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केशवरायपाटन में शुगर मिल संचालन को लेकर किसानों का अनशन जारी - केशवरायपाटन में किसानों का अनशन

राजस्थान की एक मात्र शुगर मिल के पुनः संचालन को लेकर किसानों का आक्रोश दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. किसान नेता गिर्राज गौतम ने बुधवार से आमरण अनशन शुरू किया, जो दूसरे दिन भी जारी रहा. इस दौरान चिकित्सकों की टीम ने गौतम का स्वास्थ्य चेकअप भी किया.

sugar mill in Keshavraipatan, farmers hunger strike in Keshavraipatan
केशवरायपाटन में शुगर मिल संचालन को लेकर किसानों का अनशन जारी
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Published : Mar 5, 2021, 9:03 AM IST

केशवरायपाटन (बूंदी). सहकारिता क्षेत्र की प्रदेश की एक मात्र शुगर मिल वर्ष 2000 से बंद पड़ी है. मिल के पुन: संचालन को लेकर किसानों का धरना पिछले 23 दिनों से जारी है. वहीं दूसरे दिन गुरुवार को भी किसान नेता गिरिराज गौतम का अनशन जारी रहा. मेगा हाईवे के शुगर मिल चौराहे पर संयुक्त किसान समन्यवय समिति शुगर मिल के पुनः संचालन की मांग को लेकर धरना लगा रखा है.

केशवरायपाटन में शुगर मिल संचालन को लेकर किसानों का अनशन जारी

किसानों का कहना है कि पिछले 21 वर्षों से शुगरमिल के चलने की आस लगाए बैठे गन्ना उत्पादक अंशधारी किसान इसलिए आशावादी हो रहे हैं कि कांग्रेस शासन में घाटे का सौदा बताकर हाड़ौती की जीवनदायिनी शुगर मिल को बंद कर दिया गया था. उसको भाजपा ने सरकार बनने पर चलाने का किसानों से वादा किया था, लेकिन वह पूरा नहीं हो पाया.

पढ़ें- बाड़मेर : भादरेस में लिग्नाइट खनन कर रही निजी कंपनी....ग्रामीण दे रहे धरना, 13वें दिन भी प्रदर्शन जारी

वर्ष 2011 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शुगर मिल की भूमि पर एक हजार मेगावाट पावर प्लांट लगाने की घोषणा करने से शुगर मिल की 456 बीघा भूमि राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम ने 54 करोड़ रुपए में शुगर मिल से खरीद ली. शुगर मिल की भूमि बिकने से बकाया सभी देनदारियां चुकने के बाद भी शुगर मिल के पास 15 करोड़ की राशि शेष बची हुई है.

केशवरायपाटन (बूंदी). सहकारिता क्षेत्र की प्रदेश की एक मात्र शुगर मिल वर्ष 2000 से बंद पड़ी है. मिल के पुन: संचालन को लेकर किसानों का धरना पिछले 23 दिनों से जारी है. वहीं दूसरे दिन गुरुवार को भी किसान नेता गिरिराज गौतम का अनशन जारी रहा. मेगा हाईवे के शुगर मिल चौराहे पर संयुक्त किसान समन्यवय समिति शुगर मिल के पुनः संचालन की मांग को लेकर धरना लगा रखा है.

केशवरायपाटन में शुगर मिल संचालन को लेकर किसानों का अनशन जारी

किसानों का कहना है कि पिछले 21 वर्षों से शुगरमिल के चलने की आस लगाए बैठे गन्ना उत्पादक अंशधारी किसान इसलिए आशावादी हो रहे हैं कि कांग्रेस शासन में घाटे का सौदा बताकर हाड़ौती की जीवनदायिनी शुगर मिल को बंद कर दिया गया था. उसको भाजपा ने सरकार बनने पर चलाने का किसानों से वादा किया था, लेकिन वह पूरा नहीं हो पाया.

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वर्ष 2011 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शुगर मिल की भूमि पर एक हजार मेगावाट पावर प्लांट लगाने की घोषणा करने से शुगर मिल की 456 बीघा भूमि राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम ने 54 करोड़ रुपए में शुगर मिल से खरीद ली. शुगर मिल की भूमि बिकने से बकाया सभी देनदारियां चुकने के बाद भी शुगर मिल के पास 15 करोड़ की राशि शेष बची हुई है.

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