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बीकानेरः DA नहीं मिलने से नाराज सेवानिवृत्त कर्मचारी, अपनाएंगे आंदोलन का रास्ता

राज्य सरकार के कर्मचारी जो जुलाई में जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उनकी पेंशन पर संशोधन के कारण रोक लग गई है. इसके विरोध में राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने मीटिंग की और कहा कि अगर कर्मचारियों को डीए नहीं मिलता है, तो वह आंदोलन का रूख करेंगे.

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DA नहीं मिलने से नाराज सेवानिवृत्त कर्मचारी
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Published : Jan 30, 2020, 7:41 PM IST

बीकानेर. राज्य सरकार की ओर से ग्रेड पे कटौती वह बकाया डीए को लेकर प्रदेश के कर्मचारी बड़े आंदोलन की तैयारी में है. इस आंदोलन की शुरुआत गुरुवार बीकानेर में कर्मचारी जागरूकता अभियान से की गई.

DA नहीं मिलने से नाराज सेवानिवृत्त कर्मचारी

राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह चंपावत ने मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के एक आदेश से प्रदेश के डेढ़ से दो लाख कर्मचारियों के वेतनमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है.

यह भी पढ़ें- बहुजन क्रांति मोर्चा की रैली पर लाठीचार्ज का उदयपुर कांग्रेस ने किया विरोध

उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई में जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उनकी पेंशन पर संशोधन के कारण रोक लग गई है. कर्मचारियों के हितों की अनदेखी किए जाने के बाद भी अब तक सभी कर्मचारी संगठन मौन साधे हुए हैं, लेकिन महासंघ एकीकृत चुप बैठने वाला नहीं है. कर्मचारियों के हितों के लिए पहले सरकार को कर्मचारियों की भावनाओं से अवगत कराया जाएगा अगर सरकार कर्मचारियों की मांगे नहीं मानती है, तो प्रदेश में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

चंपावत ने कहा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार बढ़ा हुआ वेतन कम नहीं किया जा सकता, लेकिन प्रदेश की पूर्व वसुंधरा सरकार और वर्तमान गहलोत सरकार ने कर्मचारियों पर कोई रहम नहीं किया. उन्होंने कहा कि सावंत कमेटी की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि जुलाई 2019 से कर्मचारियों को 5% बकाया डीए तुरंत दिया जाए, लेकिन 1 साल बीतने के बाद भी राज्य सरकार ने कर्मचारियों को डीए नहीं दिया है.

बीकानेर. राज्य सरकार की ओर से ग्रेड पे कटौती वह बकाया डीए को लेकर प्रदेश के कर्मचारी बड़े आंदोलन की तैयारी में है. इस आंदोलन की शुरुआत गुरुवार बीकानेर में कर्मचारी जागरूकता अभियान से की गई.

DA नहीं मिलने से नाराज सेवानिवृत्त कर्मचारी

राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह चंपावत ने मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के एक आदेश से प्रदेश के डेढ़ से दो लाख कर्मचारियों के वेतनमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है.

यह भी पढ़ें- बहुजन क्रांति मोर्चा की रैली पर लाठीचार्ज का उदयपुर कांग्रेस ने किया विरोध

उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई में जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उनकी पेंशन पर संशोधन के कारण रोक लग गई है. कर्मचारियों के हितों की अनदेखी किए जाने के बाद भी अब तक सभी कर्मचारी संगठन मौन साधे हुए हैं, लेकिन महासंघ एकीकृत चुप बैठने वाला नहीं है. कर्मचारियों के हितों के लिए पहले सरकार को कर्मचारियों की भावनाओं से अवगत कराया जाएगा अगर सरकार कर्मचारियों की मांगे नहीं मानती है, तो प्रदेश में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

चंपावत ने कहा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार बढ़ा हुआ वेतन कम नहीं किया जा सकता, लेकिन प्रदेश की पूर्व वसुंधरा सरकार और वर्तमान गहलोत सरकार ने कर्मचारियों पर कोई रहम नहीं किया. उन्होंने कहा कि सावंत कमेटी की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि जुलाई 2019 से कर्मचारियों को 5% बकाया डीए तुरंत दिया जाए, लेकिन 1 साल बीतने के बाद भी राज्य सरकार ने कर्मचारियों को डीए नहीं दिया है.

Intro:राज्य सरकार की ओर से ग्रेड पे कटौती वह बकाया डीए को लेकर प्रदेश के कर्मचारी बड़े आंदोलन की तैयारी में है ।इस आंदोलन की शुरुआत आज बीकानेर में कर्मचारी जागरूकता अभियान से की गई आंदोलन के संदर्भ में आज बीकानेर आए अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह चंपावत ने मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के एक आदेश से प्रदेश के डेढ़ से दो लाख कर्मचारियों के वेतनमान में उतार-चढ़ाव हो रहा हैBody:इस वर्ष जुलाई में जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनकी पेंशन पर वही संशोधन के कारण रोक लग गई है ।कर्मचारियों के हितों की अनदेखी किए जाने के बाद भी अब तक सभी कर्मचारी संगठन मौन साधे हुए हैं लेकिन महासंघ एकीकृत चुप बैठने वाला नहीं है ।कर्मचारियों के हितों के लिए पहले सरकार को कर्मचारियों की भावनाओं से अवगत कराया जाएगा अगर सरकार कर्मचारियों की मांगे नहीं मानती है तो प्रदेश में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।Conclusion:चंपावत ने कहा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार बढ़ा हुआ वेतन कम नहीं किया जा सकता लेकिन प्रदेश की पूर्व वसुंधरा सरकार और वर्तमान गहलोत सरकार ने कर्मचारियों पर कोई रहम नहीं किया ।उन्होंने कहा कि सावंत कमेटी की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि जुलाई 2019 से कर्मचारियों को 5% बकाया डी ए तुरंत दिया जाए लेकिन 1 साल बीतने के बाद भी राज्य सरकार ने कर्मचारियों को डीए नहीं दिया है ।उन्होंने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने तथा संवेदक पर लगे कर्मियों को नियमित करने की मांग भी सरकार के सामने रखी अगर सरकार समय रहते उनकी इन मांगों को नहीं मानती है तो आगे की रणनीति तय की जाएगी।
बाइट-केसरी सिंह चंपावत ,प्रदेशाध्यक्ष, अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत
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