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बूंदी में कांग्रेस का जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, मंडी रही बंद - ईटीवी भारत हिंदी न्यूज

केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में कृषि विधेयक को लागू करने की तैयारी चल रही है. जिसको लेकर देश के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन को कांग्रेस का भी साथ मिल गया है. सोमवार को बूंदी सहित प्रदेश की सभी मंडियां बंद हैं और विधेयक को वापस लेने की मांग की जा रही है.

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किसान कर रहे कृषि विधेयक का विरोध
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Published : Sep 21, 2020, 4:54 PM IST

बूंदी: जिले में केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए कृषि विधेयक का विरोध देखा जा रहा है. जिसके तहत सोमवार को किसानों ने मंडी गेट के बाहर प्रदर्शन कर विधेयक को वापस लेने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए कृषि विधेयक को किसान विरोधी बताया है. जिसके बाद उन्होंने जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि वर्तमान में पूंजी पतियों के हितैशी किसान विरोधी केंद्र सरकार की ओर से नया कृषि विधेयक लाकर किसानों की कमर तोड़ने में लगे हुए हैं.

किसान कर रहे कृषि विधेयक का विरोध

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के बाद मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी. जिसके कारण किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित उत्पाद की दर भी नहीं मिल पाएगी, साथ ही उनका कहना है कि इस विधेयक से निजी कारोबारियों की मनमानी बढ़ेगी. जिसके बाद किसान अपनी दैनिक मजदूरी नहीं निकाल पाएगा और किसानों की खेती पर निजी कंपनियां का बोलबाला हो जाएगा.

उनका कहना है कि प्राइवेट कंपनी ही किसानों की कीमतें तय करेंगी जो उनकी व्यवस्था के ऊपर प्रहार है. बूंदी कांग्रेस के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में बताया है कि यदि इस मामले में जल्द इस विधेयक को वापस नहीं लिया गया तो कांग्रेस किसानों के सम्मान में सड़कों पर उतरेगी. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से किसान कृषि विधेयक को लाया गया है.

पढ़ें: सीकर: पंचायती राज चुनाव को लेकर कार्मिकों को दिया गया प्रशिक्षण

जिसमें केंद्र सरकार का दावा है कि इस विधेयक के आने के बाद किसानों के दाम अच्छे से मिलेगी और किसान मजबूर होकर नहीं और खुले मन से अपनी फसल को बेच सकेगा. जबकि देश में इस विधेयक का जगह जगह पर विरोध किया जा रहा है.

बूंदी: जिले में केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए कृषि विधेयक का विरोध देखा जा रहा है. जिसके तहत सोमवार को किसानों ने मंडी गेट के बाहर प्रदर्शन कर विधेयक को वापस लेने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए कृषि विधेयक को किसान विरोधी बताया है. जिसके बाद उन्होंने जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि वर्तमान में पूंजी पतियों के हितैशी किसान विरोधी केंद्र सरकार की ओर से नया कृषि विधेयक लाकर किसानों की कमर तोड़ने में लगे हुए हैं.

किसान कर रहे कृषि विधेयक का विरोध

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के बाद मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी. जिसके कारण किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित उत्पाद की दर भी नहीं मिल पाएगी, साथ ही उनका कहना है कि इस विधेयक से निजी कारोबारियों की मनमानी बढ़ेगी. जिसके बाद किसान अपनी दैनिक मजदूरी नहीं निकाल पाएगा और किसानों की खेती पर निजी कंपनियां का बोलबाला हो जाएगा.

उनका कहना है कि प्राइवेट कंपनी ही किसानों की कीमतें तय करेंगी जो उनकी व्यवस्था के ऊपर प्रहार है. बूंदी कांग्रेस के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में बताया है कि यदि इस मामले में जल्द इस विधेयक को वापस नहीं लिया गया तो कांग्रेस किसानों के सम्मान में सड़कों पर उतरेगी. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से किसान कृषि विधेयक को लाया गया है.

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जिसमें केंद्र सरकार का दावा है कि इस विधेयक के आने के बाद किसानों के दाम अच्छे से मिलेगी और किसान मजबूर होकर नहीं और खुले मन से अपनी फसल को बेच सकेगा. जबकि देश में इस विधेयक का जगह जगह पर विरोध किया जा रहा है.

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