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मंत्री अशोक चांदना के खिलाफ वनकर्मियों ने खोला मोर्चा, कहा- माफी नहीं मांगी तो करेंगे उग्र आंदोलन - गहलोत सरकार में मंत्री अशोक चांदना

मंत्री अशोक चांदना ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट में समीक्षा के दौरान उप वन संरक्षक टी मोहनराज को अहसान फरामोश कह दिया था. साथ ही जान निकाल लेने की धमकी दी थी. जिससे नाराज बूंदी के वनकर्मियों ने अब मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया (Forest worker angry with Minister Chandna) है.

Forest worker angry with Minister Chandna
Forest worker angry with Minister Chandna
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Published : Mar 29, 2023, 11:15 PM IST

बूंदी. गहलोत सरकार में मंत्री अशोक चांदना ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट में समीक्षा बैठक लेते हुए अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी. इसी दौरान उप वन संरक्षक टी मोहनराज पर भी जमकर बरसे थे. इस दौरान डीसीएफ को अहसान फरामोश तक कह दिया था. मंत्री यहीं नहीं रुके आगे उन्होंने डीसीएफ को धमकी दी और कहा कि एक दिन में ही जान निकाल लेंगे. वहीं, अब मंत्री के इस रवैए के खिलाफ बूंदी के वनकर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को वनकर्मी कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और मंत्री अशोक चांदना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान नाराज वनकर्मियों ने मांग की, कि अगर मंत्री ने अविलंब माफी नहीं मांगी तो वो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन को अग्रसर होंगे.

इस मसले पर वन कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि मंत्री चांदना का व्यवहार बर्दाश्त के काबिल नहीं है. उन्होंने कहा कि अकारण ही समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने डीसीएफ के साथ अभद्रता की. यह मंत्री चांदना को शोभा नहीं देता है. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह से सियासी दबाव में आईएफएस अधिकारी के साथ ऐसा बर्ताव होता रहा है तो एक कर्मचारी फील्ड में भला कैसे काम कर पाएगा?.

इसे भी पढे़ं - मंत्री चांदना ने DFO को धमकाया, कहा- आग के ढेर पर बैठे हो, एक ही दिन में जान निकाल लूंगा

उन्होंने कहा कि जब तक खेल मंत्री चांदना अपने शब्दों के लिए माफी नहीं मांगेंगे, तब वन कर्मचारी धरने से नहीं उठेंगे और माफी मांगने में देर हुई तो उग्र आंदोलन को हम मजबूर होंगे. सोलंकी ने कहा कि इस संबंध में वन विभाग के कर्मियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल तक को ज्ञापन भेजा है. आपको बता दें कि मंत्री चांदना ने अधिकारियों पर काम रोकने का आरोप लगाया था. साथ ही ट्रांसफर पोस्टिंग का डर दिखाया था. उप वन संरक्षक टी मोहनराज पर नाराज होकर उन्हें अहसान फरामोश तक कह दिया था.

इस पूरे मामले में उप वन संरक्षक टी मोहनराज ने रिपोर्ट बना कर जिला कलेक्टर को सौंप दी है. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्टीकरण भेजा है कि उन्हें बैठक में अपनी सफाई पेश करने तक का मौका नहीं दिया गया. मंत्री चांदना ने गलत जानकारी के चलते, बिना कारण ही उन्हें डांट फटकार लगाई. वहीं, अब इस वाकया के बाद सोशल मीडिया पर भी मंत्री चांदना के खिलाफ जमकर पोस्ट की जा रही है. उनके विरोधी इस पूरे मामले को लेकर मंत्री चांदना पर हमला कर रहे हैं.

बूंदी. गहलोत सरकार में मंत्री अशोक चांदना ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट में समीक्षा बैठक लेते हुए अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी. इसी दौरान उप वन संरक्षक टी मोहनराज पर भी जमकर बरसे थे. इस दौरान डीसीएफ को अहसान फरामोश तक कह दिया था. मंत्री यहीं नहीं रुके आगे उन्होंने डीसीएफ को धमकी दी और कहा कि एक दिन में ही जान निकाल लेंगे. वहीं, अब मंत्री के इस रवैए के खिलाफ बूंदी के वनकर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को वनकर्मी कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और मंत्री अशोक चांदना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान नाराज वनकर्मियों ने मांग की, कि अगर मंत्री ने अविलंब माफी नहीं मांगी तो वो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन को अग्रसर होंगे.

इस मसले पर वन कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि मंत्री चांदना का व्यवहार बर्दाश्त के काबिल नहीं है. उन्होंने कहा कि अकारण ही समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने डीसीएफ के साथ अभद्रता की. यह मंत्री चांदना को शोभा नहीं देता है. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह से सियासी दबाव में आईएफएस अधिकारी के साथ ऐसा बर्ताव होता रहा है तो एक कर्मचारी फील्ड में भला कैसे काम कर पाएगा?.

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उन्होंने कहा कि जब तक खेल मंत्री चांदना अपने शब्दों के लिए माफी नहीं मांगेंगे, तब वन कर्मचारी धरने से नहीं उठेंगे और माफी मांगने में देर हुई तो उग्र आंदोलन को हम मजबूर होंगे. सोलंकी ने कहा कि इस संबंध में वन विभाग के कर्मियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल तक को ज्ञापन भेजा है. आपको बता दें कि मंत्री चांदना ने अधिकारियों पर काम रोकने का आरोप लगाया था. साथ ही ट्रांसफर पोस्टिंग का डर दिखाया था. उप वन संरक्षक टी मोहनराज पर नाराज होकर उन्हें अहसान फरामोश तक कह दिया था.

इस पूरे मामले में उप वन संरक्षक टी मोहनराज ने रिपोर्ट बना कर जिला कलेक्टर को सौंप दी है. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्टीकरण भेजा है कि उन्हें बैठक में अपनी सफाई पेश करने तक का मौका नहीं दिया गया. मंत्री चांदना ने गलत जानकारी के चलते, बिना कारण ही उन्हें डांट फटकार लगाई. वहीं, अब इस वाकया के बाद सोशल मीडिया पर भी मंत्री चांदना के खिलाफ जमकर पोस्ट की जा रही है. उनके विरोधी इस पूरे मामले को लेकर मंत्री चांदना पर हमला कर रहे हैं.

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