बूंदी. जिले में मनरेगा योजना के तहत परिवारों को रोजगार देने का सिलसिला जारी है. यहां पर करीब 300 परिवारों को 100 दिन का रोजगार मनरेगा में दिया गया है और राजस्थान में बूंदी जिला प्रथम स्थान पर आया है.
बूंदी में मनरेगा के तहत अब तक कुल 1 लाख 41 हजार लोगों को रोजगार दिया जा चुका है. इनमें से 300 परिवार ऐसे हैं, जो पूरे 100 दिन का रोजगार प्राप्त कर चुके हैं और बूंदी जिला परिषद का लक्ष्य है कि इस वित्तीय वर्ष में करीब 15 हजार लोगों को 100 दिन का रोजगार मिले. 100 दिन का रोजगार मिलने के साथ ही इन परिवारों को सरकार की ओर से और भी योजनाओं का लाभ मिलेगा.
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जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद कई लोग बेरोजगार हो गए. ऐसे में मनरेगा कार्य में कई लोग जुड़ते चले गए. हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने का है. उसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हमने रोजगार देना शुरू किया है. 1 लाख 41 हजर लोगों को हमने रोजगार दे दिया है. वर्तमान में 1 लाख 19 हजार लोगों को रोजगार दिया जा रहा है. सामान्य रूप से बूंदी में करीब 60 हजार लोगों को ही हम रोजगार देते थे. लेकिन, लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी बढ़ी तो लोगों का रुझान मनरेगा की ओर बढ़ा. हमने मनरेगा में समन्वय स्थापित करते हुए सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए लाखों की संख्या में रोजगार दिया और राजस्थान में 100 दिन का रोजगार देने में हम प्रथम स्थान पर आए हैं.
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मुरलीधर प्रतिहार ने कहा कि उम्मीद यही है कि आने वाले दिनों में भी हम सरकार की इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए कार्य करते रहें. सरकार की मनरेगा योजना के तहत लक्ष्य है कि 100 दिन का रोजगार हर व्यक्ति को मिले. उसी का ध्यान में रखते हुए बूंदी जिला परिषद से जुड़े अधिकारियों ने लोगों को 100 दिन का रोजगार दिलाने का काम किया है.
बता दें कि मनरेगा में इस बार डिग्री रखने वाले कई लोग भी जुड़े और मनरेगा में मिस्ट्रोल के रूप में कार्य किए. बूंदी जिले के सभी पंचायतों में हर दिन रोजगार देने का सिलसिला चल रहा है. बूंदी जिले में 182 पंचायत है और इन सभी पंचायतों में रोज कार्य स्वीकृत हो रहे हैं. जॉब कार्ड बनने के साथ ही लोगों को रोजगार देने का काम किया जा रहा है.