बीकानेर. राजस्थान में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है, जिसकी तैयारियां अभी से ही शुरू हो गई हैं. सत्ताधारी कांग्रेस हो या फिर विपक्षी भाजपा दोनों ही पार्टियों ने कमर कस ली है. प्रचार से लेकर टिकट वितरण तक की रणनीति बनाई जा रही है, लेकिन इन सब के बीच टिकटों को लेकर दावेदारों की आपसी संघर्ष भी अब आम बात हो गई है, जिसकी बानगी कई बार देखने को भी मिली है. इसी कड़ी में शनिवार को बीकानेर पहुंचे कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य व पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने टिकट को लेकर बड़ा बयान दिया. चौधरी ने कहा कि पार्टी जिताऊ और टिकाऊ चेहरों को ही अपना उम्मीदवार बनाएगी और ये ही मेन क्राइटेरिया भी है. उन्होंने टिकट को लेकर किसी भी तरह की पॉलिसी से साफ इनकार कर दिया और संकेत दिया कि दो बार के हारे प्रत्याशियों को भी टिकट मिल सकता है, क्योंकि इसको लेकर फिलहाल पार्टी स्तर पर कोई पॉलिसी नहीं है.
दरअसल, हरीश चौधरी शनिवार को उम्मीदवार चयन प्रक्रिया के जिला प्रभारी के तौर पर बीकानेर पहुंचे थे. यहां उन्होंने शहर व देहात कांग्रेस कार्यालय में पार्टी नेताओं व टिकट के दावेदारों के साथ बैठक कर उनके आवेदन लिए. साथ ही वहां मौजूद कांग्रेसियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के हाथ को मजबूत करने की दिशा में सभी को एक होकर चुनावी मैदान में उतरना है और हम सभी का केवल एक ही लक्ष्य है और वो है कांग्रेस की जीत.
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चौधरी ने दिए ये बड़े संकेत - दो बार हारे उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने सिर्फ जिताऊ और टिकाऊ का क्राइटेरिया रखा है. साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि इस बार कोई उम्मीदवार सर्वे में बेहतर पाया जाता है और वो दो बार चुनाव हार भी चुका है तो पार्टी उसे टिकट देने से गुरेज नहीं करेगी. हालांकि, इसको लेकर पार्टी की ओर से कई बार संकेत भी दिए जा चुके हैं और खुद सीएम गहलोत भी कह चुके हैं कि सर्वे के आधार पर ही किसी को प्रत्याशी बनाया जाएगा.
उम्र का कोई क्राइटेरिया नहीं - कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के वरिष्ठ नेताओं की उम्रदराज होने पर पद छोड़ने वाले बयान के बाद इस बात को लेकर कांग्रेस में अंदरखाने चर्चा शुरू हो गई थी कि शायद 70 साल से ऊपर वाले नेताओं को इस बार टिकट न मिले, लेकिन बीकानेर के दौरे पर आए हरीश चौधरी ने साफ कर दिया कि उम्र का कोई क्राइटेरिया टिकट को लेकर नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी का सिर्फ एक ही क्राइटेरिया है और वो है जिताऊ प्रत्याशी और उसका टिकाऊ होना.
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बीकानेर में बेनीवाल और मंगलाराम - दरअसल, चौधरी के दो बार हारे हुए उम्मीदवारों को टिकट नहीं काटने के संकेत का बीकानेर पर भी असर देखने को मिल सकता है. श्रीडूंगरगढ़ से मंगलाराम और लूणकरणसर से वीरेंद्र बेनीवाल लगातार दो बार चुनाव हार चुके हैं. पिछली बार बीकानेर पश्चिम से बीडी कल्ला को पार्टी ने इसी क्राइटेरिया को तोड़कर टिकट दिया था, क्योंकि कल्ला भी यहां दो बार लगातार चुनाव हारे थे. बावजूद इसके पार्टी ने उन पर भरोसा व्यक्त किया और वो चुनाव जीत गए.
दावेदारों ने किया शक्ति प्रदर्शन - उधर, जाट धर्मशाला में हरीश चौधरी के सामने टिकट के दावेदारों ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया. इस दौरान दावेदारों ने हरीश चौधरी से मिलकर टिकट की दावेदारी की. इसके अलावा छतरगढ़ और खाजूवाला को अनूपगढ़ जिले में शामिल करने को लेकर लगातार 20वें दिन चल रहे धरने के बीच संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने हरीश चौधरी से मुलाकात कर सरकार के निर्णय को बदलने की मांग की.