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Shani Dev Puja: शनिवार को करें शनिदेव की पूजा, जीवन में दूर होगी रुकावट और मिलेगा शुभफल

हिंदू धर्म शास्त्रों में हर वार की तरह शनिवार का विशेष महत्व है. यह दिन शनिदेव को समर्पित है. शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र हैं और इनकी माता का नाम छाया हैं. इस दिन विधि विधान से शनिदेव की पूजा-अर्चना की (Shani Dev Ki Puja Vidhi) जाती है. शनि देव धर्म शास्त्र और ज्योतिष में न्याय प्रदत देव माना जाता है. शनि की वक्र दृष्टि मनुष्य को हानि पहुंचाती है. शनि के प्रभावों से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है.

Shani Dev Ki Puja Vidhi
शनिवार को करें शनिदेव की पूजा
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Published : Dec 31, 2022, 6:40 AM IST

Updated : Dec 31, 2022, 7:12 AM IST

बीकानेर. शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा (Shani Dev Ki Puja Vidhi) करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं शनि देव की पूजा में किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

मिलती है कृपा: दृष्टिहीन, निशक्तजन, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें और उन्हें किसी भी प्रकार का दान दें. यदि संभव हो सके तो जूता दान करें. साथ ही शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और तेल मांगने वाले को दें या किसी शनि मंदिर में शनिवार के दिन कटोरी सहित तेल रखकर आ जाएं. यह उपाय आप कम से कम पांच शनिवार करेंगे तो आपकी शनि की पीड़ा शांत हो जाएगी और शनिदेव की कृपा मिलती है. शनिदेव की पूजा करते समय उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर पूजा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा पूजा के समय शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए.

हनुमानजी की पूजा: यदि आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो सूर्यास्त के बाद हनुमान जी की पूजा करें. हनुमानजी की पूजा में सिंदूर रखा जाता है और आरती के लिए दीप जलाने के लिए काले तिल के तेल का इस्तेमाल करते हैं. पूजा में नीले फूल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है.

शनियंत्र की स्थापना: अगर शनि के प्रकोप के कारण जीवन संकटों से घिरा हुआ है तो शनिवार के दिन शनि यंत्र की स्थापना कर उसकी पूजा करनी चाहिए. इस यंत्र की प्रतिदिन पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. इससे शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं. शनि यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर और रोजाना नीले फूल चढ़ाने से भी शनि देव की कृपा बनी रहती है.

पढ़ें: Daily Rashifal 31 December : कैसा बीतेगा आज का दिन, जानिए अपना आज का राशिफल

इन मंत्रों का करें जाप: शनि देव की कृपा बनी रहे इसलिए इनके मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके साथ ही द्वादश ज्योर्तिलिंग के नामों का भी उच्चारण करना चाहिए. इसके अलावा हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

इस शनिमंत्र का शनिवार को जाप करें।
ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||

द्वादश ज्योर्तिलिंग नाम
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥

पीपल के पेड़ पूजा: पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. जो भी व्यक्ति शनिवार के दिन सूर्योदय के बाद पीपल की पूजा करने, जल अर्पित करने हुए तेल का दीया जलाने से शनि देव की कृपा हमेशा मिलती है. पीपल के पेड़ की पूजा से शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं.

बीकानेर. शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा (Shani Dev Ki Puja Vidhi) करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं शनि देव की पूजा में किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

मिलती है कृपा: दृष्टिहीन, निशक्तजन, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें और उन्हें किसी भी प्रकार का दान दें. यदि संभव हो सके तो जूता दान करें. साथ ही शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और तेल मांगने वाले को दें या किसी शनि मंदिर में शनिवार के दिन कटोरी सहित तेल रखकर आ जाएं. यह उपाय आप कम से कम पांच शनिवार करेंगे तो आपकी शनि की पीड़ा शांत हो जाएगी और शनिदेव की कृपा मिलती है. शनिदेव की पूजा करते समय उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर पूजा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा पूजा के समय शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए.

हनुमानजी की पूजा: यदि आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो सूर्यास्त के बाद हनुमान जी की पूजा करें. हनुमानजी की पूजा में सिंदूर रखा जाता है और आरती के लिए दीप जलाने के लिए काले तिल के तेल का इस्तेमाल करते हैं. पूजा में नीले फूल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है.

शनियंत्र की स्थापना: अगर शनि के प्रकोप के कारण जीवन संकटों से घिरा हुआ है तो शनिवार के दिन शनि यंत्र की स्थापना कर उसकी पूजा करनी चाहिए. इस यंत्र की प्रतिदिन पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. इससे शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं. शनि यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर और रोजाना नीले फूल चढ़ाने से भी शनि देव की कृपा बनी रहती है.

पढ़ें: Daily Rashifal 31 December : कैसा बीतेगा आज का दिन, जानिए अपना आज का राशिफल

इन मंत्रों का करें जाप: शनि देव की कृपा बनी रहे इसलिए इनके मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके साथ ही द्वादश ज्योर्तिलिंग के नामों का भी उच्चारण करना चाहिए. इसके अलावा हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

इस शनिमंत्र का शनिवार को जाप करें।
ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||

द्वादश ज्योर्तिलिंग नाम
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥

पीपल के पेड़ पूजा: पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. जो भी व्यक्ति शनिवार के दिन सूर्योदय के बाद पीपल की पूजा करने, जल अर्पित करने हुए तेल का दीया जलाने से शनि देव की कृपा हमेशा मिलती है. पीपल के पेड़ की पूजा से शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं.

Last Updated : Dec 31, 2022, 7:12 AM IST
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