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Mangal Rashi Parivartan : मंगल का कन्या राशि में प्रवेश, 3 अक्टूबर तक इन राशियों के जातक रहें सावधान - वैदिक ज्योतिष में मंगल

मंगल के राशि परिवर्तन का प्रभाव अन्य राशियों के जातकों पर पड़ना तो तय है, लेकिन किस राशि के जातक को लाभ और किसे नुकसान होने की संभावना है चलिए जानते हैं.

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Published : Aug 19, 2023, 3:44 PM IST

बीकानेर. वैदिक ज्योतिष में मंगल को महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है, जो अग्नि कारक होने के साथ ही नवग्रहों का सेनापति भी है. शुक्रवार को मंगल ने अग्नि तत्व की राशि सिंह का त्याग कर पृथ्वी तत्व की कन्या राशि में प्रवेश किया, जो कन्या राशि में आगामी 3 अक्टूबर तक बना रहेगा. मंगल के इस गोचर से व्यापारिक प्रबंधन में अनुकूलता, यातायात और वस्तुओं के परिवहन में सुगमता के साथ ही आर्थिक वृद्धि के प्रबल योग बने हैं. साथ ही इसके कन्या राशि में प्रवेश करने से विभिन्न राशियों में इसके पृथक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं.

असल में जन्म कुंडली में मंगल जातक के साहस, ऊर्जा, गतिशीलता, जीवन शक्ति और अनुशासन का कारक होता है. वहीं, व्यक्ति के शरीर में खून, हड्डी, शारीरिक चोट या दुर्घटना द्योतक होते हैं. इसके अतिरिक्त मंगल भूमि, वाहन, आग्नेयास्त्र का भी प्रतिनिधित्व करता है. जातक की कुंडली में मंगल प्रबल होने पर व्यक्ति साहसी और अनुशासित होता है और दुर्बल होने पर आलसी, ऊर्जाहीन और क्रोधी होता है.

इसे भी पढ़ें - ज्योतिष शास्त्र: तुलसी के पत्ते तोड़ते समय रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान!

दुर्बल या नीच राशि में उपस्थित मंगल को प्रबलता देने के लिए मंगलवार के दिन सोने की अंगूठी में मूंगा का अनामिका अंगुली में धारण करना श्रेयकर होता है. बीकानेर के ज्योतिर्विद डॉ. आलोक व्यास के अनुसार आगामी 3 अक्टूबर तक अलग-अलग राशियों पर इसका पृथक प्रभाव देखने को मिलेगा.

  1. मेष : कानूनी वाद-विवाद, रोग, ऋण अथवा शत्रु बाधा, दैनिक क्रियाकलाप या स्वास्थ्य के प्रति अनुशासन के साथ सजग रहना चाहिए.
  2. वृषभ : रचनात्मक क्रियाकलाप, संतान संबंधी कार्यों में ऊर्जा, शेयर बाजार अथवा सट्टेबाजी की मनोवृत्ति बढ़ेगी.
  3. मिथुन : गृहस्थान में नवाचार, भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय की इच्छा, माता संबंधी परेशानी देखने को मिल सकती है.
  4. कर्क : कार्य के लिए यात्रा, छोटे भाई-बहन अथवा अधीनस्थ से मतभेद, संप्रेषण या नेतृत्व संबंधी कार्य में ऊर्जा की खपत होगी.
  5. सिंह : पारिवारिक आयोजन या पारिवारिक जिम्मेदारी, स्थायी संपत्ति निर्माण की इच्छा, वाणी अथवा नेत्र सम्बंधी दोष देखने को मिल सकता है.
  6. कन्या : आत्मानुशासन को लेकर प्रयास, शारीरिक कष्ट, आत्म छवि को लेकर असंतोष होगा.
  7. तुला : आमोद प्रमोद अथवा लंबी दूरी की यात्रा में व्यय, व्यापार में हानि, अस्पताल संबंधी खर्च, मानसिक चिंता देखने को मिलेगी.
  8. वृश्चिक : संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, आय में वृद्धि के लिए प्रयासों में अनुशासन, बड़े भाई बहन से मतभेद, आर्थिक अनुकूलता बनेगी.
  9. धनु : नौकरी अथवा पदोन्नति के लिए विशेष प्रयास, उच्च अधिकारियों अथवा पिता से संबंधों में सुधार, सामाजिक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी के लिए प्रयास होंगे.
  10. मकर : उच्च अध्ययन के अवसर, धार्मिक क्रियाकलाप, गुरुजनों का आशीर्वाद, नव संस्कृति से संपर्क बढ़ेगा.
  11. कुंभ : भूमिगत वस्तु अथवा तंत्र मंत्र की ओर झुकाव, नकारात्मक मानसिकता, मन में भय अथवा आशंका बढ़ेगी.
  12. मीन : नव साझेदारी के योग, विवाह अथवा सगाई के अवसर, पत्नी अथवा जीवनसाथी का सहयोग के अवसर बनेंगे.

बीकानेर. वैदिक ज्योतिष में मंगल को महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है, जो अग्नि कारक होने के साथ ही नवग्रहों का सेनापति भी है. शुक्रवार को मंगल ने अग्नि तत्व की राशि सिंह का त्याग कर पृथ्वी तत्व की कन्या राशि में प्रवेश किया, जो कन्या राशि में आगामी 3 अक्टूबर तक बना रहेगा. मंगल के इस गोचर से व्यापारिक प्रबंधन में अनुकूलता, यातायात और वस्तुओं के परिवहन में सुगमता के साथ ही आर्थिक वृद्धि के प्रबल योग बने हैं. साथ ही इसके कन्या राशि में प्रवेश करने से विभिन्न राशियों में इसके पृथक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं.

असल में जन्म कुंडली में मंगल जातक के साहस, ऊर्जा, गतिशीलता, जीवन शक्ति और अनुशासन का कारक होता है. वहीं, व्यक्ति के शरीर में खून, हड्डी, शारीरिक चोट या दुर्घटना द्योतक होते हैं. इसके अतिरिक्त मंगल भूमि, वाहन, आग्नेयास्त्र का भी प्रतिनिधित्व करता है. जातक की कुंडली में मंगल प्रबल होने पर व्यक्ति साहसी और अनुशासित होता है और दुर्बल होने पर आलसी, ऊर्जाहीन और क्रोधी होता है.

इसे भी पढ़ें - ज्योतिष शास्त्र: तुलसी के पत्ते तोड़ते समय रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान!

दुर्बल या नीच राशि में उपस्थित मंगल को प्रबलता देने के लिए मंगलवार के दिन सोने की अंगूठी में मूंगा का अनामिका अंगुली में धारण करना श्रेयकर होता है. बीकानेर के ज्योतिर्विद डॉ. आलोक व्यास के अनुसार आगामी 3 अक्टूबर तक अलग-अलग राशियों पर इसका पृथक प्रभाव देखने को मिलेगा.

  1. मेष : कानूनी वाद-विवाद, रोग, ऋण अथवा शत्रु बाधा, दैनिक क्रियाकलाप या स्वास्थ्य के प्रति अनुशासन के साथ सजग रहना चाहिए.
  2. वृषभ : रचनात्मक क्रियाकलाप, संतान संबंधी कार्यों में ऊर्जा, शेयर बाजार अथवा सट्टेबाजी की मनोवृत्ति बढ़ेगी.
  3. मिथुन : गृहस्थान में नवाचार, भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय की इच्छा, माता संबंधी परेशानी देखने को मिल सकती है.
  4. कर्क : कार्य के लिए यात्रा, छोटे भाई-बहन अथवा अधीनस्थ से मतभेद, संप्रेषण या नेतृत्व संबंधी कार्य में ऊर्जा की खपत होगी.
  5. सिंह : पारिवारिक आयोजन या पारिवारिक जिम्मेदारी, स्थायी संपत्ति निर्माण की इच्छा, वाणी अथवा नेत्र सम्बंधी दोष देखने को मिल सकता है.
  6. कन्या : आत्मानुशासन को लेकर प्रयास, शारीरिक कष्ट, आत्म छवि को लेकर असंतोष होगा.
  7. तुला : आमोद प्रमोद अथवा लंबी दूरी की यात्रा में व्यय, व्यापार में हानि, अस्पताल संबंधी खर्च, मानसिक चिंता देखने को मिलेगी.
  8. वृश्चिक : संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, आय में वृद्धि के लिए प्रयासों में अनुशासन, बड़े भाई बहन से मतभेद, आर्थिक अनुकूलता बनेगी.
  9. धनु : नौकरी अथवा पदोन्नति के लिए विशेष प्रयास, उच्च अधिकारियों अथवा पिता से संबंधों में सुधार, सामाजिक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी के लिए प्रयास होंगे.
  10. मकर : उच्च अध्ययन के अवसर, धार्मिक क्रियाकलाप, गुरुजनों का आशीर्वाद, नव संस्कृति से संपर्क बढ़ेगा.
  11. कुंभ : भूमिगत वस्तु अथवा तंत्र मंत्र की ओर झुकाव, नकारात्मक मानसिकता, मन में भय अथवा आशंका बढ़ेगी.
  12. मीन : नव साझेदारी के योग, विवाह अथवा सगाई के अवसर, पत्नी अथवा जीवनसाथी का सहयोग के अवसर बनेंगे.
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