बूंदी. देश में कोरोना वायरस का प्रकोप जब आया तब स्थिति विपरीत थी. ऐसे में कोरोना संक्रमण की घड़ी में स्थितियां उलट-पुलट सी हो गई है और संक्रमण से बचने के लिए हर कोई सुरक्षित मापदंडों को अपना रहा है. लेकिन इस कोरोना वायरस की घड़ी ने लोगों को स्वच्छता के लिए भी प्रेरित करने में पीछे नहीं छोड़ा है और अपने आप को स्वच्छ रहने के लिए प्रेरणा दी है कि संक्रमण भरी जिंदगी में स्वच्छ रहना कितना लाभदायक साबित हो सकता है.
भले ही देश में कोरोना वायरस की वैक्सीन का अभी इंतजार हो रहा हो, लेकिन लोगों ने अपने-अपने तरीकों से इस संक्रमण से बचने के लिए उपाय निकाल लिए हैं. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है साफ-सफाई. साफ-सफाई होने से लोग आज मौसमी बीमारियों से बचे हुए हैं. जिसमें मुख्यतः डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां शामिल हैं. आज यह बीमारियां लगभग-लगभग कोरोना के आगे नतमस्तक सी हो गई है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि लोगों ने स्वच्छ मन के साथ स्वच्छता रखी और आज इन बीमारियों की रोकथाम करीब करीब होने को है.
प्रशासन और आमजन भी खुद इस बात को मानते हैं कि कोरोना वायरस ने अच्छे-अच्छे लोगों की जिंदगी बदल दी और जो लोग गंदगी को देखकर कुछ कर नहीं पाते थे, लेकिन आज जहां भी गंदगी होती है वह खुद उस गंदगी की साफ-सफाई तक एक सार्थक कदम उठाते हैं. शहर सहित अपने घरों और कॉलोनियों में लोग अब इस कोरोना वायरस की बीमारी के आने के साथ ही साफ सफाई रखने लगे हैं. नतीजा आज बूंदी जिला भी इन मौसमी बीमारियों से बचा हुआ है और उम्मीद यही है कि बचा रहेगा.
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शहर के लोग इस बात को मानते हैं कि जब कोरोना वायरस का इस देश में प्रकोप बढ़ने लगा, तो हर कोई डरने लगा और घरों में कैद होकर बैठ गया. कोरोना वायरस की एडवाइजरी की पालना की. लेकिन यह भी संभव था कि यदि साफ-सफाई और स्वच्छता और एडवाइजरी की पालना की तो कोरोना वायरस उन्हें छू भी नहीं पाएगा. संक्रमण के इस काल ने लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाना सिखा दिया. लोग खुद भी स्वस्थ हुए और अपने घरों को भी साफ रखने लगे अपने आसपास के वातावरण सहित कचरे के ढेरों को साफ-सफाई करने में पीछे नहीं रहे और समय-समय पर जिला प्रशासन को अवगत करवाते रहे.
संक्रमण के दौरान जिले में साफ-सफाई व्यवस्था को किया मजबूत
बूंदी जिला कलेक्टर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि जब से कोरोना वायरस आया है. तब से जिला प्रशासन ने संक्रमण को देखते हुए जगह-जगह पर सैनिटाइजर का छिड़काव करवाया और जहां पर कचरा फेंका जाता था वहां की नियमित साफ सफाई करवाई गई. लंबे अभियान के तहत यह कहने में कोई दो राय नहीं है कि आज जिले में साफ सफाई व्यवस्था पूरी तरह से अच्छी हो चुकी है. कहीं भी ऐसा स्थान नहीं बचा है जहां पर सुबह के बाद कोई कचरा शहर में नजर आता हो. यही कारण है कि आज जिला मौसमी बीमारी से बचा हुआ है. जिले में मौसमी बीमारियों के प्रति स्थिति कंट्रोल में है.
बूंदी जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि यह कहना जल्दबाजी होगा कि बूंदी में मौसमी बीमारियों का प्रकोप नहीं है. लेकिन वर्तमान में एक भी डेंगू और मलेरिया की बीमारी का मरीज सामने नहीं आया है. हम कोरोना के साथ-साथ इन बीमारियों का भी सर्वे करवा रहे हैं. क्योंकि कोरोना वायरस में भी खांसी और जुकाम के मरीज सामने आते हैं. उसी तरह इन बीमारियों में भी खासी जुकाम के मरीज सामने आ रहे हैं.
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उम्मीद यही है कि बूंदी जिले में कोरोना वायरस की इस घड़ी में कोई मौसमी बीमारी नहीं पनपे ताकि जिला प्रशासन और आमजन कोरोना वायरस के खात्मे में अपनी जी जान लगा दे. यह बात भी सच है कि कोरोना वायरस ने अच्छे-अच्छे की जिंदगी को पलट दिया है और आज लोग स्वच्छ और स्वस्थ बनकर अपनी जिंदगी जी रहे हैं. यही कारण है कि बूंदी जिले में मौसमी बीमारियों का कोई प्रकोप भी नहीं फैला है और इस कोरोना वायरस की घड़ी ने लोगों को स्वच्छता के प्रति जनचेतना ला दी है.