बीकानेर. हिन्दू धर्म में हर दिन वार विशेष की तरह रविवार का भी एक महत्व है. मान्यता है कि रविवार का दिन भगवान सूर्यनारायण को समर्पित है. रवि सूर्य का ही एक नाम है. रविवार को भगवान सूर्य की पूजा करने से सभी कार्य निष्कंटक होते हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है.
हर रोज करें ये काम : वैसे तो जिस तरह भगवान सूर्य रोजाना उदय होते हैं वैसे हमें भी रोजाना उनको अर्घ्य देना चहिए. यह उनको पूजा का एक माध्यम है. मान्यता है कि एकमात्र सूर्य ही ऐसे देवता हैं जो हमें हर रोज नजर आते हैं. हालांकि चंद्रमा भी हमें नजर आते हैं लेकिन कृष्ण पक्ष में वो अपनी पूरी कलाओं के साथ नहीं होते हैं. रविवार को उगते सूरज को जल देना बहुत ही शुभ होता है. सूर्य देव को जल देने के बाद धन की देवी मां लक्ष्मी की भी पूजा भी करनी चाहिए. ऐसा करने से सूर्य देव के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है.
तांबे के कलश से जल चढ़ाएं : मान्यता है कि भगवान सूर्य को उगते वक्त जल से अर्घ्य दिया जाता है. जल में रोली या लाल चंदन का उपयोग किया जा सकता है और यह सब नहीं भी हो तो सामान्य जल से भी अर्घ्य दिया जा सकता है लेकिन जल का कलश तांबे का इसका ध्यान जरूर रखें. प्रयोग करें.
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मंत्र स्मरण करते हुए दें अर्घ्य : पुराणों में कहा गया है कि भगवान सूर्य को उगते वक्त उनके मंत्र का स्मरण उच्चारण करना चाहिए. ऊं आदित्य नम: और ऊं घृणि सूर्याय नमः, ॐ भास्कराय नमः मंत्रों का जाप करते हुए अर्ध्य देने से फल मिलता है.