बूंदी. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर दिन-प्रतिदिन देश के हालात खराब होते जा रहे है. इसको लेकर चिकित्सा विभाग एवं जिला प्रशासन भी सतर्क है. कुछ ऐसे ही हालात आजकल राजस्थान बूंदी जिले के देखने को मिल रहे है. दरअसल, बूंदी जिले के निजी अस्पतालों में कोरोना को लेकर कोई व्यवस्था नहीं होने पर इसका सारा भार जिला अस्पताल पर पड़ रहा है.
आलम यह है कि जिले के कोविड-19 केयर सेंटर में रोजाना 100 लोगों की सैंपलिंग ली जा रही है. लेकिन इसके विपरित इन सेंटर्स पर अव्यवस्थाओं का आलम भी पसरा है. यहां सुरक्षा गार्ड नहीं होने के चलते मरीज कई बार संदिग्ध मरीजों से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना भूल जाते हैं. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा मंडराता रहता है. इतना ही नहीं कोविड सेंटर की बिल्डिंग को भी देखकर यही लगता है कि बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर है. फिर भी चिकित्साकर्मी काम में जुटे हुए है.
जानकारी के अनुसार जिले में अब तक कोरोना वायरस के 37 संक्रमित मरीज पाए जा चुके हैं. वहीं, अब तक 6 हजार से अधिक लोगों की सैंपलिंग ली जा चुकी है. इसके साथ ही कोविड सेंटर की टीम को भी जब सूचना मिलती है तो वे उन लोगों के सैंपल लेने के लिए पहुंच जाते है. वहीं, अगर बूंदी में कोरोना के संक्रमण की बात की जाए तो अस्पताल के चिकित्साकर्मियों के पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया.
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इसके लिए जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया कि कोविड-19 सेंटर के आसपास किसी मरीज की भर्ती नहीं की जाएगी. सभी मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड बना दिए गए. जानकारी के अनुसार, वर्तमान में बूंदी के मेडिकल वार्ड के पीछे स्थित बिल्डिंग में कोविड-19 सेंटर बनाया गया है, जहां 40 से 50 बेड की व्यवस्था है और वहां 6 के आसपास कोरोना के मरीज भर्ती है, जिनके उपचार के लिए लगातार मेडिकल टीम चेकअप करती रहती है.
चिकित्साकर्मी रहे पूरी तरह तैनात
कोरोना वायरस की इस जंग में बूंदी के चार चिकित्साकर्मी भी इसकी चपेट में आ चुके है और बूंदी के आइसोलेशन वार्ड में अपना इलाज करवा रहे हैं. लेकिन फिर भी जिला अस्पताल के सभी चिकित्साकर्मी वहां मुस्तैदी के साथ डटे हुए हैं. बूंदी में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ ही प्रशासन ने जिला अस्पताल के तीन भाग कर दिए हैं. पहला भाग कोरोना संक्रमितों, दूसरा भाग खासी-जुकाम वाले मरीजों और तीसरा भाग सामान्य मरीजों का है. वहीं, अगर ओपीडी की बात की जाए तो करीब 10 हजार से अधिक लोगों ने अस्पताल में चिकित्सकों से परामर्श लिया है. संक्रमण के चलते चिकित्सकों ने अधिकतर मरीजों को घर पर ही रहकर उपचार लेने की सलाह दी है.
जिला अस्पताल पर ही निर्भर Corona मरीज
शहर में निजी अस्पताल करीब 6 से अधिक है. इन अस्पतालों को कोरोना वायरस के चलते मार्च के बाद से ही बंद कर दिया गया था. संचालक मंडलों ने भी इन अस्पतालों को नहीं खोला और तब से लेकर अब तक अस्पताल यूनिट बंद है. बाकी सामान्य मरीजों को यहां देखा जाता है और उन्हें ऑनलाइन परामर्श देने का काम किया जा रहा है. बूंदी जिले का एक मात्र कोविड सेंटर जिला अस्पताल में ही बनाया गया है और यहां पर ही संक्रमित मरीजों को रखने का काम किया जा रहा है. जबकि निजी अस्पताल में अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की है.
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यही कारण है कि निजी अस्पताल में व्यवस्थाएं बंद होने के साथ ही सारा लोड जिला अस्पताल पर पड़ रहा है और सभी मरीज यहां पर ही दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं. इस वजह से इस सेंटर पर भारी भीड़ देखी जा सकती है. इसी भीड़ के कारण कोरोना सैंपल लेने के दौरान बूंदी अस्पताल के चार चिकित्साकर्मी पॉजिटिव पाए गए थे.
गौरतलब है कि अब तक 20 लाख से अधिक लोगों की पांच चरणों में स्क्रीनिंग की जा चुकी है. यहां पर टीम पीपीई कीट पहनकर इन संक्रमित लोगों के टेस्ट लेती है और उनको सावधानीपूर्वक एंबुलेंस के सहारे कोटा भेजा जाता है. लेकिन प्रशासन को चाहिए कि वह कोविड-19 केयर सेंटर में साफ-सफाई की व्यवस्थाएं पूरी करें. ताकि आने-जाने वाले लोगों को संक्रमण नहीं हो और वह स्वस्थ्य रह सकें.