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बूंदीः बेटे का फर्ज निभाई बेटी, पिता के निधन के बाद निभाई पगड़ी की रस्म - Daughter played turban ritual in Bundi

बूंदी के देईखेड़ा कस्बे में रहने वाली पूजा मीणा ने पिता के निधन के बाद पगड़ी की रस्म ऐसे निभाई और संपन्न की जैसे कोई बेटा करता है. सामाजिक स्वीकृति के बीच लीना के माथे पिता की पगड़ी बंधी तो उसका चेहरा बदलाव की रोशनी से दमक उठा.

Daughter played turban ritual in Bundi,  Bundi News
पिता के निधन के बाद निभाई पगड़ी की रस्म
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Published : Sep 13, 2020, 11:01 PM IST

केशवरायपाटन (बूंदी). भारतीय समाज में पगड़ी की रस्म से अकसर बेटियों को वंचित रखा जाता है. रस्म है कि पिता के अवसान के बाद पुत्र ही पिता की पगड़ी धारण करता है, लेकिन बूंदी के इलाके के देईखेड़ा कस्बे में सामाजिक कुरीतियों को तोड़ते हुए एक अनोखी पहल शुरू हुई है. पिता की मौत के बाद उसकी पगड़ी की रस्म अदायगी पर बेटी को पगड़ी (फाग) बांधी जाती है.

इन कुरीतियां में गत कुछ समय से बदलाव जारी है. उल्लेखनीय है कि पहले पिता की मौत के बाद पुत्र नहीं होने पर परिवार में से किसी सदस्य अथवा रिश्तेदार के सिर पर (फाग) पगड़ी बांधी जाती थी. वहीं दूसरी ओर पिता की चिता को मुखाग्नि भी किसी अन्य सदस्य के द्वारा दी जाती रही है.

पढ़ें- पिता ने मुझे बेटे के तरह पाला, उनकी हर जिम्मेदारी मेरी

उपसरपंच विजय मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि कस्बा निवासी नंदकिशोर मीणा लम्बे समय से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे. जिनका लंबे समय से उपचार चल रहा था और पिछले सप्ताह मौत हो गई थी. इस मौके पर करीब 16 वर्षीय बच्ची पूजा मीणा ने ही पिता की चिता को मुखाग्नि दी. वहीं, ग्रामीणों और समाज के प्रबुद्धजनों के बीच पूजा को पगड़ी बांध कर रस्म पूरी की गई.

केशवरायपाटन (बूंदी). भारतीय समाज में पगड़ी की रस्म से अकसर बेटियों को वंचित रखा जाता है. रस्म है कि पिता के अवसान के बाद पुत्र ही पिता की पगड़ी धारण करता है, लेकिन बूंदी के इलाके के देईखेड़ा कस्बे में सामाजिक कुरीतियों को तोड़ते हुए एक अनोखी पहल शुरू हुई है. पिता की मौत के बाद उसकी पगड़ी की रस्म अदायगी पर बेटी को पगड़ी (फाग) बांधी जाती है.

इन कुरीतियां में गत कुछ समय से बदलाव जारी है. उल्लेखनीय है कि पहले पिता की मौत के बाद पुत्र नहीं होने पर परिवार में से किसी सदस्य अथवा रिश्तेदार के सिर पर (फाग) पगड़ी बांधी जाती थी. वहीं दूसरी ओर पिता की चिता को मुखाग्नि भी किसी अन्य सदस्य के द्वारा दी जाती रही है.

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उपसरपंच विजय मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि कस्बा निवासी नंदकिशोर मीणा लम्बे समय से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे. जिनका लंबे समय से उपचार चल रहा था और पिछले सप्ताह मौत हो गई थी. इस मौके पर करीब 16 वर्षीय बच्ची पूजा मीणा ने ही पिता की चिता को मुखाग्नि दी. वहीं, ग्रामीणों और समाज के प्रबुद्धजनों के बीच पूजा को पगड़ी बांध कर रस्म पूरी की गई.

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