बूंदी. बूंदी पुलिस के कांस्टेबल अभिषेक शर्मा हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी श्यामा शर्मा को बूंदी के कोर्ट ने बालिग मान लिया है. यहां पर हत्याकांड में शामिल रही आरोपी श्यामा शर्मा ने कोर्ट में अंक तालिका प्रस्तुत कर अपने आप को नाबालिग साबित किया था. इस पर कोर्ट ने जेजे बोर्ड के माध्यम से आयु निर्धारण को लेकर जांच करने के लिए कहा था. इस पर जेजे बोर्ड ने जांच की तो आरोपी श्यामा शर्मा नाबालिग साबित नहीं हो सकी. इस पर कोर्ट ने श्यामा शर्मा को बालिग मान लिया है.
वहीं, श्यामा शर्मा को शुक्रवार को कोतवाली पुलिस ने सीडब्ल्यूसी से सीजेएम कोर्ट में पेश किया जहां पर कोर्ट ने आरोपी श्यामा शर्मा को 27 फरवरी तक के लिए बूंदी जेल भेज दिया है. वहीं, इसी वारदात में शामिल श्यामा शर्मा के दोस्त नवेद रंगरेज पूर्व में ही जेल जा चुका है.
पढ़ें - बजट में अल्पसंख्यकों का रखा जाएगा विशेष ध्यान : आबिद कागजी
बता दें कि बूंदी शहर के बिबनवा रोड निवासी कांस्टेबल अभिषेक शर्मा 11 साल पहले बूंदी पुलिस में भर्ती हुआ था. वह पुलिस लाइन में तैनात था और कुछ दिन पहले उसे कोतवाली में रहते हुए अचानक से वह गायब हो गया था. वह घर से 28 अगस्त को यह कहकर निकला था कि वह ड्यूटी पर जा रहा है लेकिन ना तो ड्यूटी पर पहुंचा ना घर पर लौटा.
जिसके बाद परिवार ने तलाशने के बाद 5 सितंबर को कोतवाली में अभिषेक की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. रिपोर्ट में अभिषेक के ससुराल पक्ष और उसकी प्रेमिका श्यामा शर्मा पर अभिषेक को गायब करने का संदेह जताया गया था. श्यामा शर्मा अभिषेक शर्मा की पत्नी की बुआ की बेटी है. पुलिस जांच में श्यामा शर्मा के साथ करीबी संबंधों की बात पुख्ता हो गई थी. पुलिस ने युवती से पूछताछ की तो उसने उसके साथी के साथ मिलकर अभिषेक की हत्या की बात कबूली और पुलिस उनकी निशानदेही पर सवाई माधोपुर जिले के बोली थाने के महल में शव की तलाश में पहुंची. यहां जमीन में शव को दफनाया हुआ था.
पढ़ें - बूंदी: सीवरेज और सड़क से परेशान बीच सड़क पर बैठे लोग, आश्वासन के बाद हटे
जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले बोली निवासी उक्त लड़की अपने मामा की बेटी ममेरी बहन के ससुराल में रहने के लिए बूंदी आई थी. वहां पर आने के कुछ समय बाद ही युवती और उसकी बहन के पति अभिषेक के बीच नजदीकियां बढ़ गई. पत्नी को शक होने पर वह अपनी इस बहन बुआ की लड़की को लेकर वहां से पिहर के लिए रवाना हो गई. बाद में बहन को उसके भाई के साथ बोली भेज दिया गया. विवाद ज्यादा होने पर पति-पत्नी और उनके परिजनों के खिलाफ सवाईमाधोपुर महिला थाने में परिवार भी दिया गया था. बाद में मामला शांत हो गया लेकिन पति पत्नी के बीच संबंध सामान्य नहीं हो पाए.
इस दौरान पत्नी पीहर में ही रह रही थी और उधर जीजा- साली लगातार संपर्क में रहे और समय-समय पर मिलते रहें. मृतक अभिषेक अक्सर बोली आता जाता रहता था और कई बार अपनी साली और सास के घर पर ही रहता था लेकिन अपनी दूसरी बुआ सास और मौसी के यहां नहीं जाता था.
इन दोनों के संबंध में लोगों के शक के दायरे में आने लगे ऐसे में बूंदी पुलिस ने भी अवैध संबंध की बात के पहलू पर काम करना शुरू किया और इस पूरी वारदात का खुलासा किया. वहीं, मृतक के कपड़े 3 माह पहले बोली इलाके के बांध पर खून से लथपथ पुलिस को मिले थे लेकिन, पुलिस को इतना बड़ा सबूत मिलने के बाद भी पुलिस अभिषेक की बरामदगी नहीं कर पाई थी. लेकिन पुलिस ने साली और उसके दोस्त पर संदेह जताया और पुलिस ने कई बार पूछताछ भी की. इसके साथ ही पुलिस लगातार टेक्निकल मापदंडों पर काम करती रही और आखिरकार पुलिस ने इस हत्या का खुलासा कर दिया.
पढ़ें - बूंदीः जिला कलेक्ट्रेट में युवक ने खाया जहर, हालत सामान्य
बता दें कि बढ़े ही शातिराना अंदाज के साथ आरोपी श्यामा शर्मा और उसके दोस्त नवेद रंगरेज ने कांस्टेबल को सवाई माधोपुर जिले के बोली किले में बुलाया और उसकी हत्या कर दी थी. इस पर बूंदी पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए 3 माह लगा दिए थे और 3 माह बाद मामला खुला तो रिश्ते में लगने वाली साली श्यामा शर्मा ही खूनी निकली. फिलहाल मामले में आरोपी श्यामा शर्मा को बालिग माने जाने के बाद पीड़ित परिवार को राहत मिली है और मामले में 27 फरवरी को सुनवाई है जहां पीड़ित के पक्ष में जल्द फैसला आ सकता है.