बूंदी. जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक सोमवार को जिला सभागार में आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता जिला प्रमुख सोनिया गुर्जर, उप जिला प्रमुख सतेंद्र मीणा ने की. बैठक में जिला परिषद के सीईओ की ओर से जैसे ही जनप्रतिनिधियों को एजेंडे की कॉपी दी गई, उसी के साथ जनप्रतिनिधि ने कॉपी का विरोध करना शुरू कर दिया.
इस दौरान यहां पर जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों पर आरोप लगाए कि बैठक के पहले उन्हें इसकी अनुमोदन कॉपी को क्यों नहीं भेजी गई और उन्हें क्यों इस बारे में बताया नहीं गया. जब बैठक आयोजित हो रही है तब उनके सामने कॉपी को प्रस्तुत किया जा रहा है. क्या हमें केवल हस्ताक्षर करने के लिए ही उन्होंने बुलाया है. इस पर जमकर अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के बीच तीखी नोकझोंक देखी गई.
वहीं इस बैठक में अधिकारियों की लापरवाही के मामले भी सामने आए हैं. यहां पर बूंदी के विद्युत विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से कोई सुनवाई नहीं की जाने को लेकर भी बैठक में मुद्दा उठा. साथ ही बैठक में हाल ही में बरसात के दौरान सड़कों पर हो रहे पेंच वर्क को लेकर विवाद हुआ. यहां पर जनप्रतिनिधि ने आरोप लगाया कि जिले में जो पेंच वर्क करवाया जा रहा है वह घटिया है. इस पर जनप्रतिनिधि ने मांग की है कि जल्द से जल्द इसको सही किया जाए ताकि आमजन को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. बैठक में पटवारियों के जिले में लापरवाही को लेकर भी कई सवाल उठे.
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इस पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर की ओर से समस्त जनप्रतिनिधियों को कहा गया कि वह इसकी शिकायत सम्बंधित उपखंड अधिकारी को करें ताकि उनकी शिकायतों को दूर कर सकें. यही नहीं बैठक में विद्युत विभाग की ओर से किसानों को दिए जा रहे ट्रांसफार्मर को लेकर भी लापरवाही बरतने को लेकर जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों को जमकर कोसा.
यहां पर जनप्रतिनिधि ने कहा कि अधिकारियों की ओर से किसानों को यह कहकर वापस लौटा दिया जाता है कि ट्रांसफार्मर हमारे पास नहीं है वह खुद जुगाड़ कर ले. ऐसे में गरीब किसान कहां तक इन ट्रांसफार्मरों के लिए भटकता रहेगा. इस पर भी नोकझोंक देखी गई. बैठक में बिजली-पानी, किसान और अधिकारियों की लापरवाही पर लगातार जनप्रतिनिधि अपने-अपने ढंग से मुद्दे उठाते हुए नजर आए. बैठक में सबसे ज्यादा अधिकारियों की लापरवाही और उनकी शिकायतों को लेकर विवाद होता हुआ नजर आया.
वहीं, घंटों तक चली इस जिला परिषद की बैठक में लाखों रुपए के अनुमोदन कार्य पर जनप्रतिनिधियों की ओर से मुहर लगा दी गई. वहीं इस बैठक को राज्य सरकार ने विशेष रूप से आयोजित करवाया था क्योंकि जल्द ही प्रदेश में पंचायत राज चुनाव आने हैं. ऐसे में इस बैठक में यह मुद्दा भी गूंजता हुआ दिखा कि यह हमारे कार्यकाल की अंतिम बैठक है. वहीं, उप जिला प्रमुख ने ईटीवी से कहा कि इस बैठक में स्थानीय मुद्दों को लेकर काफी हंगामा हो रहा है. सबसे ज्यादा लापरवाही अधिकारियों की सामने आ रही है. यहां पर अधिकारी सिस्टम से काम नहीं करना चाहते और अपने अपने ट्रांसफर कराने में लगे रहते हैं और जिला पहले ही छोटा है और पिछ्ड़ता जा रहा है.
उन्होंने कहा है कि हम हमारी मांगों को सरकार के सामने प्रमुखता से रखेंगे ताकि बूंदी में किसी प्रकार के विकास कार्यों को लेकर आमजन परेशान नहीं हो. बैठक में जिला परिषद सीईओ, विधायक चंद्रकांता मेघवाल सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे.