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स्पेशल रिपोर्ट: जेठानी को अकेले पढ़ाते देख देवरानी ने दिया साथ...सरकारी स्कूल में बच्चों को फ्री में पढ़ा रहीं - स्पेशल रिपोर्ट

प्रदेश की सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी कोई नई बात नहीं है. आए दिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी की खबरें सामने आती हैं, लेकिन बूंदी की एक सरकारी स्कूल में एक बीएड प्रशिक्षित टीचर नि:शुल्क सेवा देकर बच्चों का भविष्य गढ़ रहीं हैं. बूंदी के नैनवां से स्पेशल रिपोर्ट..

government school Nanwan, free teaching
सरकारी स्कूल में बच्चों को फ्री में पढ़ा रहीं
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Published : Dec 16, 2019, 12:37 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 1:14 PM IST

नैनवां (बूंदी). जिले में नैनवां के शहरी क्षेत्र में प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक नहीं लगाए गए. जिससे कई विद्यालयों में एक शिक्षक को ही पूरे विद्यालय की कक्षाओं और विद्यालय की दूसरी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है. वहीं एक बीएड प्रशिक्षित ने पहल करते हुए एकल शिक्षक विद्यालय में नि:शुल्क पढ़ाने का जिम्मा संभाल रखा है.

जेठानी को अकेले पढ़ाते देख देवरानी ने दिया साथ, देखें स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: अलवर का ये सरकारी स्कूल बना मिसाल...निजी स्कूलों को भी देता है मात

अकेली शिक्षिका के सहारे 5वीं तक का स्कूल
दरअसल नैनवां कस्बे के माली मोहल्ला के प्राथमिक विद्यालय में एक ही शिक्षिका तब्बसुम तंवर ही नियुक्त हैं. अकेली शिक्षिका को ही एक साथ 5 कक्षाएं पढ़ाने के साथ ही पोषाहार और कार्यालय के दूसरे काम भी करना पड़ रहा है. विद्यालय की व्यवस्था को देखते हुए शिक्षिका तब्बसुम की देवरानी बीएड प्रशिक्षित रूबीना बानो ने भी बच्चों को पढ़ाने का निर्णय किया. इसके बाद वो विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने में जुट गईं हैं. करीब 2 महीने से नि:शुल्क विद्यालय में पढ़ाने आ रहीं हैं. शिक्षिका तब्बसुम ने बताया, कि एक ही शिक्षक नियुक्त होने से इस साल सत्र शुरू होते ही लक्ष्मीपुरा के उच्च प्राथमिक विद्यालय से एक शिक्षिका आशा प्रजापत को लगाया गया था, लेकिन वो शिक्षिका भी प्रसूति अवकाश पर चली गई. जिसके बाद 2 महीने से उनकी देवरानी रुबीना शिक्षण कार्य में सहयोग करने आ रहीं हैं.

बच्चों को मिले योग्यता का फायदा
विद्यालय में सहयोग के रूप में पढ़ाने आ रही रूबीना ने बताया, कि उन्होंने बीएड कर रखा है. उनकी योग्यता का फायदा बच्चों को मिले, लिहाजा स्कूल में पढ़ाने के लिए आती हैं. इससे उनका शिक्षण कार्य का अनुभव भी बढ़ रहा है.

नैनवां क्षेत्र के कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी
नैनवां क्षेत्र के कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी होने के चलते शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है. नैनवां कस्बे के बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय टोडापोल में विज्ञान और गणित विषयों के शिक्षकों के पद रिक्त पड़े है. यहां प्रधानाध्यापक सहित 7 पद स्वीकृत हैं, जबकि विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित 3 ही शिक्षक नियुक्त हैं. कस्बे के 5 प्राथमिक विद्यालय, रैगर कॉलोनी में 3 पदों की तुलना में एक, माली मोहल्ला, बैरवा बस्ती, राजीव कॉलोनी, शिवपुरी के विद्यालयों में दो-दो शिक्षकों के बजाए 10 सालों से एक-एक शिक्षक हैं.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरीः जर्जर भवन को ढहाने के बाद भुल गए अधिकारी, बच्चे खुले में पढ़ने को है मजबूर

दूसरी तरफ ट्रांसफर पर रोक से तृतीय श्रेणी के शिक्षकों से खाली पड़े शहरी क्षेत्र के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फिर शिक्षक नहीं लग पाए. सेटअप परिवर्तन और अधिशेष शिक्षकों को लगाने पर पहले से ही रोक लगी हुई है. सिर्फ तबादलों से ही शहरी क्षेत्र में शिक्षक लगाने का रास्ता खोल रखा था.

नैनवां (बूंदी). जिले में नैनवां के शहरी क्षेत्र में प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक नहीं लगाए गए. जिससे कई विद्यालयों में एक शिक्षक को ही पूरे विद्यालय की कक्षाओं और विद्यालय की दूसरी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है. वहीं एक बीएड प्रशिक्षित ने पहल करते हुए एकल शिक्षक विद्यालय में नि:शुल्क पढ़ाने का जिम्मा संभाल रखा है.

जेठानी को अकेले पढ़ाते देख देवरानी ने दिया साथ, देखें स्पेशल रिपोर्ट

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अकेली शिक्षिका के सहारे 5वीं तक का स्कूल
दरअसल नैनवां कस्बे के माली मोहल्ला के प्राथमिक विद्यालय में एक ही शिक्षिका तब्बसुम तंवर ही नियुक्त हैं. अकेली शिक्षिका को ही एक साथ 5 कक्षाएं पढ़ाने के साथ ही पोषाहार और कार्यालय के दूसरे काम भी करना पड़ रहा है. विद्यालय की व्यवस्था को देखते हुए शिक्षिका तब्बसुम की देवरानी बीएड प्रशिक्षित रूबीना बानो ने भी बच्चों को पढ़ाने का निर्णय किया. इसके बाद वो विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने में जुट गईं हैं. करीब 2 महीने से नि:शुल्क विद्यालय में पढ़ाने आ रहीं हैं. शिक्षिका तब्बसुम ने बताया, कि एक ही शिक्षक नियुक्त होने से इस साल सत्र शुरू होते ही लक्ष्मीपुरा के उच्च प्राथमिक विद्यालय से एक शिक्षिका आशा प्रजापत को लगाया गया था, लेकिन वो शिक्षिका भी प्रसूति अवकाश पर चली गई. जिसके बाद 2 महीने से उनकी देवरानी रुबीना शिक्षण कार्य में सहयोग करने आ रहीं हैं.

बच्चों को मिले योग्यता का फायदा
विद्यालय में सहयोग के रूप में पढ़ाने आ रही रूबीना ने बताया, कि उन्होंने बीएड कर रखा है. उनकी योग्यता का फायदा बच्चों को मिले, लिहाजा स्कूल में पढ़ाने के लिए आती हैं. इससे उनका शिक्षण कार्य का अनुभव भी बढ़ रहा है.

नैनवां क्षेत्र के कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी
नैनवां क्षेत्र के कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी होने के चलते शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है. नैनवां कस्बे के बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय टोडापोल में विज्ञान और गणित विषयों के शिक्षकों के पद रिक्त पड़े है. यहां प्रधानाध्यापक सहित 7 पद स्वीकृत हैं, जबकि विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित 3 ही शिक्षक नियुक्त हैं. कस्बे के 5 प्राथमिक विद्यालय, रैगर कॉलोनी में 3 पदों की तुलना में एक, माली मोहल्ला, बैरवा बस्ती, राजीव कॉलोनी, शिवपुरी के विद्यालयों में दो-दो शिक्षकों के बजाए 10 सालों से एक-एक शिक्षक हैं.

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दूसरी तरफ ट्रांसफर पर रोक से तृतीय श्रेणी के शिक्षकों से खाली पड़े शहरी क्षेत्र के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फिर शिक्षक नहीं लग पाए. सेटअप परिवर्तन और अधिशेष शिक्षकों को लगाने पर पहले से ही रोक लगी हुई है. सिर्फ तबादलों से ही शहरी क्षेत्र में शिक्षक लगाने का रास्ता खोल रखा था.

Intro:नैनवां के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को अकेले पढ़ा रही जेठानी को देख शिक्षिका की देवरानी ने भी बच्चों को पढ़ाने की पहल करते हुए करीब दो महीने से नैनवां के स्कुल मे नि:शुल्क पढ़ा रही बीएड प्रशिक्षित देवरानी।Body: बूंदी जिले मे नैनवां के शहरी क्षेत्र में प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक नहीं लगाए गये ।जिससे कई विद्यालयों में एक शिक्षक को ही पुरे विद्यालय की कक्षाओं व विद्यालय की अन्य जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। वहीं दूसरी ओर एक बीएड प्रशिक्षित ने पहल करते हुए एकल शिक्षक विद्यालय में नि:शुल्क पढ़ाने का जिम्मा संभाल रखा है। नैनवां कस्बे के माली मोहल्ला के प्राथमिक विद्यालय में एक ही शिक्षिका तब्बसुम तंवर ही नियुक्त है। जिससे अकेली शिक्षिका को ही एक साथ पांच कक्षाएं पढ़ाने के साथ ही पोषाहार व अन्य कार्यालय का कार्य भी करना पड़ रहा है। विद्यालय की व्यवस्था को देखते हुए शिक्षिका तब्बसुम की देवरानी बीएड प्रशिक्षित रूबीना बानो ने भी बच्चों को पढ़ाने का निर्णय किया। इसके बाद वह विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने में जुट गई है। जो करीब दो माह से नि:शुल्क विद्यालय में पढ़ाने आ रही है। शिक्षिका तब्बसुम ने बताया कि एक ही शिक्षक नियुक्त होने से इस वर्ष सत्र शुरू होते ही लक्ष्मीपुरा के उच्च प्राथमिक विद्यालय से एक शिक्षिका आशा प्रजापत को व्यवस्थार्थ लगाया था। लेकिन वो शिक्षिका भी प्रसूति अवकाश पर चली गई। इस पर दो माह से मेरी देवरानी रुबीना शिक्षण कार्य में सहयोग करने आ रही है।


योग्यता का फायदा बच्चों को मिले

विद्यालय मे सहयोग के रूप में पढ़ाने आ रही रूबीना ने बताया कि बीएड कर रखा है इसलिए मेरी योग्यता का फायदा बच्चों को मिले इसलिए पढ़ाने आ जाती हूं। इससे मेरा शिक्षण कार्य का अनुभव भी बढ रहा है।

विजवल - विद्यालय में बच्चों को पढ़ाई करवाती बीएड प्रशिक्षित रुबीना
विजवल - एक ही जगह पांच कक्षाओं के बैठें बच्चे

बाईट - स्कुल शिक्षका तबस्सुम
बाईट - बीएड प्रशिक्षित देवरानी रुबीना
Conclusion: नैनवां क्षेत्र के कई विद्यालयों में शिक्षकों कमी होने के चलते शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। जिसमें नैनवां कस्बे के बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय टोडापोल में विज्ञान व गणित विषयों के शिक्षकों के पद रिक्त पड़े है। यहां प्रधानाध्यापक सहित सात पद स्वीकृत है जबकि विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित तीन ही शिक्षक नियुक्त हैं। कस्बे के पांच प्राथमिक विद्यालय रैगर कॉलोनी में तीन पदों की तुलना में एक व माली मोहल्ला, बैरवा बस्ती, राजीव कॉलोनी, शिवपुरी के विद्यालयों में दो-दो शिक्षकों के पदों की तुलना में दस बरसों से एक-एक शिक्षक हैं।
- स्थानान्तरण पर रोक से तृतीय श्रेणी के शिक्षकों से खाली पड़े शहरी क्षेत्र के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फिर शिक्षक नहीं लग पाए। सेटअप परिवर्तन व अधिशेष शिक्षकों को लगाने पर पहले से ही रोक लगी हुई है। सिर्फ तबादलों से ही शहरी क्षेत्र में शिक्षक लगाने का रास्ता खोल रखा था।
Last Updated : Dec 16, 2019, 1:14 PM IST
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