बीकानेर. शिक्षक संघ शेखावत का दो दिवसीय 59वां राज्य स्तरीय सम्मेलन का आगाज शुक्रवार को बीकानेर में हुआ. सम्मेलन में शिक्षकों की मौजूदगी में वक्ताओं ने शिक्षकों के हितों पर चिंतन के साथ ही नई शिक्षा नीति के प्रभाव और उससे होने वाले नुकसान को लेकर चर्चा की. वहीं मंच से प्रदेश के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला की मौजूदगी में शिक्षकों ने न सिर्फ अपनी पीड़ा जाहिर (Teachers share complaints with Edu minister) की बल्कि इतना तक कह दिया कि शिक्षकों से पढ़ाने के अलावा बाकी सब काम कराए जाते हैं. इसलिए अब हमने केवल पढ़ाने दिया जाए.
शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला की मौजूदगी में शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे संगठन के इतने आंदोलनों के बाद भी आज तक हमसे वार्ता नहीं की गई. इसके अलावा नई शिक्षा नीति की बिना समीक्षा किए लागू करने से कई सवाल हुए खड़े हुए हैं. शर्मा ने कहा कि इसके कारण प्रदेश में संचालित स्कूलों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है.
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मंत्री गोविंद मेघवाल की टिप्पणी पर बवाल: सम्मेलन के दौरान शिक्षक संघ शेखावत के महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने मंच से ही कहा कि एक शिक्षक संघ के जयपुर में हो रहे सम्मेलन में आपदा मंत्री गोविंद मेघवाल ने शिक्षकों को लेकर उनके काम नहीं करने की बात भी कही है. शर्मा ने कहा कि शिक्षकों पर इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं होगी. मौजूद शिक्षकों ने भी मंत्री गोविंद मेघवाल के खिलाफ नारेबाजी की. इस पूरे माहौल को मंच पर विराजमान शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और एग्रो बोर्ड के चेयरमैन रामेश्वर डूडी सहित अन्य अतिथि भी देख रहे थे.
ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर बोले: उपेंद्र शर्मा ने शिक्षकों के तबादले डिजायर के आधार करने की परंपरा को बंद करने की मांग करते हुए कहा कि विधायकों की डिजाइर के आधार पर हर सरकार शिक्षकों के तबादले करती है, लेकिन 1993 के बाद आज तक कोई सरकार रिपीट नहीं हुई. अगर विधायकों की डिजायर से फायदा होता, तो सरकार रिपीट होती. इस बात को सोचने की जरूरत है. शिक्षा विभाग में थर्ड ग्रेड ट्रांसफर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस मामले में ब्यूरोक्रेट्स ने पदों को लेकर एक काल्पनिक भय पैदा किया है. जबकि नीचे से ऊपर तक पदों की डीपीसी सही प्रकार से हो, तो रिक्त पदों की सही तस्वीर सामने आ सकती है.
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नहीं करेंगे दूसरा काम: इस दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग ने शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में शिक्षकों की पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि हमें पढ़ाने के लिए भर्ती किया गया, लेकिन हमसे पढ़ाई के अलावा सारे काम करवाए जा रहे हैं. लेकिन अब शिक्षक 26 जनवरी, 2023 के बाद किसी भी प्रकार का कोई गैर शैक्षिक कार्य नहीं करेंगे. चाहे वह बीएलओ की ड्यूटी हो या कोई और काम. यहां तक कि स्कूल में भी ऑनलाइन मोबाइल से जुड़ा कोई कार्य भी शिक्षक नहीं करेंगे.
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डूडी ने की पैरवी: कार्यक्रम में मौजूद एग्रो बोर्ड के चेयरमैन रामेश्वर डूडी ने भी शिक्षकों की पीड़ा को सही बताते हुए शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से उनकी समस्याओं को दूर करने की मांग की. साथ ही चुनाव से पहले इन समस्याओं के निराकरण और अगले शैक्षिक सम्मेलन में शिक्षकों की किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो, इस की उम्मीद भी जताई.
मंत्री ने दिया आश्वासन: कार्यक्रम में अपने संबोधन में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने शिक्षक संघ शेखावत का शिक्षक हितों के प्रति कार्य करने का अपना अनुभव भी साझा किया. साथ ही उन्होंने कहा कि आप सबकी जो समस्याएं हैं, उसके निराकरण के प्रयास किए जाएंगे. लेकिन कुछ समस्याएं अन्य विभागों से भी जुड़ी हैं. इसको लेकर संघ के पदाधिकारियों के साथ सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों के साथ वार्ता कर उन समस्याओं को हल कराने की प्रयास भी किए जाएंगे.