बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर के किकानी व्यास चौक में हर साल होली के मौके पर पिछले कई दशकों से लटियाल कला केन्द्र की ओर से जमना दास कल्ला की ख्याल चौमासो पर आधारित स्वांग मेहरी रम्मत के मंचन होता है और बसंत पंचमी के बाद इनका अभ्यास शुरू हो जाता है. इस रम्मत में समसामयिक मुद्दों पर आधारित समस्याओं को चिन्हित करते हुए नेताओं सरकार और सिस्टम पर कटाक्ष किया जाता है.
रम्मत मंचन से जुड़े एडवोकेट मदन गोपाल व्यास कहते हैं कि जो समस्याएं आम जनता के सामने हैं उन समस्याओं को लेकर इस रमत का मंचन होता है और यह सालों से चली आ रही हमारी परंपरा है. इस बार राजस्थान में हुई पेपर लीक की घटनाएं हो या फिर महंगाई और बेरोजगारी, नेताओं के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का मामला हो या दलबदल करते हुए खुद के स्वार्थ को सिद्ध करने की बात, इन मुद्दों को लेकर कटाक्ष किए गए हैं.
रम्मत की कुछ ख्याल पंक्तियां :
'भ्रष्टाचारी ना रुक पावे, म्हे रोज पढ़ो अखबारों में
ऐ घूस लेवण वाला नेता, घूमे महंगी कारों में हो
ऐ तो नित रा दल है बदल रहया, औरों है कोई न नेम धरम जनता री कोई ना सोच फिकर, खुद रा खूंजा (जेब) ए करे गरम
युवाओं सूं खिलवाड़ करे, रूपिया ले पेपर लीक करे
बढ़ती जावे बेरोजगारी, कुण हालातों ने ठीक करे
औपचारिकता है सब पेपर, पद बंट रहया परिवारों में'
यानी भ्रष्टाचार नहीं रूक रहा है और हम रोज खबरों में पढ़ रहे हैं. यह रिश्वत लेने वाले नेता घूम रहे हैं महंगी कारों में. यह नेता रोज दल बदलते हैं इनका कोई ईमान नहीं है. इनको कोई चिंता नहीं है और खुद की जेब गर्म करने में जुटे हुए हैं. साथ ही खिलवाड़ कर रहे हैं और रुपये लेकर पेपर लीक करवाते हैं. बढ़ रही है बेरोजगारी, कौन हालातों को ठीक करेगा. पेपर सब औपचारिकता है, पद परिवारों में बंट रहे हैं. हर साल जमना दास कल्ला की रम्मत का मंचन होली से 4 दिन पहले होता है और उसी को लेकर हर रोज रात में रम्मत के सारे पात्र मिलकर अभ्यास कर रहे हैं.