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शुक्र का कर्क राशि में गोचर आज मई से, यहां जानिए किस राशि पर पड़ेगा क्या असर - हर ग्रह का अपना एक महत्व

जन्म कुंडली में हर ग्रह का अपना एक महत्व है और उस ग्रह के शुभ और अशुभ स्थान पर होने से उसके लक्षण और असर देखने को मिलते हैं. ग्रह अपनी चाल के अनुसार गोचर में चलयमान होते हुए अलग-अलग राशि में फल प्रदान करते हैं. 30 मई मंगलवार को शुक्र ग्रह कर्क राशि में गोचर करेंगे और अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग असर होगा.

Effect on Rashifal
शुक्र का कर्क राशि में गोचर आज मई से
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Published : May 30, 2023, 6:00 AM IST

बीकानेर. वैदिक ज्योतिष परंपरा में शुक्र को वैभव और विलासिता का कारक माना गया है. शुक्र ग्रह अपनी राशि, उच्च राशि व मित्र राशि में स्थित होने पर धन, समृद्धि, आकर्षण, सुंदरता, प्रेम, पारिवारिक संबंध और जीवन में संतुष्टि को दर्शाते हैं. इसके अतिरिक्त प्रबल शुक्र संगीत, डिजाइनिंग, मीडिया, फैशन जगत, फिल्मी दुनिया, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, सुरुचिपूर्ण भोजन व आमोद प्रमोद का कारक होता है.

नीच या अशुभ ग्रह युति : डॉ. आलोक व्यास कहते हैं कि शुक्र ग्रह के शत्रु राशि, नीच राशि व अशुभ ग्रहों के साथ युति होने पर प्रेम प्रसंग में विफलता, वैवाहिक जीवन में अड़चन, विलासिता में कमी, शारीरिक व मानसिक कष्ट, निम्न स्तरीय जीवन, पत्नी स्वास्थ्य में गिरावट, धन हानि, यौन अंगों में कमजोरी होती है. दुर्बल शुक्र को बल प्रदान करने के लिए स्त्रियों का मान सम्मान, घर में साफ सफाई, श्वेत वस्त्र के धारण करने के अतिरिक्त हीरा को अनामिका अंगूठी में धारण करना लाभदायक रहता है. लेकिन आर्थिक परिस्थिति के कारण हीरा धारण करना संभव ना हो तो हीरे का विकल्प कुरंगी, दतला, तुरमली या सिम्मा भी धारण किया जा सकता है.

पढ़ें : Weekly Horoscope : कैसा रहेगा आपका ये सप्ताह,जानें इस साप्ताहिक राशिफल में

30 मई को होगा कर्क राशि गोचर प्रवेश : शुक्र ग्रह दिनांक 30 मई 2023 को सांय 7:39 पर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और दिनांक 7 जुलाई 2023 तक रहेंगे. शुक्र कर्क राशि में गोचर विभिन्न राशियों पर प्रभाव डालेगा.

मेष: गृहस्थान पर नवाचार, भूमि, मकान या वाहन के क्रय विक्रय के योग, माता संबंधी चिंता बनेगी.

वृषभ: नवीन कार्य आरंभ करने के योग, अधीनस्थ अथवा छोटे भाई बहनों या पड़ोसियों का सहयोग, अल्प दूरी की यात्रा के योग बनेंगे.

मिथुन: पारिवारिक आयोजन, सुरुचि भोजन, नेत्र अथवा वाणी दोष, स्थाई परिसंपत्ति के योग बन सकते हैं.

कर्क: आत्मछवि से असंतोष, आत्मचिंतन या एकांतवास की चाह, मानसिक पीड़ा के योग हैं.

सिंह: व्यय की अधिकता, आमोद प्रमोद या शुभ कार्य के योग, सुदूर प्रांत की यात्रा होने की संभावना है.

कन्या: संपर्क सुत्रों में बढ़ोतरी, आय के नए साधन हेतु प्रयास, बड़े भाई बहन से सहयोग मिलेगा.

तुला: कार्यस्थल पर प्रतिकूलता, पिता अथवा उच्च अधिकारियों से मतभेद, सामाजिक प्रतिष्ठा से असंतोष हो सकता है.

वृश्चिक: धार्मिक क्रियाकलाप या धार्मिक अनुष्ठान, गुरुजनों का आशीर्वाद, उच्च अध्ययन के अवसर, नव संस्कृति से संपर्क होगा.

धनु: मन में भय अथवा आशंका, यंत्र तंत्र मंत्र की और झुकाव, ससुराल से असंतोष देखने को मिल सकता है.

मकर: नव साझेदारी की चाह, जीवनसाथी अथवा मित्रों का सहयोग, विवाह अथवा सगाई के अवसर प्राप्त होंगे.

कुंभ: रोग,ऋण अथवा शत्रु पीड़ा, दैनिक जीवन में अड़चन, निकट संबंधों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा.

मीन: रचनात्मक कार्यों में रुझान, प्रेम प्रसंग के अवसर, सट्टेबाजी की प्रवृत्ति, संतान संबंधी पीड़ा के योग है.

बीकानेर. वैदिक ज्योतिष परंपरा में शुक्र को वैभव और विलासिता का कारक माना गया है. शुक्र ग्रह अपनी राशि, उच्च राशि व मित्र राशि में स्थित होने पर धन, समृद्धि, आकर्षण, सुंदरता, प्रेम, पारिवारिक संबंध और जीवन में संतुष्टि को दर्शाते हैं. इसके अतिरिक्त प्रबल शुक्र संगीत, डिजाइनिंग, मीडिया, फैशन जगत, फिल्मी दुनिया, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, सुरुचिपूर्ण भोजन व आमोद प्रमोद का कारक होता है.

नीच या अशुभ ग्रह युति : डॉ. आलोक व्यास कहते हैं कि शुक्र ग्रह के शत्रु राशि, नीच राशि व अशुभ ग्रहों के साथ युति होने पर प्रेम प्रसंग में विफलता, वैवाहिक जीवन में अड़चन, विलासिता में कमी, शारीरिक व मानसिक कष्ट, निम्न स्तरीय जीवन, पत्नी स्वास्थ्य में गिरावट, धन हानि, यौन अंगों में कमजोरी होती है. दुर्बल शुक्र को बल प्रदान करने के लिए स्त्रियों का मान सम्मान, घर में साफ सफाई, श्वेत वस्त्र के धारण करने के अतिरिक्त हीरा को अनामिका अंगूठी में धारण करना लाभदायक रहता है. लेकिन आर्थिक परिस्थिति के कारण हीरा धारण करना संभव ना हो तो हीरे का विकल्प कुरंगी, दतला, तुरमली या सिम्मा भी धारण किया जा सकता है.

पढ़ें : Weekly Horoscope : कैसा रहेगा आपका ये सप्ताह,जानें इस साप्ताहिक राशिफल में

30 मई को होगा कर्क राशि गोचर प्रवेश : शुक्र ग्रह दिनांक 30 मई 2023 को सांय 7:39 पर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और दिनांक 7 जुलाई 2023 तक रहेंगे. शुक्र कर्क राशि में गोचर विभिन्न राशियों पर प्रभाव डालेगा.

मेष: गृहस्थान पर नवाचार, भूमि, मकान या वाहन के क्रय विक्रय के योग, माता संबंधी चिंता बनेगी.

वृषभ: नवीन कार्य आरंभ करने के योग, अधीनस्थ अथवा छोटे भाई बहनों या पड़ोसियों का सहयोग, अल्प दूरी की यात्रा के योग बनेंगे.

मिथुन: पारिवारिक आयोजन, सुरुचि भोजन, नेत्र अथवा वाणी दोष, स्थाई परिसंपत्ति के योग बन सकते हैं.

कर्क: आत्मछवि से असंतोष, आत्मचिंतन या एकांतवास की चाह, मानसिक पीड़ा के योग हैं.

सिंह: व्यय की अधिकता, आमोद प्रमोद या शुभ कार्य के योग, सुदूर प्रांत की यात्रा होने की संभावना है.

कन्या: संपर्क सुत्रों में बढ़ोतरी, आय के नए साधन हेतु प्रयास, बड़े भाई बहन से सहयोग मिलेगा.

तुला: कार्यस्थल पर प्रतिकूलता, पिता अथवा उच्च अधिकारियों से मतभेद, सामाजिक प्रतिष्ठा से असंतोष हो सकता है.

वृश्चिक: धार्मिक क्रियाकलाप या धार्मिक अनुष्ठान, गुरुजनों का आशीर्वाद, उच्च अध्ययन के अवसर, नव संस्कृति से संपर्क होगा.

धनु: मन में भय अथवा आशंका, यंत्र तंत्र मंत्र की और झुकाव, ससुराल से असंतोष देखने को मिल सकता है.

मकर: नव साझेदारी की चाह, जीवनसाथी अथवा मित्रों का सहयोग, विवाह अथवा सगाई के अवसर प्राप्त होंगे.

कुंभ: रोग,ऋण अथवा शत्रु पीड़ा, दैनिक जीवन में अड़चन, निकट संबंधों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा.

मीन: रचनात्मक कार्यों में रुझान, प्रेम प्रसंग के अवसर, सट्टेबाजी की प्रवृत्ति, संतान संबंधी पीड़ा के योग है.

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