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सर से उठा माता-पिता का साया तो चाचा और समाज के लोगों ने पढ़ाया, मुसीबतों को हरा अब चेतन बनेगा डॉक्टर

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Published : Oct 28, 2020, 12:22 PM IST

बूंदी के एक गुदड़ी लाल ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, जज्बे और जूनून से अपने सपना को साकार किया जा सकता है. छात्र चेतन चावला ने नीट 2020 में सफलता का परचम लहराया है.

NEET 2020,बूंदी न्यूज
बूंदी चेतन चावला ने नीट में लहराया परचम

कोटा. सपनों को पूरे करने के सच्चा जज्बा हो तो कोई बाधा रुकावट नहीं बन सकती है. बूंदी जिले के छात्र चेतन चावला ने यह साबित कर दिखाया है. इस गुदड़ी के लाल ने देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2020 में सफलता का परचम लहराया है. चेतन ने नीट में 720 में से 610 अंक लाए हैं.

चेतन को आल इंडिया 15470 और एससी कैटेगिरी रैंक 276 प्राप्त की है. 18 साल के चेतन को इस समय खुशी तो है लेकिन उसे अपने मां-बाप की याद आ रही है. बीमारी के चलते चेतन की मां ममतेश बाई का पहले ही निधन हो गया. वहीं 2016 में पिता कन्हैयाराम का भी जयपुर में दुर्घटना में निधन हो गया. इसके बाद चेतन के चाचा गजेन्द्र कुमार और समाज के लोगों ने पैसे एकत्रित कर पढ़ाया.

यह भी पढ़ें. चित्तौड़गढ़ सांसद CP जोशी Corona positive, 15 दिन से कोटा में कर रहे थे चुनाव प्रचार

चेतन के एक भाई और एक बहन है. बड़ा भाई जयपुर में मैजिक ऑटो चलाता है, उसी की कमाई से घर का खर्च चलता है. छोटी बहन दादा-दादी के साथ दबलाना में ही रहती है. चेतन अब कार्डियोलॉजिस्ट बनकर कॅरियर बनाना चाहता है. एक निजी कोचिंग द्वारा गुदड़ी के लाल स्कॉलरशिप के तहत ग्रेजुएशन के चार सालों तक प्रतिमाह स्कॉलरशिप दी जाएगी.

चार साल तक मिलेगी स्कॉलरशिप

परिस्थितियों के आगे हार जाना कोटा ने नहीं सीखा. यहां हर स्टूडेंट को श्रेष्ठ सुविधाओं के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, यही कारण है कि स्टूडेंट्स अच्छे परिणाम देते हैं. चेतन एक मिसाल है कि विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने का हौसला नहीं खोना चाहिए. चेतन की पढ़ने की ललक को देखकर ही निजी कोचिंग द्वारा चेतन को गुदड़ी के लाल स्कॉलरशिप के तहत चार साल तक प्रतिमाह सहयोग राशि दी जाएगी.

कोटा. सपनों को पूरे करने के सच्चा जज्बा हो तो कोई बाधा रुकावट नहीं बन सकती है. बूंदी जिले के छात्र चेतन चावला ने यह साबित कर दिखाया है. इस गुदड़ी के लाल ने देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2020 में सफलता का परचम लहराया है. चेतन ने नीट में 720 में से 610 अंक लाए हैं.

चेतन को आल इंडिया 15470 और एससी कैटेगिरी रैंक 276 प्राप्त की है. 18 साल के चेतन को इस समय खुशी तो है लेकिन उसे अपने मां-बाप की याद आ रही है. बीमारी के चलते चेतन की मां ममतेश बाई का पहले ही निधन हो गया. वहीं 2016 में पिता कन्हैयाराम का भी जयपुर में दुर्घटना में निधन हो गया. इसके बाद चेतन के चाचा गजेन्द्र कुमार और समाज के लोगों ने पैसे एकत्रित कर पढ़ाया.

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चेतन के एक भाई और एक बहन है. बड़ा भाई जयपुर में मैजिक ऑटो चलाता है, उसी की कमाई से घर का खर्च चलता है. छोटी बहन दादा-दादी के साथ दबलाना में ही रहती है. चेतन अब कार्डियोलॉजिस्ट बनकर कॅरियर बनाना चाहता है. एक निजी कोचिंग द्वारा गुदड़ी के लाल स्कॉलरशिप के तहत ग्रेजुएशन के चार सालों तक प्रतिमाह स्कॉलरशिप दी जाएगी.

चार साल तक मिलेगी स्कॉलरशिप

परिस्थितियों के आगे हार जाना कोटा ने नहीं सीखा. यहां हर स्टूडेंट को श्रेष्ठ सुविधाओं के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, यही कारण है कि स्टूडेंट्स अच्छे परिणाम देते हैं. चेतन एक मिसाल है कि विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने का हौसला नहीं खोना चाहिए. चेतन की पढ़ने की ललक को देखकर ही निजी कोचिंग द्वारा चेतन को गुदड़ी के लाल स्कॉलरशिप के तहत चार साल तक प्रतिमाह सहयोग राशि दी जाएगी.

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