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बच्चे कीचड़ भरे रास्ते से कैसे जाएं स्कूल, प्रशासन नहीं ले रहा कोई सुध

बूंदी जिले के नैनवां इलाके के गुढ़ा गोपालजी गांव में स्कूल जाने के लिए भी विद्यार्थियों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. विद्यार्थियों को करीब आधा किलोमीटर कीचड़ से भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. रास्ते में कीचड़ होने से कई बार तो छोटे-छोटे बच्चे उसमें फंसकर चोटिल तक हो जाते हैं. जिसके कारण परिजन बच्चों को गोद में लेकर उन्हें रास्ता पार करवा रहे हैं.

स्कूल के रास्ते में कीचड़, muddy road of school
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Published : Oct 3, 2019, 1:14 PM IST

नैनवां (बूंदी). जिले के नैनवां में गुढ़ा गोपालजी गांव के पढ़ने वाले बच्चों के लिए इन दिनों स्कूल तक का रास्ता काफी मुश्किलों भरा हो गया है. यहां पर विद्यार्थियों को स्कूल पहुंचने के लिए भारी कीचड़ में से हो कर गुजरना पड़ता है.

कीचड़ से लबालब भरा है स्कूल तक का रास्ता

एकतरफ जहां सरकार की ओर से शिक्षा के लिए स्कूलों में हर प्रकार की सुविधाएं बच्चों को दी जा रही हैं. वहीं दूसरी ओर सरकारी अधिकारियों की ओर से स्कूल तो बनवा दिया जाता है लेकिन उनके स्कूल पहुंचने तक के रास्ते को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. जिससे विद्यालय में आने-जाने के लिए शिक्षकों और बच्चों को बारिश में कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है.

पढ़ें: 'सिलिकोसिस पॉलिसी' लागू करने वाला पहला प्रदेश बनेगा राजस्थान

बता दें कि स्कूल के रास्ते को सही कराने के लिए शिक्षकों ने कई बार ग्राम पंचायत और शिक्षा विभाग सहित विकास अधिकारी तक को प्रार्थना पत्र लिखित में दिया है. जिसके बाद भी अभी तक स्कूल के रास्ते को सही करवाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं स्कूल के रास्ते में कीचड़ होने से अब परिजन भी बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर देते हैं.

नैनवां (बूंदी). जिले के नैनवां में गुढ़ा गोपालजी गांव के पढ़ने वाले बच्चों के लिए इन दिनों स्कूल तक का रास्ता काफी मुश्किलों भरा हो गया है. यहां पर विद्यार्थियों को स्कूल पहुंचने के लिए भारी कीचड़ में से हो कर गुजरना पड़ता है.

कीचड़ से लबालब भरा है स्कूल तक का रास्ता

एकतरफ जहां सरकार की ओर से शिक्षा के लिए स्कूलों में हर प्रकार की सुविधाएं बच्चों को दी जा रही हैं. वहीं दूसरी ओर सरकारी अधिकारियों की ओर से स्कूल तो बनवा दिया जाता है लेकिन उनके स्कूल पहुंचने तक के रास्ते को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. जिससे विद्यालय में आने-जाने के लिए शिक्षकों और बच्चों को बारिश में कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है.

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बता दें कि स्कूल के रास्ते को सही कराने के लिए शिक्षकों ने कई बार ग्राम पंचायत और शिक्षा विभाग सहित विकास अधिकारी तक को प्रार्थना पत्र लिखित में दिया है. जिसके बाद भी अभी तक स्कूल के रास्ते को सही करवाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं स्कूल के रास्ते में कीचड़ होने से अब परिजन भी बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर देते हैं.

Intro:नैनवां उपखण्ड के गुढ़ा गोपाल जी गांव में किचड़ से निकल कर स्कूल में पढ़ने को मजबुर छात्र छात्राएं।
नैनवां क्षेत्र के गुढ़ा गोपाल जी गांव में स्कूल में पढ़ने जाने के लिए जाने के लिए विद्यार्थियों को करीब आधे किलोमीटर किचड़ से भरे रास्ते से स्कूल जाना पड़ता हैं। रास्ते में किचड़ होने से कई बार तो छोटे छोटे बच्चे किचड़ में फंसकर चोटील तक हो जाते हैं जिससे परिजन बच्चों को में गोद लेकर किचड़ से भरे रास्ते को पार करवा रहे हैं। Body:नैनवां उपखण्ड के गुढ़ा गोपाल जी गांव में किचड़ से निकल कर स्कूल में पढ़ने को मजबुर छात्र छात्राएं।
नैनवां क्षेत्र के गुढ़ा गोपाल जी गांव में स्कूल में पढ़ने जाने के लिए जाने के लिए विद्यार्थियों को करीब आधे किलोमीटर किचड़ से भरे रास्ते से स्कूल जाना पड़ता हैं। रास्ते में किचड़ होने से कई बार तो छोटे छोटे बच्चे किचड़ में फंसकर चोटील तक हो जाते हैं जिससे परिजन बच्चों को में गोद लेकर किचड़ से भरे रास्ते को पार करवा रहे हैं। वही जहा सरकार द्धारा शिक्षा के लिए स्कूलों में हर प्रकार की सुविधाएं बच्चों की शिक्षा के लिए दि जा रही है । वही दुसरी ओर सरकारी अधिकारियों द्धारा स्कूल तो बनवा दिया जाता है लेकिन स्कूल में आने जाने के रास्ते नहीं बनाऐ जाते हैं। जिससे विद्यालय में आने जाने के लिए शिक्षकों व बच्चों को बारिश में किचड़ से होकर गुजरना पड़ता है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो रहा है । ऐसा ही एक मामला गुढ़ा गोपाल जी स्कूल का है जहा स्कूल के रास्ते को सही करने के लिए शिक्षकों ने कई बार ग्राम पंचायत व शिक्षा विभाग सहित विकास अधिकारी तक को प्रार्थना पत्र लिखित में देने के बाद भी अभी तक स्कूल के रास्ते को सही करवाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वही स्कूल के रास्ते में किचड़ होने से अब परिजन भी बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर देते हैं।

बाईट/ बाबू लाल अध्यापक
बाईट/कृष्णा छात्रा कक्षा 4
बाईट/ आरती छात्रा कक्षा 4
विजवल/ किचड़ भरे रास्ते से स्कूल जाते बच्चे
विजवल/ बच्चों को गोद में उठाकर किचड़ पार करवाते परिजन
विजवल/ गुढ़ा गोपाल जी स्कूलConclusion:नैनवां उपखण्ड के गुढ़ा गोपाल जी गांव में किचड़ से निकल कर स्कूल में पढ़ने को मजबुर छात्र छात्राएं।
नैनवां क्षेत्र के गुढ़ा गोपाल जी गांव में स्कूल में पढ़ने जाने के लिए जाने के लिए विद्यार्थियों को करीब आधे किलोमीटर किचड़ से भरे रास्ते से स्कूल जाना पड़ता हैं। रास्ते में किचड़ होने से कई बार तो छोटे छोटे बच्चे किचड़ में फंसकर चोटील तक हो जाते हैं जिससे परिजन बच्चों को में गोद लेकर किचड़ से भरे रास्ते को पार करवा रहे हैं। व
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