बूंदी. प्रदेश में दलित समाज और महिलाओं के साथ बढ़ रहे अत्याचार की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए बीजेपी 23 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेगी. इसको लेकर पार्टी ने एलान भी जारी कर दिया है. जहां हर मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर राज्यपाल को ज्ञापन देने का काम किया जाएगा. ऐसे में बीजेपी वर्तमान गहलोत सरकार को घेरने की तैयारी में है.
बता दें कि बूंदी में प्रदेश महामंत्री छगन माहुर की ओर से कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई. यहां पर उन्होंने बताया कि राजस्थान में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कानून-व्यवस्था चरमरा गई है. प्रदेश में दलित महिलाओं के उत्पीड़न की घटना में अत्यधिक बढ़ोतरी हुई है. लूट, डकैती, हत्या और दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. अपराधियों पर किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं है.
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उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 से सरकार के गठन के बाद से अब तक राज्य में अनुसूचित जनजाति के साथ अभी तक कुल 3,121 संगीन अपराधिक घटनाएं घटित हुई हैं. इनमें 300 गंभीर चोटें, 274 बलात्कार, 7 गंभीर क्षति के मामले अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज हुए हैं. वहीं 3, 121 मामले में अब तक 90 मामले लंबित है. इस प्रकार महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
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उन्होंने बताया कि वे जानते हैं कि अलवर थानागाजी में दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी. सरकार ने इस मामले को दबाने का प्रयास किया था. इसी क्रम में 16 जुलाई 2019 को अलवर में दलित युवक की हत्या कर दी गई. इसमें आरोपी ठेकेदार और उसके साथी पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. 1 महीने तक अपराधी खुलेआम घूमते रहे. पुलिस प्रशासन ने मृतक के पिता को भी मुकदमा वापस लेने के लिए प्रताड़ित किया था. उसको कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई. ऐसे में मजबूर होकर पिता ने भी खुदकुशी कर ली थी. इस तरह की घटनाओं में लगातार दलितों के साथ हो रही है.
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ऐसे में बीजेपी का साफ-साफ आरोप है कि राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मद्देनजर सोई हुई और कमजोर सरकार को जगाने के लिए राज्य में 23 अगस्त को सभी जिला मुख्यालय पर शांतिपूर्वक धरना आयोजित किया जा रहा है. बीजेपी की ओर से चेताया जा रहा है कि इस तरह की कानून व्यवस्था बिगाड़ना सही नहीं है.