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इराक में फंसे भारतीयों ने वीडियो भेजकर लगाई वतन वापसी की गुहार, कहा- हमें बुला लो सरकार

बूंदी से रोजगार की चाह में इराक गए लोग परेशानी में घिर चुके है. ऐसे में उनको वहां कोई मदद भी नहीं मिल रही है. विदेश भेजने के नाम पर एजेंटों ने भारत से गए 40 मजदूरों से धोखाधड़ी की है. अब इराक में फंसे ये मजदूर सोशल मीडिया के जरिए वतन वापसी की गुहार लगा रहे है. पढ़िए पूरी खबर..

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इराक में फंसे भारतीयों ने लगाई वतन वापसी की गुहार
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Published : Feb 6, 2020, 8:08 PM IST

नैनवां (बूंदी). इराक में फंसे भारतीयों ने अपनी पीड़ा सोशल मीडिया के जरिए बयां की है. इन मजदूरों ने भारत सरकार से वीडियो के जरिए वतन वापसी की गुहार लगाई है. ये 40 मजदूर विदेश भेजने के नाम पर एजेंटों की धोखाधड़ी के शिकार बने हैं. वहीं कंपनी ने 2 महीने से इनको वेतन भी नहीं दिया. जिसके बाद इन परेशान भारतीयों ने सोशल मीडिया के जरिए भारत सरकार से अपने देश वापस बुलाने की गुहार लगाई है. लेकिन अभी तक उनको कोई मदद नहीं मिली.

इराक में फंसे भारतीयों ने लगाई वतन वापसी की गुहार

इराक के नजफ शहर में फंसे भारतीय मजदूर
बता दें कि ये सभी भारतीय मजदूर पिछले 4 दिनों से इराक के नजफ शहर में फंसे हुए हैं. जिले के नैनवां उपखंड से रोजगार के लिए इराक गये लोग अब वहां परेशानी में है. जानकारी के मुताबिक पहले उन्हें दुबई ले जाने की बात कही लेकिन उन्हें इराक पहुंचा दिया. वहां पर भी 2 माह काम करने के बाद भी उन्हें कंपनी की ओर से कोई भुगतान नहीं किया जा रहा. साथ ही करीब 3 से 4 दिन इन मजदूरों को बिना खाना खाए हो गया. वहीं अगर ये मजदूर कुछ दबाव बनाते हैं तो कंपनी की ओर से उनसे मारपीट की जाती है. जिसको खुद मजदूर अपनी वीडियो में बता रहे हैं.

पढ़ें- बूंदी: रोजगार के लिए इराक गये 40 भारतीय नागरिकों को कम्पनी ने बनाया बंधक

40 भारतीय नागरिकों को नहीं मिल रहा वेतन
जानकारी के टोंक जिले के ग्राम कनवाड़ा का निवासी लक्ष्मण बैरवा 12 फरवरी 2019 को फ्लाइट से रोजगार के लिए इराक गया था. उसके साथ नैनवां क्षेत्र के ग्राम धानु के निवासी उसके मामा बाबू लाल और महेंद्र कुमार, नैनवां निवासी चाचा विनोद और विनोद नाम का ही एक अन्य युवक और नैनवां क्षेत्र के 4-5 और भी लोग इराक गए. ये सभी इराक के बगदाद के नजफ क्षेत्र की कंपनी में काम कर रहे थे, लेकिन कुछ दिन पहले लक्ष्मण ने फोन करके उन्हें बताया कि कंपनी में काम कर रहे 40 भारतीय नागरिकों को कंपनी 2 महीने से वेतन नहीं दे रही है, और जब वेतन की मांग करते हैं तो कंपनी के लोग कहते हैं बगैर वेतन के काम करते रहो.

वेतन तो दूर, खाने के भी लाले
इससे साफ जाहिर होता है कि धोखाधड़ी कर मजदूरों को किस प्रकार एजेंटों द्वारा ठगा जा रहा है. वहीं 2 महीने का वेतन तो दूर, इन लोगों के खाने के भी लाले पड़े हुए हैं. फिलहाल इन लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए अपने परिजनों को वीडियो बनाकर भेजी हैं और भारत सरकार और राजस्थान सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है.

पढ़ें- कोरोना की दहशत: अलवर और गुजरात के छात्रों ने PM मोदी से लगाई मदद की गुहार, कहा- हमें भी यहां से निकालो

भारी परेशानी से गुजर रहे पीड़ित परिजन
वहीं 40 मजदूरों में से 7 की वतन वापसी होने की जानकारी तो सामने आ रही है, लेकिन वह वतन भी पहुंचे या नहीं यह कंफर्म नहीं हो पाया है. वहीं इधर पीड़ित परिजन भी जिला कलेक्टर से लेकर विदेश मंत्रालय तक गुहार लगाने के बाद भी अभी तक उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई. जिससे अब परिजनों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

नैनवां (बूंदी). इराक में फंसे भारतीयों ने अपनी पीड़ा सोशल मीडिया के जरिए बयां की है. इन मजदूरों ने भारत सरकार से वीडियो के जरिए वतन वापसी की गुहार लगाई है. ये 40 मजदूर विदेश भेजने के नाम पर एजेंटों की धोखाधड़ी के शिकार बने हैं. वहीं कंपनी ने 2 महीने से इनको वेतन भी नहीं दिया. जिसके बाद इन परेशान भारतीयों ने सोशल मीडिया के जरिए भारत सरकार से अपने देश वापस बुलाने की गुहार लगाई है. लेकिन अभी तक उनको कोई मदद नहीं मिली.

इराक में फंसे भारतीयों ने लगाई वतन वापसी की गुहार

इराक के नजफ शहर में फंसे भारतीय मजदूर
बता दें कि ये सभी भारतीय मजदूर पिछले 4 दिनों से इराक के नजफ शहर में फंसे हुए हैं. जिले के नैनवां उपखंड से रोजगार के लिए इराक गये लोग अब वहां परेशानी में है. जानकारी के मुताबिक पहले उन्हें दुबई ले जाने की बात कही लेकिन उन्हें इराक पहुंचा दिया. वहां पर भी 2 माह काम करने के बाद भी उन्हें कंपनी की ओर से कोई भुगतान नहीं किया जा रहा. साथ ही करीब 3 से 4 दिन इन मजदूरों को बिना खाना खाए हो गया. वहीं अगर ये मजदूर कुछ दबाव बनाते हैं तो कंपनी की ओर से उनसे मारपीट की जाती है. जिसको खुद मजदूर अपनी वीडियो में बता रहे हैं.

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40 भारतीय नागरिकों को नहीं मिल रहा वेतन
जानकारी के टोंक जिले के ग्राम कनवाड़ा का निवासी लक्ष्मण बैरवा 12 फरवरी 2019 को फ्लाइट से रोजगार के लिए इराक गया था. उसके साथ नैनवां क्षेत्र के ग्राम धानु के निवासी उसके मामा बाबू लाल और महेंद्र कुमार, नैनवां निवासी चाचा विनोद और विनोद नाम का ही एक अन्य युवक और नैनवां क्षेत्र के 4-5 और भी लोग इराक गए. ये सभी इराक के बगदाद के नजफ क्षेत्र की कंपनी में काम कर रहे थे, लेकिन कुछ दिन पहले लक्ष्मण ने फोन करके उन्हें बताया कि कंपनी में काम कर रहे 40 भारतीय नागरिकों को कंपनी 2 महीने से वेतन नहीं दे रही है, और जब वेतन की मांग करते हैं तो कंपनी के लोग कहते हैं बगैर वेतन के काम करते रहो.

वेतन तो दूर, खाने के भी लाले
इससे साफ जाहिर होता है कि धोखाधड़ी कर मजदूरों को किस प्रकार एजेंटों द्वारा ठगा जा रहा है. वहीं 2 महीने का वेतन तो दूर, इन लोगों के खाने के भी लाले पड़े हुए हैं. फिलहाल इन लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए अपने परिजनों को वीडियो बनाकर भेजी हैं और भारत सरकार और राजस्थान सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है.

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भारी परेशानी से गुजर रहे पीड़ित परिजन
वहीं 40 मजदूरों में से 7 की वतन वापसी होने की जानकारी तो सामने आ रही है, लेकिन वह वतन भी पहुंचे या नहीं यह कंफर्म नहीं हो पाया है. वहीं इधर पीड़ित परिजन भी जिला कलेक्टर से लेकर विदेश मंत्रालय तक गुहार लगाने के बाद भी अभी तक उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई. जिससे अब परिजनों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Intro:बूंदी जिले के नैनवां क्षेत्र से रोजगार की चाह में इराक गये लोगो नही मिल रही मदद । सभी लोगो से रोजगार के नाम पर हुई धोखाधड़ी कंपनी ने 2 माह से नहीं दिया वेतन ।सोशल साइट ओर मिडिया के जरिए सरकार से लगा रहे हैं वतन वापसी की गुहार । लेकिन अभी तक मदद नही मिलने से भुखे मरने पर मजबूर हुये सभी लोग। , आपको बता दें कि सभी लोग पिछले 4 दिनों से इराक के नजफ सिटी में फंसे हुए हैं, और अब सोशल साइट के जरिए ,वतन वापसी की गुहार लगा रहे ।
Body:बेंदी जिले के नैनवां उपखंड से रोजगार के लिए इराक गये लोग अब सोशल साईट के जरिऐ सरकार से लगा रहे है गुहार - आपको बता दें कि विदेश भेजने के नाम पर एजेंटों ने भारत से गये सभी 40 मजदूरों से धोखाधड़ी की है, ।पहले उन्हें दुबई ले जाने की बात कही ओर उन्हें इराक पहुंचा दिया । वहां पर भी 2 माह काम करने के बाद भी उन्हें कंपनी द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा , और करीब 3 से 4 दिन हो गए बिना खाना खाये अपने दिन गुजार रहे हैं।, वही कुछ दबाव बनाते हैं तो कंपनी द्वारा उनसे मारपीट करने की बात खुद मजदूर वीडियो में कह रहे हैं ।
इससे साफ जाहिर होता है कि धोखाधड़ी कर मजदूरों को किस प्रकार एजेंटों द्वारा ठगा जा रहा है , । वही 2 माह का वेतन तो दूर , खाने के भी लाले इन लोगों को पड़े हुए हैं । फिलहाल इन लोगों ने सोशल साइट के जरिए अपने परिजनों को वीडियो बनाकर भेजे हैं, । तथा भारत सरकार और राजस्थान सरकार से गुहार लगाने को लेकर यह वीडियो सोशल साइट के जरिए में भारत भेजा है, और वतन वापसी की गुहार लगाई है ।अब देखने वाली बात यह है कि 40 मजदूर लोगों में से 7 की वतन वापसी होने की जानकारी तो सामने आ रही है, लेकिन वह वतन भी पहुंचे या नहीं यह कंफर्म नहीं हो पाया है ।वही इधर पिड़ीतो के परिजन भी जिला कलेक्टर से लेकर विदेश मंत्रालय तक गुहार लगाने के बाद भी अभी तक उन्हे कोई मदद नही मिल पाई । जिससे अब परिजनों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

विजवल- इराक मे फंसे पिड़ीतो द्धारा भेजा विडियो ओर अपनी पीड़ा बताते वहा फंसे लोग
Conclusion:फिलहाल इराक में फंसे सभी मजदूर 2 माह के वेतन नहीं मिलने से तो परेशान तो है ही ।लेकिन खाने-पीने तक की भी, उन्हें वहां सुविधा नहीं मिल रही है, ।ऐसे में वहां गए ,मजदूर काफी समस्याओं का सामना करने को मजबूर हो चुके हैं , और अब वतन वापसी आने की गुहार लगा रहे हैं
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