केशवरायपाटन (बूंदी). क्षेत्र में कार्यरत दो आशा सहयोगिनी महिलाओं की जन्म तिथि के रिकॉर्ड में गलत जन्म तिथि दर्ज होना सेवानिवृति का कारण बन गया. महिला और बाल विकास विभाग द्वारा दोनों आशा सहयोगिनी महिलाओं को 60 वर्ष की आयु का मानकर सेवानिवृति दे दी गई. जिसे रिकॉर्डों में 60 साल का मानकर रिटायर्ड कर दिया गया. उनकी उम्र महज 28 साल ही है, लेकिन विभागीय बाबू ने उनकी जन्म तिथि को इतना आगे बढ़ा दिया कि वह समय से बहुत पहले ही सेवानिवृत हो गई. मामला केशवरायपाटन क्षेत्र के सारसला ग्राम पंचायत के नोताडा निवासी सुमित्रा मीणा और गुडली पंचायत की रेखा मेघवाल दो आशा सहयोगिनी के साथ हुए जन्मतिथि में गड़बड़ी का है.
बताया गया है कि ये महिला और बाल विकास विभाग के बाबू द्वारा रिकॉर्ड में गलत जन्म तिथि दर्ज कर दिए जाने की सजा भुगत रही है. रिकॉर्ड में हुई गलती के चलते 60 वर्ष आयु वर्ग की मानते हुए विभाग द्वारा सेवा समाप्त कर दिए जाने के कारण फिर से सेवा में आने के लिए दर दर भटक रही है. पीड़ित आशा सहयोगिनी को राहत नहीं मिल पा रही है. विभाग के कार्मिक द्वारा की गई गलती के चलते न्याय की मांग कर रहीं नोताड़ा निवासी पीड़ित आशा सहयोगिनी सुमित्रा मीणा और गुडली निवासी रेखा मेघवाल का कहना है कि उसकी जन्म तिथि 8 जुलाई 1993 होने के कारण उसे 20 अगस्त 2014 को 21 वर्ष की उम्र में आशा सहयोगिनी के पद पर नियुकि मिली थी, जिसके बाद उसके वह पिछले 7 वर्षों से गुडली ग्रामपंचायत में आशा सहयोगिनी के पद पर सेवा दे रही थी.
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अब उसकी उम्र बढ कर 28 हुई है, लेकिन महिला और बाल विकास विभाग के रिकॉर्ड में किसी बाबू द्वारा उनकी जन्म तिथि एक जनवरी 1952 दर्ज कर दिये जाने से विभाग द्वारा उन्हें 60 वर्ष आयु वर्ग की मान कर सेवानिवृत कर दिया. उसके साथ नोताड़ा निवासी सुमित्रा मीणा नामक आशा सहयोगिनी को भी सेवानिवृत कर दिया है. विभाग द्वारा उसकी 60 वर्ष से अधिक उम्र बता कर उसकी सेवा समाप्त कर उसे सेवानिवृत किए जाने के दिए गए आदेश से वे दोनों हैरान है. उन्होंने विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज हुई गलत जन्म तिथि को दुरुस्त करवाने और सेवा में बने रहने के लिए अधिकारियों से मांग की है. कई बार अधिकारियों को समस्या बताने के बाद भी उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है.