बूंदी. रंगों का त्योहार माने जाने वाला होली महोत्सव इस बार फीका पड़ता हुआ जा रहा है. छोटी काशी बूंदी में होली का बड़ा महत्व है. यहां पर देशी हो या विदेशी सभी जमकर होली का पर्व मनाते हैं. शहर की सड़कों पर युवक और युवतियां रंगों के बीच होली महोत्सव को खेलते हैं.
लेकिन इस बार होली महोत्सव फीका पड़ता जा रहा है. क्योंकि कोरोना वायरस के भय के चलते लोगों ने अपने हाथ पीछे कर लिए हैं और बचाव उपचार मानते हुए रंगों की खरीद नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते बूंदी के बाजारों में रंगों की दुकानों पर काफी कम भीड़ देखी जा सकती है.
यहां पर गिने-चुने लोग ही इन दुकानों पर पहुंच रहे हैं और रंग गुलाल को खरीद रहे हैं. सबसे ज्यादा यहां पर पिचकारी लोग खरीद रहे हैं लेकिन, रंगों की डिमांड भी यहां कम हो गई है. दुकानदारों की मानें तो पिछले 10 दिनों से बूंदी में रंगों के बाजार सजने लगे थे. होली मनाने का एक ही दिन रह गया है लेकिन कोई खासा मार्केट बूंदी में रंगों के लिए नहीं रहा है.
पढ़ें: बेखौफ अपराधियों ने पुलिस स्टेशन के पीछे 2 युवकों को जिंदा जलाया, हालत गंभीर, बीकानेर रेफर
करीब 40 प्रतिशत नुकसान यहां दुकानदारों को झेलना पड़ा है. सबसे ज्यादा बाजार को नुकसान कोरोना वायरस के चलते ही हुआ है. यहां पर चिकित्सक भी लोगों को इस दौरान बचाओ करने के लिए जागरूक कर रहे हैं तो दूसरी तरफ होली को पूरे उत्साह के साथ खेलने के लिए भी लोगों से कह रहे हैं. साथ में भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क लगाकर ही होली खेलने का सुझाव चिकित्सक द्वारा लोगों को दिया जा रहा है.
पढ़ें- स्पेशल : यहां पहलवानी परखने की परंपरा, 800 किलो वजनी पत्थर उठाने का चैलेंज
होली मस्ती उमंग और उल्लास का त्यौहार है. आप उसी भरी मस्ती भरे माहौल में होली जरूर खेलें. इसका रंग फीका ना पड़े. इसलिए कुछ सावधानी जरूर बरतें, क्योंकि इस बार दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण और बेमौसम हुई बरसात के कारण संक्रमण ज्यादा फैलने का खतरा माना जा रहा है.
हालांकि, बूंदी में कोई कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज नहीं मिला है. लेकिन, मौसम में नमी को देखते हुए बेहतर स्वास्थ्य के लिए सतर्कता बरतने में कुछ भी गलत नहीं है. इसको लेकर सभी व्यवस्थाएं माकूल भी. अब देखना है कि 10 मार्च को होली का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा बूंदी में किस तरीके से लोगों के सिर पर होली का रंग चढ़ता है.