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कलेक्टर बने डॉक्टर : बूंदी DM ने अस्पताल में जाकर मरीजों को दिया परामर्श, CM गहलोत ने की तारीफ

बूंदी जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी चिकित्सक रहे हैं. वे वर्तमान में हड़ताल को देखते हुए बुधवार को अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे. जहां ओपीडी में बड़ी संख्या में मरीज इंतजार कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने खुद मरीजों को देखना शुरू कर दिया.

बूंदी DM की तारीफ
बूंदी DM की तारीफ
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Published : Mar 29, 2023, 8:08 PM IST

बूंदी कलेक्टर ने क्या कहा...

बूंदी. राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निजी चिकित्सक हड़ताल पर हैं और उनका समर्थन करने के लिए अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने भी कार्य बहिष्कार कर दिया है. अधिकांश चिकित्सक सामूहिक अवकाश में शामिल हुए थे. ऐसी स्थिति में बूंदी जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी बुधवार को खुद ट्रॉमा वार्ड में मरीजों को देखना शुरू कर दिया. उन्होंने करीब 2 घंटे तक लगातार मरीजों का देखा. इसकी तारीफ खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की है.

कलेक्टर डॉ. गोस्वामी का कहना है कि मैंने कई सालों तक अस्पतालों में ड्यूटी कर मरीजों को देखा है. मैं टाइम से अपने लाइसेंस को रिन्यू करवा रहा हूं, साथ ही मेरे परिचित कई बार मुझसे उपचार भी लेते हैं. ऐसे में अपने अनुभव और पढ़ाई के आधार पर ही मैं मरीजों का उपचार करने में जुटा हुआ था. डॉ. गोस्वामी ने चिकित्सकों से अपील की है कि चिकित्सकीय पेशा मरीजों को असुविधा से बचाना है. ऐसे में अपनी मांगों को जायज तरीके से रखना है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि किसी दूसरे व्यक्ति को हड़ताल से परेशानी नहीं होनी चाहिए. इस तरह की परेशानी से कभी हमारे परिजन भी जूझ सकते हैं.

Bundi Collector Did the Treatment
बूंदी कलेक्टर ने अस्पताल में जाकर मरीजों को दिया परामर्श

पढ़ें : चिकित्सकों ने निकाली RTH Bill की शव यात्रा, बोले- कोटा आने पर सीएम का रोक देंगे रास्ता

4 साल चिकित्सक के रूप में नौकरी, एमडी करते समय क्लियर किया UPSC : डॉ. रविंद्र गोस्वामी मूलतः जयपुर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने साल 2009 में एमबीबीएस सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर से पूरा किया था. इसके बाद उन्होंने 2 साल फोर्टिस में सेवाएं दी, जिसके बाद उनका चयन सरकारी नौकरी में हो गया. ऐसे में उनकी पोस्टिंग चित्तौड़गढ़ जिले के अकोला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रही, जहां पर भी उन्होंने 2 साल तक लगातार सेवाएं दी. वे यूपीएससी की तैयारी में भी जुटे हुए थे.

इसके बाद डॉ. गोस्वामी का चयन साल 2013-14 में एमडी के लिए हो गया. वे एमडी करने के लिए चले गए. एमडी के साथ साथ ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी भी जारी रखी थी. ऐसे में साल 2016 के बीच में वे यूपीएससी क्लियर की और राजस्थान कैडर में आईएएस बन गए. जिसके बाद उन्होंने कई पदों पर सेवाएं दी और वर्तमान में बूंदी कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं.

  • ऐसे ही सेवाभाव व समर्पण से चिरंजीवी हो रहा है राजस्थान। डॉ रविन्द्र गोस्वामी, आपका ये जज़्बा प्रशंसनीय है। https://t.co/tSPl66Vi5z

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

खुद ऑपरेशन के लिए कर रहे डॉक्टर की हड़ताल खत्म होने का इंतजार : डॉ. रविंद्र गोस्वामी करीब 7 से 8 दिन पहले बैडमिंटन खेलते हुए वे गिर गए थे. जिसमें उनके घुटने का लिगामेंट फ्रैक्चर हो गया. इसी के चलते हुए वर्तमान में छड़ी का सहारा लेकर चल रहे हैं. हालांकि, उन्होंने खुद के असहनीय दर्द को सहते हुए भी मरीजों की सेवा की है. साथ ही उन्हें खुद चिकित्सकों की हड़ताल खत्म होने का इंतजार है, ताकि अपने लिगामेंट फ्रैक्चर का ऑपरेशन करवा सकें.

बूंदी कलेक्टर ने क्या कहा...

बूंदी. राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निजी चिकित्सक हड़ताल पर हैं और उनका समर्थन करने के लिए अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने भी कार्य बहिष्कार कर दिया है. अधिकांश चिकित्सक सामूहिक अवकाश में शामिल हुए थे. ऐसी स्थिति में बूंदी जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी बुधवार को खुद ट्रॉमा वार्ड में मरीजों को देखना शुरू कर दिया. उन्होंने करीब 2 घंटे तक लगातार मरीजों का देखा. इसकी तारीफ खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की है.

कलेक्टर डॉ. गोस्वामी का कहना है कि मैंने कई सालों तक अस्पतालों में ड्यूटी कर मरीजों को देखा है. मैं टाइम से अपने लाइसेंस को रिन्यू करवा रहा हूं, साथ ही मेरे परिचित कई बार मुझसे उपचार भी लेते हैं. ऐसे में अपने अनुभव और पढ़ाई के आधार पर ही मैं मरीजों का उपचार करने में जुटा हुआ था. डॉ. गोस्वामी ने चिकित्सकों से अपील की है कि चिकित्सकीय पेशा मरीजों को असुविधा से बचाना है. ऐसे में अपनी मांगों को जायज तरीके से रखना है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि किसी दूसरे व्यक्ति को हड़ताल से परेशानी नहीं होनी चाहिए. इस तरह की परेशानी से कभी हमारे परिजन भी जूझ सकते हैं.

Bundi Collector Did the Treatment
बूंदी कलेक्टर ने अस्पताल में जाकर मरीजों को दिया परामर्श

पढ़ें : चिकित्सकों ने निकाली RTH Bill की शव यात्रा, बोले- कोटा आने पर सीएम का रोक देंगे रास्ता

4 साल चिकित्सक के रूप में नौकरी, एमडी करते समय क्लियर किया UPSC : डॉ. रविंद्र गोस्वामी मूलतः जयपुर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने साल 2009 में एमबीबीएस सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर से पूरा किया था. इसके बाद उन्होंने 2 साल फोर्टिस में सेवाएं दी, जिसके बाद उनका चयन सरकारी नौकरी में हो गया. ऐसे में उनकी पोस्टिंग चित्तौड़गढ़ जिले के अकोला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रही, जहां पर भी उन्होंने 2 साल तक लगातार सेवाएं दी. वे यूपीएससी की तैयारी में भी जुटे हुए थे.

इसके बाद डॉ. गोस्वामी का चयन साल 2013-14 में एमडी के लिए हो गया. वे एमडी करने के लिए चले गए. एमडी के साथ साथ ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी भी जारी रखी थी. ऐसे में साल 2016 के बीच में वे यूपीएससी क्लियर की और राजस्थान कैडर में आईएएस बन गए. जिसके बाद उन्होंने कई पदों पर सेवाएं दी और वर्तमान में बूंदी कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं.

  • ऐसे ही सेवाभाव व समर्पण से चिरंजीवी हो रहा है राजस्थान। डॉ रविन्द्र गोस्वामी, आपका ये जज़्बा प्रशंसनीय है। https://t.co/tSPl66Vi5z

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

खुद ऑपरेशन के लिए कर रहे डॉक्टर की हड़ताल खत्म होने का इंतजार : डॉ. रविंद्र गोस्वामी करीब 7 से 8 दिन पहले बैडमिंटन खेलते हुए वे गिर गए थे. जिसमें उनके घुटने का लिगामेंट फ्रैक्चर हो गया. इसी के चलते हुए वर्तमान में छड़ी का सहारा लेकर चल रहे हैं. हालांकि, उन्होंने खुद के असहनीय दर्द को सहते हुए भी मरीजों की सेवा की है. साथ ही उन्हें खुद चिकित्सकों की हड़ताल खत्म होने का इंतजार है, ताकि अपने लिगामेंट फ्रैक्चर का ऑपरेशन करवा सकें.

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