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बूंदी रियासत के राव राजा पर असमंजसः भंवर जितेंद्र सिंह ने वंश वर्धन सिंह का नाम किया आगे...दो दिन पहले भूपेश हाड़ा को बांधी गई है पाग - बूंदी रियासत के राव राजा पर अजमंजस

बूंदी रियासत (Bundi princely state) के 26वें राव राजा (new Maharao of Bundi) को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है. भंवर जितेंद्र सिंह (Bhanwar Jitendra Singh) ने बूंदी रियासत की पाग बांधने के लिए कुंवर वंश वर्धन सिंह का नाम आगे किया है. जबकि दो दिन पहले बूंदी रियासत की पाग ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा के बांधी गई है.

new Maharao of Bundi, Bundi News
बूंदी रियासत के राव राजा पर अजमंजस
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Published : Dec 14, 2021, 7:21 PM IST

कोटा. बूंदी रियासत के 26 वें राव राजा (King of Bundi) को लेकर अब असमंजस की स्थिति बन गई है. दो दिन पहले बूंदी रियासत की पाग ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा को बांधी गई है. वहीं अब अलवर के भंवर जितेंद्र सिंह ने बूंदी रियासत की पाग बांधने के लिए असली हकदार के रूप में कुंवर वंश वर्धन सिंह (Kunwar Vansh Vardhan Singh) का नाम आगे किया है. भंवर जितेंद्र सिंह बूंदी रियासत के भाणेज हैं. ऐसे में वे इस पाग दस्तूर में स्वयं भी उपस्थित रहने की बात कह रहे हैं.

भंवर जितेंद्र सिंह ने बताया कि कुंवर वंश वर्धन सिंह के नाम को लेकर कोटा के महाराव बृजराज सिंह का सुझाव था. हालांकि दो दिन पहले ही बूंदी रियासत की पाग ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा (Brigadier Bhupesh Singh Hada) के बांधी गई है. हाड़ा का चयन राजपूत समाज की तरफ से गठित समिति ने किया था. ऐसे में अब असमंजस की स्थिति बन गई है कि भंवर जितेंद्र सिंह की तरफ से आगे किए गए नाम वंशवर्धन सिंह और ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा में से किसे राव राजा माना जाएगा.

यह भी पढ़ें. Bundi News: ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा को पहनाई गई बूंदी की पाग, निकली राजशाही जुलूस

12 साल से इंतजार है बूंदी को राजा का

बूंदी रियासत के 25 वें राव राजा रणजीत सिंह थे. उनकी मृत्यु 7 जनवरी 2010 को हो गई थी. उनके कोई भी संतान नहीं थी. ऐसे में सदियों से चली आ रही पाग बांधने की परंपरा नहीं हो पाई थी. बूंदी को पिछले 12 सालों से अपने राजा का इंतजार था. इसको लेकर लगातार गतिरोध भी चल रहा था.

बूंदी का भाणेज होने के नाते मेरी जिम्मेदारी

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र का कहना है कि बूंदी राजघराने के वंश को आगे चलाना है. बूंदी का भाणेज होने के चलते मेरी जिम्मेदारी और कर्तव्य भी है कि मैं महाराव राजा ईश्वरी सिंह जी की शुरू की गई परंपरा को आगे बढ़ाऊं. उन्होंने कहा कि इसीलिए मैंने पाग का असली हकदार महाराव राजा बहादुर सिंह के छोटे भाई महाराज केसरी सिंह कापरेन के पौत्र कुंवर वंशवर्धन सिंह का नाम अनुमोदित किया है.

यह भी पढ़ें. जानिये कौन हैं ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा..जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर लहराया था बूंदी रियासत का झंडा, अब कहलाएंगे 26वें महाराव राजा

इसलिए आया वंश वर्धन सिंह का नाम

बूंदी के 26वें राव राजा के लिए वंश वर्धन सिंह का नाम आगे आने के बाद ये चर्चा शुरू हो गई है कि जब 25वें राव राजा रणजीत सिंह के कोई संतान नहीं थी तो ये नाम कहां से आया है?.बताया जा रहा है कि 90 वर्ष पूर्व महाराव राजा ईश्वरी सिंह ने कापरेन ठिकाने से बहादुर सिंह जी को गोद लिया था. जिसके बाद कापरेन ठिकाने को बूंदी राज परिवार के सबसे नजदीक माना जाता रहा. ऐसे में महाराव राजा बहादुर सिंह के छोटे भाई महाराज केसरी सिंह कापरेन के पौत्र कुंवर वंशवर्धन सिंह के का नाम 26वें राव राजा के लिए आगे आया है.

ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा को बंधी थी पाग

राजपूत समाज के लोगों ने ही पाग समिति का गठन कर 4 दिसंबर को सर्वसम्मति से ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाडा को बूंदी के 26 वें राव राजा के रूप में चयन किया था. इसके बाद 12 दिसंबर को पूरे विधि विधान से रक्तदंतिका माता के मंदिर में पूजा अर्चना के साथ पाग बंधन की रस्म हुई. इस दौरान शहर में राजशाही जुलूस भी निकला.

कोटा. बूंदी रियासत के 26 वें राव राजा (King of Bundi) को लेकर अब असमंजस की स्थिति बन गई है. दो दिन पहले बूंदी रियासत की पाग ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा को बांधी गई है. वहीं अब अलवर के भंवर जितेंद्र सिंह ने बूंदी रियासत की पाग बांधने के लिए असली हकदार के रूप में कुंवर वंश वर्धन सिंह (Kunwar Vansh Vardhan Singh) का नाम आगे किया है. भंवर जितेंद्र सिंह बूंदी रियासत के भाणेज हैं. ऐसे में वे इस पाग दस्तूर में स्वयं भी उपस्थित रहने की बात कह रहे हैं.

भंवर जितेंद्र सिंह ने बताया कि कुंवर वंश वर्धन सिंह के नाम को लेकर कोटा के महाराव बृजराज सिंह का सुझाव था. हालांकि दो दिन पहले ही बूंदी रियासत की पाग ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा (Brigadier Bhupesh Singh Hada) के बांधी गई है. हाड़ा का चयन राजपूत समाज की तरफ से गठित समिति ने किया था. ऐसे में अब असमंजस की स्थिति बन गई है कि भंवर जितेंद्र सिंह की तरफ से आगे किए गए नाम वंशवर्धन सिंह और ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा में से किसे राव राजा माना जाएगा.

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12 साल से इंतजार है बूंदी को राजा का

बूंदी रियासत के 25 वें राव राजा रणजीत सिंह थे. उनकी मृत्यु 7 जनवरी 2010 को हो गई थी. उनके कोई भी संतान नहीं थी. ऐसे में सदियों से चली आ रही पाग बांधने की परंपरा नहीं हो पाई थी. बूंदी को पिछले 12 सालों से अपने राजा का इंतजार था. इसको लेकर लगातार गतिरोध भी चल रहा था.

बूंदी का भाणेज होने के नाते मेरी जिम्मेदारी

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र का कहना है कि बूंदी राजघराने के वंश को आगे चलाना है. बूंदी का भाणेज होने के चलते मेरी जिम्मेदारी और कर्तव्य भी है कि मैं महाराव राजा ईश्वरी सिंह जी की शुरू की गई परंपरा को आगे बढ़ाऊं. उन्होंने कहा कि इसीलिए मैंने पाग का असली हकदार महाराव राजा बहादुर सिंह के छोटे भाई महाराज केसरी सिंह कापरेन के पौत्र कुंवर वंशवर्धन सिंह का नाम अनुमोदित किया है.

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इसलिए आया वंश वर्धन सिंह का नाम

बूंदी के 26वें राव राजा के लिए वंश वर्धन सिंह का नाम आगे आने के बाद ये चर्चा शुरू हो गई है कि जब 25वें राव राजा रणजीत सिंह के कोई संतान नहीं थी तो ये नाम कहां से आया है?.बताया जा रहा है कि 90 वर्ष पूर्व महाराव राजा ईश्वरी सिंह ने कापरेन ठिकाने से बहादुर सिंह जी को गोद लिया था. जिसके बाद कापरेन ठिकाने को बूंदी राज परिवार के सबसे नजदीक माना जाता रहा. ऐसे में महाराव राजा बहादुर सिंह के छोटे भाई महाराज केसरी सिंह कापरेन के पौत्र कुंवर वंशवर्धन सिंह के का नाम 26वें राव राजा के लिए आगे आया है.

ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा को बंधी थी पाग

राजपूत समाज के लोगों ने ही पाग समिति का गठन कर 4 दिसंबर को सर्वसम्मति से ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाडा को बूंदी के 26 वें राव राजा के रूप में चयन किया था. इसके बाद 12 दिसंबर को पूरे विधि विधान से रक्तदंतिका माता के मंदिर में पूजा अर्चना के साथ पाग बंधन की रस्म हुई. इस दौरान शहर में राजशाही जुलूस भी निकला.

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