नदी नाले जहां पर खेत स्थित थे वहां पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है । वहां पर पूरी फसल नष्ट हो गई है। साथ ही जिले के अन्य इलाकों में बारिश में बहकर आई मिट्टी खेतों में जम जाने से बड़ा नुकसान किसानों को हुआ है। ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारी अपने अपने इलाके में सर्वे कर रहे हैं और कलेक्टर द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार कार्य कर बीमा कंपनी के साथ किसानों को नुकसान का मुआवजा किसानों को दिया जाएगा ।

बाईट - रमेश पालीवाल , उपनिदेशक , कृषि विभाग ,बूंदी
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