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बीकानेर नगर निगम की पहली साधारण सभा, हंगामें के साथ शुरू होते ही खत्म हुई - बीकानेर नगर निगम की पहली आम सभा हंगामेदार

बीकानेर नगर निगम की पहली साधारण सभा की बैठक हंगामें की भेंट चढ़ गई. सफाई सहित अन्य मुद्दों को लेकर बैठक आयोजित हुई थी, लेकिन यह बैठक शुरू होते ही खत्म हो गई.

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पहली साधारण सभा हंगामे के साथ शुरू होते ही खत्म
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Published : Feb 7, 2020, 3:05 PM IST

बीकानेर. बीकानेर नगर निगम की पहली साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई. 4 फरवरी को नगर निगम की साधारण सभा की बैठक हुई थी, लेकिन उस बैठक में केवल बजट के प्रस्ताव का अनुमोदन हुआ था. ऐसे में पूर्णरूपेण साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को पहली बार आयोजित की गई.

पहली साधारण सभा हंगामे के साथ शुरू होते ही खत्म

बैठक के शुरू होने के साथ ही सफाई के मुद्दे को लेकर कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने एक लाइन में सभी प्रस्तावों के ध्वनिमत से पारित होने की बात कहते हुए राष्ट्रगान शुरू करवा दिया और बैठक खत्म हो गई.

इसके बाद महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित सदन से बाहर निकल गई. बैठक के शुरू होने से पहले ही कांग्रेसी पार्षदों की ओर से विरोध प्रदर्शन और हंगामे की आशंका जताई जा रही थी.

यह भी पढ़ें- बीकानेर: पुलिस ने महज 6 घंटे में अपहरणकर्ताओं के चंगुल से दो व्यापारी कराए मुक्त, 9 लाख रुपए के साथ दो किडनैपर गिरफ्तार

बैठक के शुरू होने के साथ ही कांग्रेसी पार्षदों ने शहर में सार्वजनिक सफाई, सीवरेज, आवारा पशु और दूसरे मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय सफाई व्यवस्था की कमी को उठाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा पार्षद आमने-सामने हो गए. दोनों दलों के पार्षदों की ओर से की जा रही नारेबाजी के शोरगुल के बीच सदन की बैठक खत्म हो गई.

शुक्रवार को आयोजित बैठक में नगर निगम के कर्मचारियों की डीपीसी में पदोन्नति की पुष्टि, विभिन्न समूहों के प्रतिनिधियों की प्रस्तावना, निगम की आवास योजनाओं में कर्मचारियों और पार्षदों को आरक्षित दर से भूखंड देने की प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी, लेकिन बिना किसी प्रस्ताव पर चर्चा हुए बैठक खत्म होने से कांग्रेसी पार्षद भी नाराज नजर आए और महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित पर इसका ठीकरा फोड़ा.

कांग्रेसी पार्षद जावेद पड़िहार का कहना था, कि किसी भी तरह से चर्चा करने की बजाय महापौर सदन छोड़ कर चली गईं और बीकानेर नगर निगम के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है.

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वहीं महापौर सुशीला राजपुरोहित का कहना है, कि कांग्रेसी पार्षदों का मकसद केवल हंगामा खड़ा करना है, जबकि शहर की सफाई के मुद्दे को लेकर आए हैं. पिछले 2 महीनों में सुधार हुआ है, लेकिन सफाई की व्यवस्था हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है.

वहीं नगर निगम की साधारण सभा की बैठक के हंगामेदार होने की आशंका को लेकर नगर निगम में पुलिस प्रशासन की व्यवस्था देखने को मिली और पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स मौजूद रही. निगम में केवल 5 व्यक्ति को ही प्रवेश दिया गया और मीडिया के लिए भी परिचय पत्र दिखाने पर ही प्रवेश दिया गया.

बीकानेर. बीकानेर नगर निगम की पहली साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई. 4 फरवरी को नगर निगम की साधारण सभा की बैठक हुई थी, लेकिन उस बैठक में केवल बजट के प्रस्ताव का अनुमोदन हुआ था. ऐसे में पूर्णरूपेण साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को पहली बार आयोजित की गई.

पहली साधारण सभा हंगामे के साथ शुरू होते ही खत्म

बैठक के शुरू होने के साथ ही सफाई के मुद्दे को लेकर कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने एक लाइन में सभी प्रस्तावों के ध्वनिमत से पारित होने की बात कहते हुए राष्ट्रगान शुरू करवा दिया और बैठक खत्म हो गई.

इसके बाद महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित सदन से बाहर निकल गई. बैठक के शुरू होने से पहले ही कांग्रेसी पार्षदों की ओर से विरोध प्रदर्शन और हंगामे की आशंका जताई जा रही थी.

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बैठक के शुरू होने के साथ ही कांग्रेसी पार्षदों ने शहर में सार्वजनिक सफाई, सीवरेज, आवारा पशु और दूसरे मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय सफाई व्यवस्था की कमी को उठाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा पार्षद आमने-सामने हो गए. दोनों दलों के पार्षदों की ओर से की जा रही नारेबाजी के शोरगुल के बीच सदन की बैठक खत्म हो गई.

शुक्रवार को आयोजित बैठक में नगर निगम के कर्मचारियों की डीपीसी में पदोन्नति की पुष्टि, विभिन्न समूहों के प्रतिनिधियों की प्रस्तावना, निगम की आवास योजनाओं में कर्मचारियों और पार्षदों को आरक्षित दर से भूखंड देने की प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी, लेकिन बिना किसी प्रस्ताव पर चर्चा हुए बैठक खत्म होने से कांग्रेसी पार्षद भी नाराज नजर आए और महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित पर इसका ठीकरा फोड़ा.

कांग्रेसी पार्षद जावेद पड़िहार का कहना था, कि किसी भी तरह से चर्चा करने की बजाय महापौर सदन छोड़ कर चली गईं और बीकानेर नगर निगम के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है.

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वहीं महापौर सुशीला राजपुरोहित का कहना है, कि कांग्रेसी पार्षदों का मकसद केवल हंगामा खड़ा करना है, जबकि शहर की सफाई के मुद्दे को लेकर आए हैं. पिछले 2 महीनों में सुधार हुआ है, लेकिन सफाई की व्यवस्था हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है.

वहीं नगर निगम की साधारण सभा की बैठक के हंगामेदार होने की आशंका को लेकर नगर निगम में पुलिस प्रशासन की व्यवस्था देखने को मिली और पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स मौजूद रही. निगम में केवल 5 व्यक्ति को ही प्रवेश दिया गया और मीडिया के लिए भी परिचय पत्र दिखाने पर ही प्रवेश दिया गया.

Intro:बीकानेर नगर निगम की पहली साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को आयोजित हुई चार दिन पहले जहां बजट को लेकर बैठक आयोजित हुई तो वहीं शुक्रवार को शहर के सफाई सहित अन्य मुद्दों को लेकर बैठक आयोजित बैठक शुरू होते ही खत्म हो गई।


Body:बीकानेर। बीकानेर नगर निगम की पहली साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई हालांकि 4 फरवरी को नगर निगम की साधारण सभा की बैठक हुई थी लेकिन उस बैठक में केवल बजट के प्रस्ताव का अनुमोदन हुआ था ऐसे में पूर्णरूपेण साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को पहली बार आयोजित की गई। लेकिन नगर निगम की शुक्रवार को आयोजित बैठक शुरू होने के साथ ही खत्म हो गई दरअसल बैठक के शुरू होने के साथ ही सफाई के मुद्दे को लेकर कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने एक लाइन में सभी प्रस्तावों के ध्वनिमत से पारित होने की बात कहते हुए राष्ट्रगान शुरू करवा दिया और बैठक खत्म हो गई। इसके बाद महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित सदन से बाहर निकल गई। दरअसल बैठक के शुरू होने से पहले ही कांग्रेसी पार्षदों की ओर से विरोध प्रदर्शन और हंगामे की आशंका जताई जा रही थी और बैठक के शुरू होने के साथ ही कांग्रेसी पार्षदों ने शहर में सार्वजनिक सफाई सीवरेज आवारा पशु आदि मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय सफाई व्यवस्था की कमी को उठाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा पार्षद आमने-सामने हो गए और दोनों दलों के पार्षदों की ओर से की जा रही नारेबाजी के शोरगुल के बीच सदन की बैठक खत्म हो गई।


Conclusion:शुक्रवार को आयोजित बैठक में नगर निगम के कर्मचारियों की डीपीसी में पदोन्नति ओं की पुष्टि विभिन्न समूहों के प्रतिनिधियों की प्रस्तावना निगम की आवास योजनाओं में कर्मचारियों और पार्षदों को आरक्षित दर से भूखंड देने की प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी लेकिन बिना किसी प्रस्ताव पर चर्चा हुई बैठक खत्म होने से कांग्रेसी पार्षद भी नाराज नजर आए और महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित पर इसका ठीकरा फोड़ा। कांग्रेसी पार्षद जावेद पड़िहार का कहना था कि किसी भी तरह से चर्चा करने की बजाय महापौर सदन छोड़ कर चली गई और बीकानेर नगर निगम के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है वही महापौर सुशीला राजपुरोहित का कहना है कि कांग्रेसी पार्षदों का मकसद केवल हंगामा खड़ा करना है जबकि शहर की सफाई के मुद्दे को लेकर आए हैं और पिछले दो महीनों में सुधार हुआ है लेकिन सफाई की व्यवस्था हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है लेकिन इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं केवल हंगामा खड़ा करना चाहते हैं।


पर्याप्त रही सुरक्षा व्यवस्था
नगर निगम की साधारण सभा की बैठक के हंगामेदार होने की आशंका को लेकर नगर निगम में पुलिस प्रशासन की व्यवस्था देखने को मिली और पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स मौजूद रही वहीं निगम में केवल 5 नारी व्यक्ति को ही प्रवेश दिया गया और मीडिया के लिए भी परिचय पत्र दिखाने पर ही प्रवेश दिया गया।
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