बीकानेर. प्राचीन जूनागढ़ से गणगौर की सवारी निकाली गई. गणगौर सवारी चौतीना कुआं पहुंची जहां पानी पिलाने की रस्म पूरी की गई. इस सवारी को देखने के लिए शहरभर से लोग आए. जिसके बाद सवारी फिर से जूनागढ़ में पहुंची. शाही गणगौर को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.इस दौरान जूनागढ़ में राज परिवार के सदस्यों की ओर से अन्य गणगौर की खोल भरने की रस्म भी की गई.
बीकानेर की अंदरूनी शहर के ढ़ढो के चौक में प्राचीन चांदमल ढ़ढा की ख्यातनाम गणगौर का मेला देर रात तक चला. दरअसल पूरे देश में चांदमल ढ़ढा की गवर अपने आप में प्रसिद्ध है.इस गणगौर की खास बात यह है कि साल में एक बार भरने वाले इस मेले के दौरान गणगौर को करोड़ों रुपए के जेवरात पहनाए जाते हैं प्राचीन काल से इस गणगौर को यह जेवरात पहनाए जाते हैं और इस गणगौर को राज परिवार की ओर से भी विशेष मान्यता हासिल है.