बूंदी. कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर के निदेशक (जन स्वास्थ्य) डॉ रवि प्रकाश माथुर ने श्वसन रोग व कोविड के संबंध में एडवाइजरी जारी की है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी सामर ने बताया कि एडवाजरी के अनुसार सर्दी के मौसम में खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब आदि लक्षणों के रोगियों की संख्या में वृद्वि पायी जाती है. वर्तमान में देश के केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में कोविड कैसेज की संख्या में वृद्वि पाई गई है. देश के केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली व गोवा राज्यों में कोविड का नया सब वेरियेन्ट जेएन.1 पाया गया है. राजस्थान में जैसलमेर में 2 तथा जयपुर में 2 जिनमें एक झुंझुनूं तथा दूसरा भरतपुर के मूल निवासी है, संक्रमित पाए गए हैं. विशेषज्ञों की राय के अनुसार प्रथम दृष्टया यह अपेक्षाकृत मिल्ड इंफ्केशन प्रतीत होता है.
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उन्होंने बताया कि हल्की सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के रोगी चिकित्सक की सलाह समय पर लेते हैं, तो रोग के नियंत्रण पर प्रभावी व तत्काल काबू पाया जा सकता है. चिकित्सक के परीक्षण उपरांत आईएलआई इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस रोगियों में सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के लक्षण की स्थिति में होम आइसोलेशन एवं उक्त लक्षणों के गंभीर या लम्बी अवधि होने की स्थिति में तथा सेवयर एक्यूट रेस्पाइरोटी इलनेस (सारी) के संक्रमण पर, अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई है.
उन्होंने बताया कि बच्चे, वृद्वजन, गर्भवती महिलाएं एवं कोमोर्बीडीटी वाले व्यक्तियों यथा डायबीटिज, कैंसर, हृदय रोग व अन्य गंभीर बीमारियों के रोगियों को सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के लक्षण की स्थिति में सतर्क रहें व विशेष ध्यान रखते हुए तुरन्त चिकित्सक के अनुसार उपचार और कोविड टेस्ट करवाएं. क्योंकि उनमें रोग के गम्भीर होने की ज्यादा सम्भावना रहती है.
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उन्होंने बताया कि आईएलआई व सारी के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक की सलाह अनुसार कोविड-19 की जांच व उपचार समय रहते लिया जाना चाहिए. आईएलआई के रोगियों जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब की तकलीफ है. उन्हें दूसरे लोगों से दूरी बनानी चाहिए और मास्क का उपयोग करना चाहिए एवं हाथों को आवश्यकतानुसार साबुन से 20 सैकेण्ड तक धोना या सेनेटाईजर का उपयोग करना चाहिए. उन्होंने बताया कि आने वाले त्योहार व नववर्ष पर कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर की पालना की जानी चाहिए. आमजन में कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर प्रणाली का उपयोग संक्रमण से बचाव के लिए उपयुक्त प्रक्रिया है.