बूंदी. अब तक तो आपने चुनावी रण में 2 प्रतिद्वंदी को सामने लड़ते हुए देखा होगा लेकिन जब करीबी रिश्ते सामने चुनाव लड़े तो बात ही कुछ और होगी. जी यह लोकतंत्र है और लोकतंत्र में सब कुछ जायज है. फिर बात चुनाव की हो तो कहना ही कुछ और होगा. जी हां राजस्थान में पंचायती राज चुनाव का बिगुल बज चुका है और प्रथम चरण के चुनाव होने हैं. बूंदी में केशोरायपाटन विधानसभा में प्रथम फेज में 17 जनवरी को चुनाव होने हैं.
ऐसे में 17 जनवरी को चुनाव होने से पूर्व नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. बूंदी के अनरेठा ग्राम पंचायत में जिन प्रत्याशियों की दावेदारी सामने आई है उनमें से पति पत्नी भी शामिल है. पति और पत्नी दोनों अपने-अपने समर्थकों के घर जाकर मतदाताओं से समर्थन की अपील कर रहे हैं जो कि एक रोचक तस्वीर सामने निकल कर आ रही है. तस्वीर भी ऐसी कि दोनों पति-पत्नी घर में एक साथ चुनाव प्रचार के लिए निकलते हैं और ग्रामीणों से मिलकर अपने अपने लिए वोट मांग रहे हैं. उनका ऐसा मानना है कि घर में जितने सदस्य हैं उन सदस्यों में आधे आधे वोट दोनों को मिल जाएंगे और वोटों का स्तर भी बराबर रहेगा.
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जी हां प्रथम चरण के तहत बूंदी जिले के केशोरायपाटन पंचायत समिति क्षेत्र में 17 जनवरी को चुनाव होना है. सरपंच और वार्ड पंच के लिए होने वाले चुनाव में बैरवा बस्ती निवासी बजरंग लाल मेघवाल खड़े हुए हैं. यहां उनके सामने उनकी पत्नी सुगना बाई मेघवाल भी खड़ी हुई है. जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है. चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी प्रचार में दमखम दिखाने लगे हैं. बता दें कि केशोरायपाटन की अनरेठा ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए करीब 8 से अधिक चुनाव प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं. पति - पत्नी बजरंग लाल मेघवाल उनकी पत्नी सुगना बाई मेघवाल आमने सामने डटे हुए हैं.
आखिर क्यों आई ऐसी नौबत
जानकारी के अनुसार अनरेठा ग्राम पंचायत से सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ रहे सरपंच प्रत्याशी बजरंग लाल मेघवाल की दो पत्नियां हैं और तीन बच्चे हैं. उन्हें डर था कि कहीं तीन बच्चों के चलते उनका नामांकन खारिज ना हो जाए इसलिए उन्होंने अपने साथ पत्नी सुगना बाई का भी पर्चा भर दिया. लेकिन ऐसा नहीं हुआ निर्वाचन आयोग ने किसी का भी पर्चा खारिज नहीं करते हुए दोनों को प्रतीक चिन्ह आवंटित कर दिए और फिर क्या था दोनों को चिन्ह आवंटित करने के बाद दोनों पति-पत्नी आमने सामने चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गए. दोनों का इसके पीछे मानना है कि चाहे पति सरपंच बने चाहे पत्नी सरपंच दोनों गांव का विकास करवाएंगे और दोनों में कोई मतभेद भी नहीं होगा और उनका पारिवारिक घर भी चलेगा.
ईटीवी से बोली पत्नी - मेरा वोट पति को
ईटीवी भारत की टीम अनरेठा ग्राम पंचायत पहुंची. यहां सरपंच पद के लिए अपने पति के सामने खड़ी पत्नी सुगना बाई से बातचीत की. यहां सुगना बाई ने बताया कि वह सरपंच पद के लिए अपने पति के सामने खड़ी हुई है और उनका वोट उनके पति को ही जाएगा. क्योंकि वह उनके पति हैं और चाहे वह जीत भी जाए या हार भी जाए या वह खुद भी जीते दोनों मिलकर काम करेंगे. सुगना बाई ईटीवी को बताती है कि दोनों एक साथ चुनाव प्रचार के लिए गांव में जा रहे हैं और अपने अपने समर्थकों से मिलकर प्रचार कर रहे हैं. उनका मानना है कि हम दोनों जनप्रिय हैं और हमारी जीत होगी.
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ईटीवी से बोले पति - मेरा वोट, मेरा समर्थन पत्नी को
उधर सरपंच पद के लिए खड़े हुए पति का कहना है कि मैंने मेरा समर्थन मेरी पत्नी सुगना बाई को दिया है और चाहे वह जीते या चाहे में जीतू. हम दोनों गांव के विकास के लिए काम करेंगे. गांव में जो भी विकास कार्य नहीं हो पाए हैं उन विकास कार्यों को हम करवाने की कोशिश करेंगे. सरपंच पद प्रत्याशी बजरंगलाल बताते हैं कि गांव में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हैं चाहे वह सड़क हो, पानी हो, बिजली हो कई तरह की ग्रामीणों की समस्या है और मुझे चुनाव लड़ने का पहले भी अनुभव रह चुका है और साथ में मेरी पत्नी सुगना बाई को भी अनुभव है. हालांकि आम चुनाव में जीते नहीं लेकिन रूपरेखा किस तरीके से की जाती है यह हमें आता है.
अनरेठा ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए 8 दावेदार खड़े हुए हैं. जबकि वार्ड पंच की संख्या 11 है. ऐसे में 27 से अधिक दावेदारों ने अपना दाव यहां पर ठोका है और गांव की हर गलियों में प्रचार प्रचार शुरू हो गया है. क्योंकि, नामांकन के बाद इन पदों के लिए 7 दिन का समय प्रचार का पंचायत राज चुनाव के तहत दिया गया है. ऐसे में पुरजोर तरीके से वह दोनों पति पत्नी और विभिन्न प्रत्याशी गांव में प्रचार प्रसार कर रहे हैं.
यकीनन राजस्थान अद्भुत है और राजस्थान की परम्परा अद्भुत है. फिर बात चुनाव की हो तो कुछ कहना ही होगा जी हां पति पत्नी ने इस रोचकता मुकाबले को और रोचक कर दिया है. सबसे बड़ी बात है कि दोनों पति-पत्नी आमने-सामने एक दूसरे के लिए वोट मांग रहे हैं लेकिन घर गृहस्थी इनकी वैसे ही है जैसे पहले सामान्य थी.
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दोनों पत्नी पत्नी घरेलू कामकाज में अपना हाथ बढ़ाते हैं. घर का काम काज दोनों पति-पत्नी करने के बाद गांव में वोट मांगने के लिए निकल जाते हैं और दिन भर एक दूसरे के लिए वोट मांगते हैं और शाम को वापस घर आते हैं. फिर से वही घर गृहस्थी का काम करते हैं.
अब देखना होगा कि पंचायती राज चुनाव का बिगुल बज चुका है दोनों पत्नी पत्नी सहित कई प्रत्याशी सरपंच पंच और वार्ड पंच के लिए आमने-सामने हैं किस को विजय मिलती है और किसको हार यह तो पंचायती राज चुनाव की मतगणना होने के बाद ही पता लग पाएगा. लेकिन जब तक यह दोनों पति-पत्नी आमने-सामने हैं तो अनरेठा इलाके में चर्चा का विषय बने हुए है.