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बूंदी: क्रॉस वोटिंग के आरोपों का शक्ति सिंह आशावत ने किया खंडन, कहा- मैं बीजेपी का सच्चा सिपाही

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Published : Dec 15, 2020, 3:46 PM IST

बूंदी जिला प्रमुख चुनाव में अपनी ही पार्टी के साथ बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी का साथ देने वाले भाजपा के बागी जिला परिषद सदस्य शक्ति सिंह आशावत ने मंगलवार को यहां बूंदी में एक प्रेस वार्ता आयोजित की. जिसमें उन्होंने उनपर लगाए सभी आरोपों का खंडन करते हुए खुद को निर्दोष बताया है.

Bundi hindi news, बूंदी जिला प्रमुख चुनाव 2020
शक्ति सिंह आशावत का प्रेस वार्ता

बूंदी. जिले में बीजेपी प्रत्याशियों ने इस बार जिला प्रमुख के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने और जिला संगठन ने जिला परिषद के दो सदस्यों पर बीजेपी से बगावत कर वोट को कांग्रेस के पक्ष में डालने के आरोप लगाए थे. जिसमें जिला परिषद सदस्य शक्ति सिंह आशावात का नाम भी शामिल था. ऐसे में शक्ति सिंह आशावत ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर उन सब आरोपों का खंडन करते हुए खुद पार्टी का सच्चा सिपाही बताया है.

शक्ति सिंह आशावत का प्रेस वार्ता

भाजपा के बागी जिला परिषद सदस्य शक्ति सिंह आशावत ने यहां पत्रकारों से रूबरू होते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने जिला परिषद बूंदी के जिला प्रमुख के लिए हुए चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को वोट नहीं दिया. पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में शक्ति सिंह आशावत ने कहा कि पुरुषोत्तम शर्मा को भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी बनाए जाने से पहले किसी जिला परिषद सदस्य से राय नहीं ली गई.

आशावत का कहना है कि पुरुषोत्तम शर्मा को जिला अध्यक्ष छीतर लाल राणा और भाजपा विधायक अशोक डोगरा की मनमर्जी से जिला प्रमुख प्रत्याशी घोषित किया गया था. जिसका मैंने विरोध भी किया लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं चलने दी. आशावत ने कहा कि मैंने पार्टी से बगावत नहीं की है. मैंने तो पार्टी जिलाध्यक्ष और बूंदी विधायक का विरोध दर्ज करवाने के लिए निर्दलीय प्रत्याशी को सपोर्ट किया है.

आशावत का कहना कि मेरी अनदेखी की गई

भाजपा को जिला प्रमुख चुनाव में हार का मुंह दिखाने वाले भाजपा के बागी जिला परिषद सदस्य शक्ति सिंह आशावत ने अपने आपको पार्टी का सच्चा सिपाही बताया है. उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष छीतर लाल राणा, बूंदी विधायक अशोक डोगरा और पंचायत चुनाव के सह प्रभारी ऋषि बंसल पर भी कई गंभीर आरोप लगाए. शक्ति सिंह ने कहा है कि विधायक अशोक डोगरा, जिला अध्यक्ष राणा ने अपनी मनमर्जी से जिला प्रमुख का उम्मीदवार उतार दिया और मेरी अनदेखी की गई. मैं उनके कहने पर नीमच भी गया.

आशावत का आरोप है कि उनके चालक के साथ मारपीट की गई लेकिन वह यह भी कहते हैं कि यदि पुरषोत्तम शर्मा के अलावा वह किसी अन्य को जिला प्रमुख का उम्मीदवार बना देते हैं तो मैं आज ही अपना मत वापस बीजेपी में डालता लेकिन ऐसा उन्होंने नहीं किया तो मैंने क्रॉस वोट किया.

यह भी पढ़ें. किरोड़ी लाल मीणा का गहलोत सरकार पर 'हल्ला बोल'...आंदोलन की चेतावनी, जानें पूरा मामला

बता दें कि कांग्रेस का बूंदी में जिला प्रमुख में बना है. बीजेपी के पास 12 और कांग्रेस में पास 11 वोट थे. इसी बीच बीजेपी में क्रॉस वोटिंग होने से उनके पास गेम ऑफ नंबर होने के बावजूद भी वह अपना जिला प्रमुख बना नहीं पाए हैं. यहां हार के बाद सह प्रभारी ऋषि बंसल, जिला अध्यक्ष छीतर लाल राणा, विधायक अशोक डोगरा ने बीजेपी के जीते हुए प्रत्याशियों पर खरीद-फरोख्त व बगावत करने के आरोप लगाए थे. जिसमें शक्ति सिंह आशावात का नाम भी शामिल था.

बूंदी. जिले में बीजेपी प्रत्याशियों ने इस बार जिला प्रमुख के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने और जिला संगठन ने जिला परिषद के दो सदस्यों पर बीजेपी से बगावत कर वोट को कांग्रेस के पक्ष में डालने के आरोप लगाए थे. जिसमें जिला परिषद सदस्य शक्ति सिंह आशावात का नाम भी शामिल था. ऐसे में शक्ति सिंह आशावत ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर उन सब आरोपों का खंडन करते हुए खुद पार्टी का सच्चा सिपाही बताया है.

शक्ति सिंह आशावत का प्रेस वार्ता

भाजपा के बागी जिला परिषद सदस्य शक्ति सिंह आशावत ने यहां पत्रकारों से रूबरू होते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने जिला परिषद बूंदी के जिला प्रमुख के लिए हुए चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को वोट नहीं दिया. पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में शक्ति सिंह आशावत ने कहा कि पुरुषोत्तम शर्मा को भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी बनाए जाने से पहले किसी जिला परिषद सदस्य से राय नहीं ली गई.

आशावत का कहना है कि पुरुषोत्तम शर्मा को जिला अध्यक्ष छीतर लाल राणा और भाजपा विधायक अशोक डोगरा की मनमर्जी से जिला प्रमुख प्रत्याशी घोषित किया गया था. जिसका मैंने विरोध भी किया लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं चलने दी. आशावत ने कहा कि मैंने पार्टी से बगावत नहीं की है. मैंने तो पार्टी जिलाध्यक्ष और बूंदी विधायक का विरोध दर्ज करवाने के लिए निर्दलीय प्रत्याशी को सपोर्ट किया है.

आशावत का कहना कि मेरी अनदेखी की गई

भाजपा को जिला प्रमुख चुनाव में हार का मुंह दिखाने वाले भाजपा के बागी जिला परिषद सदस्य शक्ति सिंह आशावत ने अपने आपको पार्टी का सच्चा सिपाही बताया है. उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष छीतर लाल राणा, बूंदी विधायक अशोक डोगरा और पंचायत चुनाव के सह प्रभारी ऋषि बंसल पर भी कई गंभीर आरोप लगाए. शक्ति सिंह ने कहा है कि विधायक अशोक डोगरा, जिला अध्यक्ष राणा ने अपनी मनमर्जी से जिला प्रमुख का उम्मीदवार उतार दिया और मेरी अनदेखी की गई. मैं उनके कहने पर नीमच भी गया.

आशावत का आरोप है कि उनके चालक के साथ मारपीट की गई लेकिन वह यह भी कहते हैं कि यदि पुरषोत्तम शर्मा के अलावा वह किसी अन्य को जिला प्रमुख का उम्मीदवार बना देते हैं तो मैं आज ही अपना मत वापस बीजेपी में डालता लेकिन ऐसा उन्होंने नहीं किया तो मैंने क्रॉस वोट किया.

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बता दें कि कांग्रेस का बूंदी में जिला प्रमुख में बना है. बीजेपी के पास 12 और कांग्रेस में पास 11 वोट थे. इसी बीच बीजेपी में क्रॉस वोटिंग होने से उनके पास गेम ऑफ नंबर होने के बावजूद भी वह अपना जिला प्रमुख बना नहीं पाए हैं. यहां हार के बाद सह प्रभारी ऋषि बंसल, जिला अध्यक्ष छीतर लाल राणा, विधायक अशोक डोगरा ने बीजेपी के जीते हुए प्रत्याशियों पर खरीद-फरोख्त व बगावत करने के आरोप लगाए थे. जिसमें शक्ति सिंह आशावात का नाम भी शामिल था.

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